टिकटों के बंटवारे से नाराज स्वयंसेवक, भाजपा की मुसीबत
भाजपा के टिकट बंटवारे के चलते आरएसएस कार्यकर्ताओं ने प्रचार अभियान से हाथ खींचा, पूर्वांचल में भाजपा की बढ़ सकती है मुश्किल
लखनऊ। किसी भी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी ताकत उसके जमीनी कार्यकर्ता और और आरएसएस के कार्यकर्ता होते हैं, लेकिन आरएसएस कार्यकर्ता एक बार फिर से पार्टी के टिकट बंटवारे से खुश नहीं है और उन्होंने इन उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने से दूरी बना ली। गोरखपुर और वाराणसी में कई ऐसे उम्मीदवारों को पार्टी ने टिकट दिया है जिसे लेकर आरएसएस कार्यकर्ता कुछ खास खुश नहीं हैं।
भाजपा से दूर होते स्वयंसेवक
पिछले दो दशकों में पार्टी के लिए प्रचार करने वाले सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल इन दोनों ही जिलों में कई बार पार्टी के लिए अहम भूमिका निभा चुके हैं। लेकिन इस बार इन स्वयंसेवकों से कहा गया है कि प्रचार अभियान से दूर ही रहने को कहा है। सूत्रों की मानें तो इस बार इन स्वयंसेवकों को भाजपा के पोलिंग बूथ पर काम नहीं करने को कहा गया है। बजाए इसके उन्हें बूथ कोऑर्डिनेटर, सेक्टर औ एसेंबली सीट पर लोगों को जागरूक करने का काम दिया गया है।
सिर्फ वोट देने की अपील कर रहे हैं
वाराणसी में वरिष्ठ प्रचारक जिन्हें 22 सीटों की जिम्मेदारी दी गई थी का कहना है कि हम लोगों से वोट मांगने के लिए लोगों के घर घर जा रहे हैं, हमें पता है कि यह भाजपा की मदद होगी। काशी प्रांत के आऱएसएस के पदाधिकारी का कहना है कि हमें इसके निर्देश मिले हैं कि हम लोगों से सिर्फ वोट देने को कहेंगे, हम उनसे यह नहीं करेंगे कि किसे वोट दें, हालांकि वह कहते हैं कि चुनाव के दिन पोलिंग बूथ पर लोगों से भाजपा को वोट देने को कहा गया है।
नेताओं के रिश्तेदारों को दिया गया है टिकट
आरएसएस कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान कृष्ण गोपाल ने कहा कि व्यक्ति हमारे लिए महत्वपूर्ण नहीं है, केंद्र की सरकार उन मुद्दों पर काम कर रही है जिनके लिए हम अभी तक बोलते रहे हैं। सूत्रों की मानें तो आरएसएस के कई बड़े पदाधिकारी टिकट बंदवारे को लेकर खुश नहीं थे, यही नहीं वाराणसी के के पूर्व प्रचारक को लखनऊ बुला लिया गया है। पदाधिकारियों की नाराजगी इस बात पर है कि पार्टी ने नेताओं के बच्चों और रिश्तेदारों को टिकट दिया है, 70 टिकट जो बाटें गए हैं उसमें बाहर से आए नेताओं को टिकट दिया गया और पार्टी के पुराने नेताओं को नजरअंदाज किया गया है।
अब चुनाव जनता के हाथ में पहुंच चुका है
भाजपा के केंद्रीय नेता जोकि वाराणसी में डेरा डाले हुए हैं का कहना है कि यह चुनाव जनता के हाथ में पहुंच चुका है, हर कोई मोदी-मोदी के नारे लगा रहा है, ऐसे में आरएसएस के लोग थोड़ी मेहनत करके भी भाजपा की जीत में अपना श्रेय ले सकते हैं। वहीं गोरखपुर में आरएसएस के एक पदाधिकारी का कहना है कि आजकल सबकुछ राजनीतिक हो गया है, जब हम स्वयंवसेवक से प्रचार के लिए कहते हैं तो हमपर भाजपा कार्यकर्ता होने का आरोप लगता है जोकि पैसों पर काम करते हैं, कई स्वयंसेवक अब ऐसे भी हैं जो काम के पैसे मांगते हैं।