यूपी उपचुनाव: नतीजे बीजेपी की उपलब्धि लेकिन विपक्ष के लिए चिंतन काल
लखनऊ। बिहार में तो एग्जिट पोल का कांटा गड़बड़ा गया। लेकिन यूपी में कील-कांटा दुरुस्त है। यहां नतीजे, चुनाव बाद के सर्वे के माफिक आए हैं। बीजेपी ने अपनी सभी 6 सीटों को सुरक्षित रखा है। साढ़े तीन साल के शासन और कोरोना संकट के बाद भी अगर अच्छे परिणाम आये हैं तो निश्चित तौर पर यह यूपी की योगी सरकार को सुकून देने वाला और 2022 के विधान सभा चुनाव के लिए अच्छा संकेत माना जायेगा। क्योंकि किसी भी सत्तारूढ़ दल के लिए एंटीइनकम्बेंसी फैक्टर एक बड़ी चुनौती होता है। बस एक कसक रह गई। जौनपुर की मल्हनी सीट पर चमत्कार नहीं हुआ। यहां सपा के लिए लकी यादव लकी साबित हुए। बाकी सीटें विपक्ष के लिए, तो मल्हनी बीजेपी के लिए चिंतन का विषय है। मल्हनी में बीजेपी के मनोज सिंह निर्दल तीसरे नंबर पर रहे।
नौगांव सादात, घाटमपुर और बांगरमऊ सीट को जीतना बीजेपी के लिए सुखद अहसास है। विपक्ष का मजबूत किला मानी जाने वाली घाटमपुर सीट बीजेपी ने पहली बार 2017 में जीती थी। कमल रानी के निधन के बाद इस सीट पर दोबारा विजय हासिल करना बड़ी उपलब्धि है। इसी तरह बांगरमऊ सीट बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सजा होने के बाद खाली हुई थी। बांगरमऊ अच्छे अन्तर से जीतकर बीजेपी ने दाग को साफ़ कर दिया है। इसके आलावा मुस्लिम बहुल नौगांव सादात में जीत हासिल करना भी इस बात का संकेत है कि वो दिन गए जब मुस्लिम मतदाता नतीजे तय करते थे। इसका एक उदाहरण बुलन्दशहर सीट भी है। मुस्लिम बहुल बुलन्दशहर सदर को बसपा प्रभाव वाली सीट माना जाता है। लेकिन 17 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी ने बसपा से छीन ली थी। क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या करीब 3 लाख 80 हजार है। इनमें से मुस्लिम मतदाता करीब एक लाख 10 हजार हैं। इनका रुझान चुनाव नतीजे पर सीधा असर डालता है। यहाँ बीजेपी की उषा सिरोही के मुकाबले बसपा के मोहम्मद यूनुस खान के आलावा अन्य चार मुस्लिम प्रत्याशी भी थे। लेकिन लगता है मुस्लिम मतदाताओं का वोट इस बार बंट गया और और गैर मुस्लिम मतदाता एकजुट हो गया। इससे बीजेपी की राह आसान हो गई।
उत्तर प्रदेश में उपचुनाव के नतीजों से एक बात और साफ़ हो गई कि करीब साढ़े तीन साल के बीजेपी शासन को लेकर जनता में वैसे नाराजगी नहीं है जैसा कि विपक्ष, खासकर सपा और कांग्रेस ने दिखाने की कोशिश की। उपचुनाव के नतीजों में ब्राह्मणों की नाराजगी भी नहीं झलकी। उदाहरण के लिए देवरिया सीट को ले सकते हैं। इस ब्राह्मण बहुल सीट पर सपा के भारी-भरकम प्रत्याशी ब्रह्माशंकर के खिलाफ बीजेपी की 20 हजार से अधिक मतों से जीत इसकी पुष्टि करते हैं। भूमाफिया और लव जेहाद के खिलाफ अभियान को भी जनता ने सही परिपेक्ष्य में लिया। कुछ कमियों के बावजूद प्रदेश की जनता ने कोरोना काल में योगी सरकार के प्रयासों का समर्थन किया है।
दूसरी तरफ सपा, बसपा और कांग्रेस अभी भी अपने तुष्टिकरण और जाति विशेष की राजनीति के पुराने फार्मूले से उबर नहीं सकी हैं। जनता ने इसे नकार दिया है। इन नतीजों से तो यही साबित होता है।
नौगाँव सादात और मल्हनी में 3 नवम्बर को हुए मतदान में सबसे ज्यादा क्रमशः 57.60 और 55.60 प्रतिशत वोट पड़े थे। और इन्हीं दो सीटों पर सबसे कड़ा मुकाबला था। मल्हनी में सपा के लकी यादव के पक्ष में और नौगाँव सादात सीट पर संगीता चौहान के पक्ष में पड़े सहानुभूति वोट ने भी परिणाम पर असर डाला है। इन दोनों सीट पर शुरुआती दस चक्र तक टी-20 जैसा मुकाबला चला। लेकिन अब 2022 के विधान सभा चुनावों में बीजेपी के लिए चुनौती बढ़ गई है। बचे डेढ़ साल में विपक्ष योगी सरकार की कमियों का छिद्रान्वेषण करेगा और सरकार को घेरेगा। विपक्ष के लिए आत्ममंथन तो बीजेपी के लिए और बेहतर प्रबंधन का समय आ गया है।
एक नजर नतीजों पर
1.बांगरमऊ: सीट पर भाजपा का फिर कब्जा, भाजपा प्रत्याशी श्रीकांत कटियार ने कांग्रेस प्रत्याशी आरती वाजपेयी को 31 हजार 398 वोटों से हरा दिया है। सपा को तीसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। बसपा अपनी जमानत तक नहीं बचा सकी। कुल वोट पड़े एक लाख 72 हजार 733
श्रीकांत कटियार-बीजेपी-71381
आरती बाजपेयी - कांग्रेस-39983
सुरेश पाल- सपा - 35322
महेश पाल-बसपा- 19062 ( जमानत जब्त)
2.मल्हनी(जौनपुर): जौनपुर की मल्हनी सीट पर सपा का कब्जा बरकरार रहा है। मल्हनी में यह सपा की तीसरी जीत है। सपा के लकी यादव ने निर्दल धनंजय सिंह को 4604 वोटों के अंतर से हराया। भाजपा और बसपा समेत 14 उम्मीदवार जमानत भी नहीं बचा सके।
लकी यादव - सपा - 73384 वोट
धनंजय सिंह- निर्दल- 68780
मनोज सिंह-बीजेपी- 28803
जयप्रकाश दुबे- बसपा- 25164
नोटा 982 मतदाताओं ने नोटा का बटन दबाया
3.नौगांवा सादात : नौगांवा सादात विधानसभा उप चुनाव में भाजपा की संगीता चौहान विजयी रहीं। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के जावेद आब्दी को 15077 मतों से पराजित किया।
संगीता चौहान-बीजेपी- 86692
जावेद आब्दी- सपा 71615
फुरकान अली- बसपा - 38399
कमलेश सिंह- कांग्रेस- 4532
4. घाटमपुर: घाटमपुर विधानसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी ने कांग्रेस प्रत्याशी को 23820 वोट से हराया।
उपेंद्र पासवान- बीजेपी- 60405
डॉक्टर कृपाशंकर- कांग्रेस- 36585
कुलदीप संखवार- बसपा -33955
इंद्रजीत कोरी- सपा- 22735
5 बुलंदशहर सदर: इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार उषा सिरोही जीतीं।
बुलंदशहर सदर सीट पर भाजपा उम्मीदवार उषा सिरोही 21702 मतों से उपचुनाव में विजयी रहीं।
उषा सिरोही-बीजेपी- 86879
हाजी यूनुस- बसपा - 66943
6. देवरिया : यहाँ बीजेपी के डॉ सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी ने सपा को 20337 वोटो से हराया
डॉ सत्यप्रकाश मणि त्रिपाठी-बीजेपी - 68501
ब्रह्माशंकर त्रिपाठ- सपा - 48164
अभयनाथ त्रिपाठी - बसपा- 22025
मुकुंद भास्कर मणि त्रिपाठी- कांग्रेस-3380
अजय प्रताप सिंह पिंटू- निर्दल- 19259
7. टूंडला : इस सुरक्षित विधानसभा सीट पर भाजपा ने सपा को 17683 वोट से हराया
प्रेमपाल सिंह धनगर- भाजपा) - 72950
महाराज सिंह धनगर- सपा - 55267
संजीव चक- बसपा - 41010
कौन हैं लकी यादव, जिन्होंने यूपी उपचुनाव में सपा को एकमात्र सीट पर दिलाई है जीत