यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ कुछ यूं चुनेंगे अपने अधिकारी
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जल्द ही विभागीय प्रेजेंटेशन के लिए बैठेंगे। इसमें विभाग से जुड़े अधिकारी अपने योजना को मुख्यमंत्री के सामने पेश करेंगे।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सत्ता संभाले करीब दो हफ्ते से ज्यादा का समय हो चुका है। इस दौरान सरकार की ओर से कई बड़े फैसले लिए गए। इन फैसलों के बीच अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ नौकरशाही में भी बड़े बदलाव की तैयारी में जुट गए हैं। आम तौर सत्ता परिवर्तन होने के बाद नई कमान संभालने वाले अकसर ऐसे बदलाव करते हैं। इसी तर्ज पर यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ भी बेहद खास अंदाज में अधिकारियों का चुनाव करेंगे।
सीएम कार्यालय में अधिकारियों के चुनाव को लेकर खास रणनीति
सूत्रों के मुताबिक प्रभावशाली नाथ संप्रदाय के प्रमुख, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं और सहयोगियों से कहा है कि वो ऐसे अधिकारियों की लिस्ट तैयार करें जो कार्य के प्रति ईमानदार हों। उनमें अपने कार्य को लेकर भूख तो हो ही, इसके साथ-साथ धरातल भी कुछ अच्छे कार्य किए हों।
अधिकारियों के चुनाव को लेकर खास रणनीति
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जल्द ही विभागीय प्रेजेंटेशन के लिए बैठेंगे। इसमें विभाग से जुड़े अधिकारी अपने योजना को मुख्यमंत्री के सामने पेश करेंगे। अधिकारी बताएंगे कि आखिर कैसे चुनाव में किए गए पार्टी के वादों को पूरा किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक पिछले दो हफ्ते के कार्यकाल के दौरान सीएम आदित्यनाथ ने अधिकारियों को खास मौका दिया, जिससे कि वो अपने कार्यों का लेखा-जोखा तैयार कर सकें, साथ ही 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के चुनावी वादों का लक्ष्य पूरा किया जा सके इसको लेकर भी खास रणनीति बनाई गई। बता दें कि उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा सांसद लोकसभा के लिए चुने जाते हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के पीछे यूपी का रोल बेहद अहम था। पार्टी ने यूपी में उस समय 71 और अपने सहयोगियों का साथ मिलकर 73 सीटें हासिल की थी।
सीएम आदित्यनाथ के सामने होगा प्रेजेंटेशन
फिलहाल इस कवायद में सबसे पहले शिक्षा विभाग को रखा गया है। माना जा रहा है कि उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, जो यूपी सरकार में शिक्षा मंत्री भी हैं, तकनीकि शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन और शिक्षा राज्य मंत्री संदीप सिंह खास प्रेजेंटशन में शामिल होंगे। इस दौरान कार्य के प्रति माहौल बनाने के साथ-साथ अधिकारियों के चुनाव में अखंडता पर खास जोर दे रही है। प्रदेश की सतर्कता विभाग से कहा गया है कि आखिर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के साथ कौन अधिकारी काम करेगा इसकी लिस्ट जारी की जाए।
अधिकारियों के अदला-बदली का दौर जल्द
पिछली अखिलेश सरकार पर भ्रष्टाचार और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम रहने के आरोप लगे हैं। आरएसएस की पृष्ठभूमि वाले बीजेपी के एक नेता ने बताया कि आपने देखा होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों को मना किया है कि किसी भी तबादले की अनुशंसा उनकी ओर से नहीं किया जाए। माना जाता है कि भाजपा, आरएसएस की विचारधारा पर चलती है। उस पर हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया जाता रहा है। फिलहाल आदित्यनाथ अभी अखिलेश सरकार के दौर के अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं। केवल एक नए अधिकारी रिग्जिन संफेल ही नए अधिकारी के तौर पर सीएम कार्यालय में शामिल किए गए हैं।
सीएम ने अधिकारियों को दिए हैं खास निर्देश
फिलहाल अधिकारियों के चुनाव को लेकर प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है। इस मुद्दे पर आरएसएस और सीएम के करीबियों के बीच चर्चाओं का दौर जारी है। माना जा रहा है कि करीब 15 साल बाद सपा और बसपा के करीबी अधिकारियों की जगह बीजेपी नए अधिकारियों को अपने साथ लेकर आएगी। मुख्यमंत्री की ओर से साफ कर दिया गया है कि अगर अधिकारी 18 से 20 घंटे काम करने के लिए तैयार नहीं हैं तो काम छोड़ कर जा सकते हैं।
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