बीजेपी विधायक के सवाल पर गरमा गए इंस्पेक्टर साहब, लिखकर पकड़ा दिया 'जो करना हो कर लो'
अलीगढ़। अलीगढ़ में तहसील दिवस की गरिमा उस समय तार-तार हो गई जब एक शिकायत का निस्तारण न होने पर सत्ताधारी दल के विधायक और इंस्पेक्टर में तनातनी हो गई। अवैध कब्जे की शिकायत पर शहर विधायक ने जब इंस्पेक्टर से पूछा कि अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई तो इंस्पेक्टर साहब भड़क गए और बोले मैं कुछ नहीं कर सकता। इंस्पेक्टर का जवाब सुनकर सन्न हुए विधायक ने इज्जत बचाते हुए इंस्पेक्टर से कहा कि लिखकर दो कि मैं कोई कार्रवाई नहीं कर सकता जिसे मैं शासन को भेजूंगा। जिस पर ताव खाते हुए इंस्पेक्टर ने भी तुरंत लिखकर शहर विधायक के हाथ में लिखकर कागज थमा दिया। यह नजारा देखकर पूरे हॉल का माहौल गरमा गया और मौजूद अधिकारी चुप्पी साध गए। अपनी ही सरकार में लाचार हुए विधायक की स्थिति देखने लायक थी।
शासन के निर्देश पर प्रत्येक माह के पहले और तीसरे मंगलवार को तहसील दिवस अथवा समाधान दिवस का आयोजन होता है। जिसमें हर जिले में तहसील के क्रम में तहसील दिवस का आयोजन होता है। इसमें जनता की शिकायतें सुनी जाती हैं और उनका तय समय सीमा में निस्तारण करना होता है। तहसील दिवस में आई शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण पर सवालिया निशान लगते रहे हैं और इसकी पोल आज उस समय खुल गई जब एक शिकायत के निस्तारण को लेकर भाजपा के शहर विधायक संजीव राजा और थाना विजयगढ़ इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार सिंह के बीच तनातनी हो गई।
दरअसल थाना विजयगढ़ क्षेत्र के खुर्रमपुर गांव का रामवीर शर्मा अपनी जमीन पर दूसरे समुदाय के लोगों द्वारा अवैध कब्जा कर लेने की शिकायत लेकर पहुंचा था। अवैध कब्जे की शिकायत उसने जून महीने में की थी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। मंगलवार को तहसील दिवस में अधिकारियों के साथ शिकायतें सुन रहे विधायक के पास जब शिकायतकर्ता पहुंचा तो शहर विधायक ने इंस्पेक्टर को बुलाया और पूछा कि अभी तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई। जिस पर इंस्पेक्टर ने कहा कि मैं कोई कार्रवाई नहीं कर सकता। जवाब सुनकर शहर विधायक सकपका गए और कहा कि लिखकर दे दो, मैं कार्रवाई करने में असमर्थ हूं।
फिल्मी अंदाज में इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार सिंह ने भी लिखकर दे दिया, मैं कुछ नहीं सकता और विधायक के हाथ में थमा दिया। इंस्पेक्टर का कहना था कि यह सिविल कोर्ट का मामला है। यह नजारा देखकर वहां मौजूद अन्य शिकायतकर्ता, अधिकारीगण और दो दूसरे विधायक भी चुप्पी साध गए।
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