Republic Day Lucknow:योगी सरकार ने की ये अनोखी पहल, परेड में शामिल होंगे झुग्गी बस्ती के बच्चे

Republic Day Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस बार भी 26 जनवरी को भव्य परेड निकलेगी। हालांकि इस बार इसका स्वरूप थोड़ा बदला रहेगा क्योंकि इस बार यूपी सरकार की तरफ से ऐसी पहल की गई जिससे ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगने वाले बच्चों के चेहरों पर भी मुस्कान दिखेगी। दरअसल इस बार लखनऊ की झुग्गियों में रहने वाले और भीख मांगने वाले बच्चों को भी परेड में शामिल किया जाएगा।
स्लम एरिया के 40 बच्चे होंगे परेड में शामिल
दरअसल यूपी की राजधानी लखनऊ में 11-18 आयु वर्ग के स्लम बच्चे, जो ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगते थे, 'भिक्षा से शिक्षा की ओर' के नारे वाली तख्तियां लेकर इस साल गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेंगे। नगर आयुक्त इंद्रजीत ने कहा कि यह पहली बार है कि स्लम क्षेत्रों के भिखारी किसी भी राज्य के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेंगे। 40 से अधिक बच्चे, जो चौराहे पर भीख मांगते थे, गणतंत्र दिवस परेड के लिए रोजाना रिहर्सल कर रहे हैं।
प्रोजेक्ट इस्माइल ने बदली इन बच्चों की किस्मत
नगर आयुक्त का दावा है कि अब, प्रोजेक्ट स्माइल के कारण उनका जीवन बदल गया है जिसका उद्देश्य इन बच्चों को भिक्षावृत्ति से बाहर लाना और उन्हें मुख्यधारा से जोड़ना है। हम पिछले 1.5 साल से इन बच्चों के साथ काम कर रहे हैं। उन्हें शिक्षा देने और स्कूलों से जोड़ने का काम किया जा रहा है। अब हम उन्हें परेड अभ्यास में ला रहे हैं ताकि उन्हें कुछ नया अनुभव हो और यहां से आत्मविश्वास आए।
17 वर्षीय रूपा जो क्रॉसिंग पर भीख मांगती थी, उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट स्माइल ने हमारे जीवन को बदल दिया है। मैं 26 जनवरी की परेड का हिस्सा बनने की बात सुनकर ही खुश हूं। वहीं अफरोज ने कहा कि भीख मांगने से लेकर गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने तक, यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है। हमने पहले कभी ऐसा कुछ नहीं देखा और कभी नहीं सोचा था कि हम इतने सारे लोगों के सामने परेड में भाग लेंगे।
11 वर्षीय एक अन्य गरीब बच्चे विकास ने कहा कि पापा मजदूरी करते हैं और कभी-कभी घर में खाना नहीं होता है। इसलिए हमें सड़कों पर गुब्बारे बेचकर या भीख मांगकर पैसा कमाना पड़ता था। जब से प्रोजेक्ट स्माइल के कर्मचारियों ने हमें सड़क से उठाया, तब से हमारा जीवन बदल गया है। मुझे ऐसा लग रहा है कि परेड में भाग लेने के बाद सेना में जाने का मेरा सपना पूरा हो जाएगा।
हालांकि प्रोजेक्ट स्माइल से जुड़े प्रताप विक्रम सिंह ने कहा,
बच्चे कॉन्वेंट और सरकारी स्कूलों के बच्चों की तरह गणतंत्र दिवस परेड की रिहर्सल कर रहे हैं। डेढ़ साल पहले ये बच्चे कभी किसी से बात नहीं करना चाहते थे क्योंकि ये हम पर भरोसा करने को तैयार नहीं थे। विश्वास बनाने में हमें काफी समय लगा। हमने उन्हें खिलौने दिए, उनके लिए स्मार्ट क्लास चलाना शुरू किया और उन्हें एक्सपोजर दिया। हम उन्हें राजभवन ले गए जहां वे राज्यपाल से मिले, फिर संभागीय आयुक्त और डीएम कार्यालय गए जहां उन्होंने संभागीय आयुक्त रोशन जैकब और डीएम सूर्यपाल गंगवार से मुलाकात की। आज वे अपने जीवन में बदलाव महसूस कर रहे हैं।
हालांकि प्रोजेक्ट स्माइल में अहम भूमिका निभा रहे एनजीओ 'उम्मीद' के बलबीर सिंह मान कहते हैं, "पहले ये गरीब बच्चे भीख मांगते थे। लेकिन हम उन्हें पिछले साल से पढ़ा रहे हैं। आज, वे गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने के लिए आत्मविश्वास से भरे हुए हैं।"