पंजाब में महिला टीचर के लिये अब सरकार ने तय किये कपड़े, कि वह क्या पहनेंगी
चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों का ड्रेस कोड बनाया है। यहां सरकारी स्कूलों में शिक्षक अब मन मर्ज़ी के कपड़े पहनकर नहीं जा सकेंगे। सरकार ने महिला शिक्षकों के लिए फरमान जारी किया है कि वे सूट या साड़ी में ही ड्यूटी पर जाएंगी। हालांकि पुरूष शिक्षकों के लिए भी जीन्स पहनने पर रोक लगा दिया गया है।
पंजाब सरकार के इस फैसले के बाद सियासत भी तेज़ हो गई है। कई महिला संगठन इसके विरोध में खड़ी हो गई हैं। पंजाब के शिक्षा मंत्री ओ.पी. सोनी ने इस फैसले पर मुहर लगाते हुए कहा कि शिक्षक नई पीढ़ी के लिए रोल मॉडल हैं। इसलिए वे नए ड्रेस कोड के साथ ही स्कूल जाएं।
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड मोहाली ने फरमान जारी करते हुए कहा कि महिला टीचर को स्कूल में ट्राऊजऱ, पलाजो और लैगिंग न डाल कर आने का फरमान सुनाया गया है। विभाग का मानना है कि इसके साथ स्कूल का माहौल खराब होता है, इसलिए अध्यापिकाएं सूट या साड़ी पहन कर ही स्कूल जाएं।
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शिक्षा
मंत्री
ने
दलील
दी
है
कि
अध्यापक
नई
पीढ़ी
के
लिए
रोल
मॉडल
हैं,
इसलिए
वह
पैंट-कमीज
में
ही
स्कूल
जाएं
न
कि
कुर्ते-पायजामे
में।
बताया
जा
रहा
है
कि
सोनी
ने
मोहाली
में
बाकायदा
शिक्षा
विभाग
और
बोर्ड
अधिकारियों
की
बैठक
के
दौरान
इस
फैसले
की
जानकारी
दी।
इसके
अलावा
अध्यापकों
के
लिए
एक
ही
स्टेशन
पर
स्टे
टाईम,
स्कूलों
का
नतीजा
अच्छा
लाने,
बच्चों
को
सरकारी
स्कूलों
की
तरफ
प्रेरित
करने
और
पेपर
लीकेज
पर
विचार-विमर्श
किया
गया।
शिक्षा
मंत्री
ने
कहा
कि
यदि
अध्यापक
स्कूल
के
दिन
आकर
चंडीगढ़
में
धरना-प्रदर्शन
करते
हैं
तो
उनके
खिलाफ
कार्रवाई
की
जाएगी।
उन्होंने
कहा
कि
सरकार
अध्यापकों
का
सम्मान
करती
है
और
उनकी
जायज
मांगों
को
भी
माना
जाएगा
परन्तु
ऐसा
नहीं
है
कि
अध्यापक
चण्डीगढ़
में
आकर
प्रदर्शन
करें।
विद्यार्थियों
की
पढ़ाई
खराब
हो।
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