अखिलेश की साफ छवि पर बड़े सवाल खड़े करते हैं ये 19 मामले
अखिलेश यादव की साफ छवि पर बड़े सवाल उठाते हैं ये 19 मामले, जिन्हें अखिलेश यादव ने नेताओं के खिलाफ वापस ले लिए, इसमें कई दिग्गज नेताओं के नाम भी शामिल हैं।
लखनऊ। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रदेश में सपा साफ छवि के नेता के तौर पर सामने ला रही है और एक बार फिर से उनकी छवि के दम पर दोबारा सरकार बनाने की कोशिशों में जुटी है। अखिलेश यादव को आपराधिक छवि के नेताओं को पार्टी से दूर रखने और इसके लिए अपनी ही पार्टी के नेताओं से बगावत करते देखा गया, लेकिन पिछले पांच साल के आंकड़े अखिलेश यादव की छवि के विपरीत ऐसे तथ्यों को सामने रखते हैं जो उनकी स्वच्छ छवि की पोल खोलते हैं।
दंगा, लूट, अपहरण के मामले भी दर्ज
पिछले पांच साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो सपा सरकार ने प्रदेश में बड़े नेताओं के खिलाफ 19 मामलों को वापस लिया है। जिन अपराधों को अखिलेश सरकार ने वापस लिया है वह दंगे, लूट, अपहरण और फिरौती के मामले हैं। जिन नेताओं पर अखिलेश यादव ने अपनी मेहरबानी दिखाई है उसमें सात राज्यों के मंत्री, 10 विधायक व आगरा से भाजपा विधायक राम शंकर कठेरिया और केंद्रीय मंत्री कलराश मिश्रा हैं। इन सभी के खिलाफ कई आपराधिक मामले थे जिन्हें अखिलेलश सरकार ने वापस ले लिया है।
आपराधिक मामलों के नेताओं को भी दिया टिकट
सपा के मंत्री रघुराज प्रताप सिंह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का केस था, जिसे जुलाई 2014 में अखिलेश सरकार ने वापस ले लिया, इसके अलावाव हिस्ट्री शीटर और सपा विय़ादक अभय सिंह और विजय मिश्रा के खिलाफ मामला भी सरकार ने वापस ले लिया है। छह सपा मंत्री और सात सपा विधायक जिनके खिलाफ आपराधिक मामले हैं उन्हें अखिलेश यादव ने इस बार के चुनाव के लिए टिकट दिया है।
सरकार
के
पास
नहीं
है
जवाब
कलराज
मिश्रा
के
खिलाफ
भी
पीलीभीत
में
2009
में
बिना
इजाजत
सभा
करने
का
मामला
था
जिसे
अखिलेश
यादव
ने
वापस
ले
लिया।
इसके
अलावा
सरकार
ने
भाजपा
नेता
रामशंकर
कठेरिया
के
खिलाफ
भड़काऊ
भाषण
का
मामला
वापस
ले
लिया
है।
एक
तरफ
जहां
अखिलेश
सरकार
ने
तमाम
नेताओं
के
खिलाफ
मामले
वापस
ले
लिए
हैं
तो
दूसरी
तरफ
सरकार
इन
मामलों
को
वापस
लेने
के
पीछे
की
वजह
बताने
में
विफल
रही
है।
राज्य
के
मुख्य
सचिव
गृह
देबाशीष
पांडा
ने
इस
मामले
में
कुछ
भी
कहने
से
इनकार
कर
दिया
है,
उन्होंने
कहा
कि
इस
बाबत
मुझे
जानकारी
नहीं
है।
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