एससी/एसटी एक्ट विरोध: सड़कों पर उतरे लोगों ने कहा, पीएम मोदी को चुकानी होगी इसकी कीमत
नोएडा। सवर्ण समाज संगठनों द्वारा भारत बंद का आव्हान को लेकर जगह-जगह प्रदर्शन किया गया। एससी एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद आव्हान के दौरान प्रदेश और केंद्र सरकार के अलावा प्रधानमंत्री के खिलाफ भी नारेबाजी की गई। प्रधानमंत्री सहित सभी नेताओं के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए गए। सुबह से ही राजपूत संगठनों सहित कई अन्य सवर्ण संगठनों द्वारा बंद को सफल बनाने के लिए प्रदर्शन किया गया और बाजारों में जाकर दुकानें बंद करायी गई। इस दौरान अधिकतर दुकानें बंद रहीं। बंद के मद्देनजर स्कूलों में भी बच्चों की संख्या कम देखी गई।
राजपूत उत्थान सभा के पक्षिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष ठाकुर धीरज सिंह ने कहा कि एससी एसटी एक्ट सरकार द्वारा जबरन थोपा गया काला कानून है। इसका दुरूपयोग पहले भी होता रहा है। इसी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय दिया था। जिसके विरुद्ध भारत की बीजेपी सरकार ने पूरी तरह से संसद में काले कानून के रूप में पास करवा दिया। प्रदर्शन कर रहे संगठनों का कहना है कि हम इस काले कानून का पूरा विरोध करते हैं। यह काला कानून वापस नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
सवर्ण संगठनों ने यह भी कहा कि यदि हम इस अध्यादेश का लोकसभा 2019 के चुनाव में भी विरोध करेंगे। इसके तहत हम 2019 में नोटा आॅप्शन का इस्तेमाल चुनाव के दौरान करेंगे। वहीं दूसरी ओर बंद को देखते हुए स्थानी पुलिस प्रशासन पूरी तरह चौकस दिखा। जगह-जगह सुरक्षा के कड़े प्रबंध किये गए और पर्याप्त पुलिस फोर्स तैनात की गई।
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