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यूपी विधानसभा चुनाव 2020 में भाजपा के खिलाफ सपा कुछ यूं बिछाएगी चुनावी बिसात, सपा ने खोले राज

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लखनऊ, 19 जून। उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर राजनीतिक दलों के बीच अभी से घमासान शुरू हो चुका है। यूपी में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से यूपी की सत्‍ता हथियाने के लिए मुख्‍य विपक्षी पार्टी अभी से काफी सक्रिय हो चुकी है। सपा राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री और पूर्व मुख्‍यमंत्री ये दावा कर रहे हैं कि इस बार चुनाव में उनकी पार्टी अन्‍य छोटे दलों के गठबंधन के साथ 300 सीटों पर जीत हासिल करेगी और भाजपा को उखाड़ बाहर करेगी। ऐसे में सपा ये किस आधार पर ये दावा कर रही हैं उसकी सत्‍ताधारी भाजपा को घेरने की क्‍या तैयारी है, सपा की चुनाव में क्‍या रणनीति होगी, क्‍या होंगे सपा के मुद्दे इन सभी सवालों के जवाब में सपा की राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता जूही सिंह ने हिंदी वनइंडिया को दिए लाइव इंटरव्‍यू कई राज खोले!

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सपा किस आधार पर यूपी विधानसभा चुनाव में 300 सीटों पर चुनाव जीतने का दावा कर रही है?

यूपी विधानसभा चुनाव 2020 में 300 सीटों पर सपा चुनाव जीतने की दावा इसलिए कर रही है क्‍योंकि हमने वास्‍तव में बूथ स्‍तर पर हम तैयार है, हमने बूथ स्‍तर पर कार्यकर्ताओं को पार्टी का काम बताने और विचारधारा समझाने के लिए हमने प्रशिक्षण शिविर का भी आयोजन किया था। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने हर जिले और हर विधानसभा में गए और कार्यकर्ताओं से लेकर बड़े नेताओं से मिले और वहां की समस्‍याओं को समझा। यूपी एक बड़ा प्रदेश है बुदेलखंड की अलग समस्‍या है और पूर्वांचल की अलग समस्‍या है, उन सब चर्चा हुई और नेताओं से रुबरू हुए और अखिलेश यादव की देखरेख में एक स्‍ट्रेटजी तैयार की है और यूपी के हर इलाके की समस्‍या पर आधारित हम अपना घोषणा पत्र तैयार कर सके। कार्यकर्ताओं से हम सरकार की कमियों का पता लगा चुके है और फीड बैक एक अच्‍छा मैकेनिजम है इसी आधार पर हम अपना फीड बैक तैयार कर रहे हैं। वैसे ही समाजवादी समाज की पार्टी है इस‍लिए हर हमें हर तबके की चिंता है। बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, युवा, किसान समेत अन्‍य आम आदमी की समस्‍याएं सपा के मुद्दे रहेंगे।

यूपी विधानसभा चुनाव 2020 में सपा की क्‍या रणनीति क्‍या होगी?
जुही सिंह ने कहा सपा काम करती है और हम अपने काम पर भरोसा करते हैं। यूपी ने कोरोना ने बहुत बुरा समय देखा, बेड,एम्‍बुलेंस, दवा की किल्‍लत हो यहां तक कि शमसान घाट पर शव का दाह संस्‍कार तक नहीं हो पा रहा था। योगी सरकार में बेरोजगारी बढ़ी है, मंहगाई बढ़ रही, महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़े हैं इसके अलावा हर तरफ अराजकता है। इन सभी में यूपी सरकार फेल रही वहीं हमारी सरकार जब 2012 में आई तब अखिलेश यादव की सरकार में हम शहर और गांव सब जगह काम किया था। लैपटॉप वितरण, सड़क निर्माण समेत अन्‍य काम किए। अपराध को रोकने के लिए डिजिटलाइजेशन किया और उसे एडवांस टेक्‍नालॉजी से जोड़कर कैसे बेहतर काम किया जाए इस पर सपा की सरकार ने काम किया था लेकिन योगी सरकार में ये साथ काम वहीं ठप्‍प हो गया है। उन सभी कामों को आगे बढ़ाते हुए बाकी जनता की वर्तमान जो समस्‍याएं उस हमारी पार्टी सहयोग करती रहती हैं हम उसी के आधार पर काम करेंगे और चुनाव लड़ेगे।

साढ़े चार सालों में तक अखिलेश यादव ट्वीट पर ही विपक्षी पार्टी बनकर वार करते रहे ऐसे में क्‍या वोटर्स को वोट हासिल कर पाएगी ?
भाजपा प्रचारकों की पार्टी है, वो प्रचारकों की पार्टी है, उसने समाजवादी पार्टी को एक कलर दिया, जो जमीन की पार्टी थी सपा जमीन की पार्टी है और हम पंचायत चुनाव में जीत कर हमने अपना दम खम दिखा दिया कोरोना काल में प्रवासी लोगों के खाने, रहने की व्‍यवस्‍था हमने की, कोरोना की दूसरी लहर में दवाओं को इंतजाम, इसके अलावा बच्‍चों की पढ़ाई , बेरोजगारों की हम मदद करते रहे, लॉकडाउन का पालन करते महिलाओं को राशन पहुंचा, कई कार्यक्रम किए जिसमें ,महिला घेरा, ट्रैक्‍टर रैली, युवा घेरा, सांस्‍कृतिक घेरा, किसान घेरा समेत अन्‍य काम किया कार्यक्रम करते रहे हालांकि उनका प्रचार उतना नहीं हो पाया।

क्‍या सपा की चुनावी नैय्या को छोटे दल पार लगाएंगे?
सपा ने पूर्व में दो बड़े दलों से गठबंध‍न किया, उन पार्टियों के किसी कार्यकर्ता को हमारी पार्टी से कोई शिकायत नहीं रही होगी, राष्‍ट्रीय दल के साथ हम पहले से ही काम कर रहे हैं, कई पार्टी हमारे साथ काम करना चाहती है तो हम अपने साथ किसी को आने के लिए मना नहीं करेंगे। देखने में भले ही दल ये छोटे हैं लेकिन उनका बड़ा जनाधार है, और उनकी सोच समाजवादी है तो ऐसे में उनको सपा जैसी बड़ी पार्टी से मिलाकर चुनाव लड़ना, पिछड़ो, दलितों के लिए काम कर रहे हैं ऐसे में जो पार्टी या लोग हमारे साथ आएंगे उनका स्‍वागत है। सपा को अपनी सरकार बनानी है कि क्‍योंकि योगी सरकार जनविरोधी सरकार है।

बसपा सुप्रीमों मायावती सपा पर उनके दल को तोड़ने का आरोप लगा रही है, क्‍या सपा कर रही है ऐसा?
जुही सिंह ने कहा राम मनोहर लोहिया और डॉक्‍टर भीमराव की विचारधारा में कोई अंतर नहीं था दोनों की सामजस्‍य की विचारधारा थी। दोनों पिछड़ों और दलितों के साथ काम करते थे काशी राम जी ने इस विचारधारा को आगे बढ़ाया, हमने 2019 में बसपा के साथ गठबंधन किया और मिलकर बहुत इमानदारी से लड़े, आज की तारीख में कोई विधायक अपनी पार्टी से संतुष्‍ठ नहीं है तो हमारे यहां सम्‍मान है। भाजपा के भी कुछ नेता अगर हमारे पास आते हैं तो उनका भी सम्मान है। अगर सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव को लगता है कि वो चुनाव जीत कर आ सकते हैं तो उनको जरूर लड़ाया जाएगा। बाकी बहन जी अगर नाराज है तो स्‍वाभाविक है कि जिस पार्टी का वो नेतृत्‍व कर रही हैं उसके विधायक टूट रहे हैं, लेकिन अखिलेश यादव से उनकी कोई दुश्‍मनी नहीं हैं। हम बसपा, भाजपा किसी भी पार्टी की टीका टिप्‍पणी में पड़ना नहीं चाहते हैं हम चुनाव जनता के मुद्दे पर लड़ना चाहते हैं और सत्‍ता में आकर जनता के लिए काम करना चाहते हैं। सपा के कार्यकर्ता समझदार हैं वो किसी भंवर में नहीं फसना चाहता वो केवल अपने लक्ष्‍य को ध्‍यान में रखकर काम करेगा।

सपा क्‍या यूपी चुनाव में आप को भी अपने गठबंधन में शामिल करेगी ?
कौन से दल शामिल होंगे सपा के गठबंधन में ये अखिलेश यादव ही इसका जवाब देंगे लेकिन आम आदमी पार्टी के संजय सिंह पहले सपा में ही रहे है और वो यूपी में अपनी राजनीतिक जमीन तलाश रहे हैं । इससे पहले भी आप यूपी में चुनाव लड़ी है तो यूपी के लिए वो पार्टी नई नहीं है और उत्‍तर प्रदेश के लोग दिल्‍ली में रहते हैं, तो यूपी के लोगों को दिल्‍ली में कितना सम्‍मान मिलता है वो ये बेहतर बता सकते हैं। हर पार्टी लड़ने के लिए स्‍वतंत्र है हमारे साथ कौन लड़ेगा नहीं लड़ेगा ये सपा राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ही निर्धारित करेंगे क्‍योंकि हम बड़ी पार्टी है इसलिए हमें अपने लोगों का भी पूरा ध्‍यान रखकर चुनाव लड़ा जाएगा।

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English summary
UP assembly elections 2020,What is strategy of Samajwadi Party, SP National Spokesperson Juhie Singh
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