कार की टक्कर से दो पत्रकारों की दर्दनाक मौत, हत्या या हादसा?
जिला अस्पताल से भी डॉक्टर ने घायल को लखनऊ के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। वहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
उन्नाव। यूपी में पूरवा से उन्नाव आ रहे बाइक सवार पत्रकारों में से एक की कार से टक्कर के बाद संदिग्ध परिस्थितियों में दर्दनाक मौत हो गई जबकि घायल अन्य साथी पत्रकार को उपचार के लिए स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। वहां से डॉक्टरों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्नाव रेफर कर दिया। जिला अस्पताल से भी डॉक्टर ने घायल को लखनऊ के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया। वहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई।
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मीडिया जगत में खलबली
एक साथ दो पत्रकार की मौत से मीडिया जगत में खलबली मच गई। किसी ने पत्रकारों की मौत को साजिश बताया तो किसी ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ बयान दिया। पुरवा कोतवाली पुलिस अंत तक 60 वर्षीय कार सवार की मौत की सूचना देता रहा जो मामले को संदिग्ध बना रहा है। कार सवार के विषय में कोई जानकारी नहीं मिल रही है।
देर रात घटी घटना
घटना देर रात की है। बाइक सवार इलेक्ट्रानिक चैनल के पत्रकार आशु तिवारी उम्र 24 साल अपने साथी व कैमरामैन रणविजय के साथ पुरवा से उन्नाव वापस आ रहे थे। अभी वह तोरा के आगे उन्नाव की तरफ आये थे कि कार की टक्कर से दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। आशु तिवारी के सर पर गंभीर चोटें आईं, पूरा सिर खून से लथपथ हो चुका था जबकि रणविजय के शरीर में किसी चीज से काटने का लगभग 1 फुट का निशान बना है। रणविजय के शरीर पर आए चोट के निशान, शर्ट का बटन खुला होना व अन्य कई चीजें दुर्घटना के मामले को संदिग्ध बनाता है। पुलिस ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
क्या हत्या को दिया गया दुर्घटना का रूप?
आशु तिवारी अपने पीछे 4 साल की बिटिया के साथ पत्नी व मां-बाप को छोड़ गये जिनका रो-रो कर बुरा हाल है। रणविजय सिंह कई चैनल वालों का सहयोगी था। मिल-जुल कर सब का काम चल रहा था। उन्होंने भी दो बेटे और तीन बेटियों, पत्नी और विधवा मां को पीछे छोड़ कर अंतिम सांस ली। घटना के बाद जनपद के पत्रकारों में रोष व्याप्त है। उनका मानना है कि हत्या को दुर्घटना का रूप दिया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की बात चल रही है।
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