उत्तर प्रदेश: पिछली सरकार में बिना पदों के ही हो गई थी भर्ती, बड़ा फर्जीवाड़ा आया सामने
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में शिक्षा विभाग के अंतर्गत फर्जीवाड़े का बड़ा मामला सामने आया है। प्रदेश में बिना पदों के ही भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। अभ्यार्थियों का चयन भई हुआ और नियुक्तियां भी मिल गई। सत्ता परिवर्तन के बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। मामला उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का है। यहां वर्ष 2011, 2013 व 2016 में प्रवक्ता व स्नातक शिक्षक (टीजीटी-पीटीजी) के ऐसे विषयों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई, जो विषय ही प्रदेश के माध्यमिक कॉलेजों में नहीं हैं। इसके बावजूद भर्ती में लोगों का चयन हुआ और उन्हें कालेज में बिना पद के ही ज्वाइनिंग भी दे गई।
बोर्ड के सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि हाई स्कूल में काष्ठ शिल्प, पुस्तक कला, टंकण, आशुलिपिक टंकण और जीव विज्ञान विषय समाप्त कर दिए गए हैं। इसके अलावा इंटरमीडिएट स्तर पर वनस्पति विज्ञान और हाईस्कूल और इंटर स्तर पर संगीत नाम का कोई विषय नहीं है। ऐसे में इन पदों पर होने वाली भर्ती अवैध है। अभी जो भर्ती पूरी नहीं हुई है और जिनकी परीक्षा आगामी तिथि पर तय हैं उन्हे निरस्त कर दिया गया है।
धांधली
का
क्या
है
राज
उत्तर
प्रदेश
के
माध्यमिक
कॉलेजों
में
जो
विषय
नहीं
थे
उन
पदों
पर
भर्ती
करने
का
खुलासा
होने
के
बाद
गड़े
मुर्दे
उखड़ने
लगे
हैं।
प्रदेश
के
पूर्व
मुख्यमंत्री
अखिलेश
यादव
और
मायावती
के
राज
में
ये
भर्ती
किए
गए
थे।
माध्यमिक
शिक्षा
सेवा
चयन
बोर्ड
के
अनुसार
2011
में
मायावती
के
राज
में
जीव
विज्ञान
विषय
के
लिए
प्रवक्ता
व
स्नातक
शिक्षक
भर्ती
65
पदों
पर
शुरू
की
गई
थी।
जबकि
ये
विषय
कॉलेज
में
नहीं
है।
वहीं
2013
में
187
अभ्यर्थियों
का
चयन
जीव
विज्ञान
स्नातक
शिक्षक
के
पद
पर
हुआ।
इन्हे
कॉलेजों
में
बिना
पद
के
ही
ज्वाइनिंग
भी
दे
दी
गई।
जीव
विज्ञान
में
2011
के
65
पदों
की
लिखित
परीक्षा
का
रिजल्ट
इसी
महीने
में
जारी
होने
वाला
था।
उससे
पहले
ही
धांधली
का
पर्दाफाश
हो
गया
है।
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किन
भर्तियों
पर
है
विवाद
बिना
पद
वाले
शिक्षकों
की
भर्ती
का
सबसे
पहला
मामला
2011
की
पीजीटी
भर्ती
का
है।
इसमें
जीव
विज्ञान
के
65
और
वनस्पति
विज्ञान
के
दो
पद
हैं।
जहां
वनस्पति
विज्ञान
के
लिए
भर्ती
का
इंटरव्यू
पूरा
हो
गया
है
और
अब
रिजल्ट
जारी
होने
वाला
था।
दूसरा
मामला
2013
का
है।
इस
पीजीटी
भर्ती
में
भी
जीव
विज्ञान
विषय
के
187
पदों
के
लिए
का
विज्ञापन
हुआ
और
अब
यह
भर्ती
प्रक्रिया
पूरी
हो
चुकी
है।
तीसरा
मामला
टीजीटी-पीजीटी
2016
का
है।
इसमें
321
पदों
का
विज्ञापन
जारी
हुआ
था।
69
हज़ार
297
अभ्यर्थियों
ने
इसमें
ऑनलाइन
आवेदन
किया
है
और
इसकी
लिखित
परीक्षा
27,
28
व
29
सितंबर
को
होने
वाली
थी।
फिलहाल
बोर्ड
ने
2016
की
इस
टीजीटी-पीजीटी
भर्ती
के
8
विषयों
का
विज्ञापन
निरस्त
कर
दिया
है
और
परीक्षा
भी
स्थगित
हो
गई
है।
कार्रवाई
की
प्रक्रिया
शुरू
बोर्ड
की
ओर
से
बताया
गया
है
कि
बिना
विषय
के
पदों
पर
चयन
व
विज्ञापन
के
मामले
में
जांच
के
लिये
समिति
गठित
कर
दी
गई
है।
जिन
कॉलेजों
ने
इन
विषयों
का
अधियाचन
भेजा
उन
पर
तो
कार्रवाई
की
जाएगी।
जिला
विद्यालय
निरीक्षक
व
संयुक्त
शिक्षा
निदेशक
माध्यमिक
की
भूमिका
की
भी
जांच
होगी।
सचिव
शुक्ल
ने
कहा
है
कि
इसमें
जो
भी
दोषी
होगा
उस
पर
कठोर
कार्रवाई
की
जाएगी।
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