UP की मदरसा पॉलिटिक्स में आया U टर्न, ओवैसी की उम्मीदों को इस तरह लगा जोर का झटका
लखनऊ, 20 सितंबर: उत्तर प्रदेश में मदरसा की राजनीति पर यू-टर्न लेते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने अब मदरसा संचालकों को राज्य के सभी गैर-मान्यता प्राप्त मदरसों के सर्वेक्षण में राज्य के अधिकारियों के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया है। दारुल उलूम देवबंद के मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी ने भी सहारनपुर जिले के देवबंद में 250 से अधिक मदरसों के एक दिवसीय सम्मेलन के दौरान जमीयत उलेमा-ए-हिंद के आह्वान का समर्थन किया। देवबंद की इस संस्था के सरकार के समर्थन में उतरने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।
ओवैसी ने सर्वे को बताया था मिनी एनआरसी
जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने इससे पहले यूपी सरकार के आदेशित सर्वे का विरोध किया था। देवबंद में एक बड़े इस्लामिक संगठन के इस फैसले ने हैदराबाद के सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मदरसा राजनीति को बड़ा झटका दिया है। ओवैसी ने सर्वेक्षण को "मिनी एनआरसी" (नेशनल) बताया था। औवेसी ने कहा था मदरसों का सर्वे मिनी एनआरसी का ही हिस्सा है। इसलिए इसका खुलकर विरोध किया जाना चाहिए।
दारुल उलूम देवबंद में हुई बैठक में लिया गया फैसला
दारुल उलूम देवबंद में 250 से अधिक मदरसा संचालकों के साथ हुई बैठक में सभी मदरसों के सर्वे में सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही कहा कि यूपी सरकार के मदरसा सर्वे का स्वागत किया जाना चाहिए। सहारनपुर के दारुल उलूम देवबंद में रविवार को आयोजित मदरसा मालिकों एवं संचालकों के सम्मेलन में इस्लामिक मौलवियों के संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने उत्तर प्रदेश सरकार के सर्वेक्षण आदेशों के संबंध में अपना रुख स्पष्ट किया।
मदरसों के सर्वे को लेकर रुख साफ किया
मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी और मौलाना अरशद मदनी ने सभी मदरसा संचालकों से मदरसों के सभी खातों को पारदर्शी रखने को कहा। दारुल उलूम के नोमानी ने मदरसों के इतिहास और महत्व पर प्रकाश डाला। सर्वे पर उन्होंने कहा कि कुछ जगहों से सूचना मिली थी कि जांच के नाम पर मदरसा संचालकों से पैसे की मांग की जा रही है। अगर कहीं ऐसा होता है तो जिला प्रशासन से संपर्क किया जाना चाहिए।
मदरसों को लेकर फैले भ्रम को दूर करने की कोशिश
हिंद रब्ता-ए-मदारिस इस्लामिया के नाजिम मौलाना मुफ्ती शौकत बस्तावी ने सम्मेलन के दौरान घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि हमारे मदरसों को कभी भी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल नहीं पाया गया है। इसलिए मीडिया को भी मदरसों के प्रति सकारात्मक रवैया रखना चाहिए। मदरसे खुली किताब हैं और उनके दरवाजे हमेशा सबके लिए खुले हैं।
योगी सरकार ने दिए थे मदरसों के सर्वे के आदेश
यूपी सरकार ने गैर मान्यता प्राप्त और स्ववित्तपोषित मदरसों के सर्वे के आदेश दिए थे। आदेश के अनुपालन में 10 सितंबर को जिला स्तर पर जांच दल गठित किए गए थे. सरकार की मदद के बिना चल रहे मदरसों में टीमें आउटरीच सर्वे कर रही हैं। सर्वे के तहत टीमें मदरसा संचालकों से उनके संस्थानों के वित्तीय स्रोतों और बुनियादी सुविधाओं के बारे में जानकारी जुटा रही हैं। उन्हें 5 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट सरकार को देनी होगी।