स्कूल प्रिंसिपल बना जल्लाद, हाथ मरोड़ कर तोड़ दी स्टूडेंड की कलाई
प्रिंसपल ने एक 7वीं के छात्र की बेरहमी से पिटाई की जिसमें उसके हाथ की कलाई ही टूट गई और वो बेहोश हो गया। यही नहीं जब इस मासूम को होश आया तो बेरहम प्रिंसिपल ने इलाज कराने की भी जरूरत नहीं समझी।
बलिया। गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल में बच्चे की मौत हो या यूपी के एटा में सिक्योरिटी गार्ड की अंधाधुंन फायरिंग से 2 बच्चों की मौत, स्कूल और वहां का प्रबंधन सुधरने का नाम ही नहीं ले रहा है। भले ही योगी से लेकर खट्टर सरकार ने निजी और सरकारी स्कूलों के लिए कई गाइडलाइन बनाईं हो लेकिन ये सिर्फ कागजों पर ही नजर आ रही हैं। ताजा मामला बलिया का है जहां के मुरलीछपरा ब्लॉक के बीआरसी जूनियर हाईस्कूल के प्रिंसपल ने एक 7वीं के छात्र की बेरहमी से पिटाई की जिसमें उसके हाथ की कलाई ही टूट गई और वो बेहोश हो गया। यही नहीं जब इस मासूम को होश आया तो बेरहम प्रिंसिपल ने इलाज कराने की भी जरूरत नहीं समझी, जैसे-तैसे दर्द से कराहता छात्र घर पहुंचा। अपने बच्चे के इस हालत की जानकारी के बाद अभिभावक और आसपास के लोग स्कूल पहुंचे तो राज से पर्दा हटा। जिसके बाद विरोध देख प्रिंसिपल ने आनन फानन में बच्चे का इलाज कराया। वहीं बच्चे के परिजन ऐसे प्रिंसिपल के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
बच्चों के आपसी विवाद की शिकायत पर प्रिंसिपल बना जल्लाद
दरअसल धीरज कुमार यादव मुरलीछपरा गांव के जूनियर हाईस्कूल में क्लास 7th का स्टूडेंट है। क्लास रूम में बैठने को लेकर धीरज और क्लास के कुछ बच्चों में विवाद हो गया। शिकायत स्कूल के प्रिंसिपल विजय राम के पास पहुंची तो उन्होंने बच्चे को अपने ऑफिस में बुलाया। इसके बाद बच्चे को कान पकड़कर उठक-बैठक करने को कहा और देखते ही देखते उसका हाथ पकड़कर मोड़ने लगा। विजय के तेज से हाथ मोड़ने की वजह से धीरज की कलाई टूट गई और फिर प्रिंसिपल साहब ने धीरज को कई चाटें भी जड़ दिए। जिसके बाद धीरज वहीं बेहोश होकर गिर गया। ऐसी हालत को देखकर बाकि टीचरों ने धीरज के मुंह पर पानी छिड़का तब उसे होश आया तो वो दर्द के रोने लगा। जिसके बाद उसे घर भेज दिया गया।
अन्य छात्रों ने खोला प्रिंसिपल की करतूत का राज
दर्द से रोते हुए घर पहुंचने पर धीरज के पिता राम किशन यादव, मां मालती देवी गांव के बाकि लोगों के साथ स्कूल पहुंचे। इस बात की जानकारी पिता ने धीरज के क्लास के बाकि बच्चों से जब पूछी तो पता चला की ये कारस्तानी स्कूल के प्रिंसिपल विजय राम की है। जिसके बाद परिजनों सहित गांव के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। हंगामा बढ़ता देख प्रिंसिपल विजय राम ने बच्चे का इलाज कराया तो वहीं घटना के बाद परिजनों का गुस्सा साफ देखा गया। परिजनों की मांग है की ऐसे टीचरों और प्रिंसिपल के खिलाफ सरकार को कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।
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