ओपी सिंह ने संभाला उत्तर प्रदेश के डीजीपी का पद, 'पद्मावत' फिल्म की रिलीज पर दिया बड़ा बयान
लखनऊ। 1983 बैच के आईपीएस ओपी सिंह ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के नए डीजीपी का पद ग्रहण कर लिया। उत्तर प्रदेश पुलिस ने ट्वीट करके उनको बधाई दी। पद संभालने के बाद डीजीपी ने राज्य में फिल्म पद्मावत के रिलीज को लेकर कहा कि, हम रणनीति, स्थिति के आधार पर उचित समय पर उचित कार्रवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के जो भी निर्देश होंगे उनका सख्ती से पालन कराया जाएगा।' केंद्र से रिलीविंग लेटर जारी होने के बाद ओपी सिंह ने कल गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की थी, साथ ही केन्द्रीय नियुक्ति से रिलीव किये जाने पर आभार प्रकट किया था। सोमवार को राजनाथ सिंह से मिलने के बाद ओपी सिंह सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने पहुंचे थे, यहां उन्होंने सीएम से मुलाकात की।
क्या बोले ओपी सिंह
राज्य सरकार की डिमांड और केंद्र सरकार के रिलीविंग पर रोक के बीच लगभग 22 दिनों से पिस रहे ओ पी सिंह की भी खामोशी सोमवार को जाकर टूटी। अभी तक लगातार उनके डीजीपी का पद ग्रहण न कर पाने को लेकर खूब सारे सवाल उठ रहे थे, लेकिन सारे विवाद के बीच ओपी सिंह चुप्पी साधे रहे और जैसे ही सोमवार को केंद्र सरकार ने उन्हे रिलीव किया ओपी सिंह ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने कहा कि वह मंगलवार को डीजीपी का पदभार ग्रहण करेंगे और वह सब से सहयोग की अपेक्षा कर रहे हैं। तेज तर्रार और साफ-सुथरी छवि वाले अफसर सिंह अभी तक सीआईएसएफ के महानिदेशक पद पर तैनात रहे हैं। ओपी सिंह 1983 बैच के आईपीएस अफसर हैं। ओपी सिंह अल्मोड़ा (अब उत्तराखंड में), लखीमपुरखीरी, बुलंदशहर, लखनऊ, इलाहाबाद और मुरादाबाद के एसएसपी भी रह चुके हैं।
खूब मची रही उठापटक
उत्तर प्रदेश के इतिहास में शायद यह पहली बार हुआ होगा जब पुलिस डीजीपी को लेकर इतना लंबा ड्रामा हुआ हो । लगातार 22 दिनों तक असमंजस की स्थिति और पिछले 3 दिनों से मची उठापटक और घमासान के बीच अब जाकर आखिरी फैसला सामने आया है। केवल शुक्रवार से उपजे हालात को देखे तो डीजीपी को लेकर सुबह खबरों का दौर शुरू हुआ। यूपी से लेकर केंद्र तक नेता और अधिकारी उहापोह में रहे कि आखिर डीजीपी कौन होगा।
राज्य व केन्द्र सरकार के बीच ओपी सिंह को लेकर सहमति बनी
कई कारण उभर कर आए कि अब ओपी सिंह डीजीपी नही बन पायेंगे और लगभग यह तय हो गया कि अब ओपी सिंह को केंद्र रिलीव नहीं करेगा, लेकिन शुक्रवार की रात ही राज्य सरकार ने फिर से केंद्र को रिमाइंडर भेजा और ओ पी सिंह को रिलीज करने के प्रस्ताव पर फिर बहस शुरू हो गई। इस रिमाइंडर के बाद फिर से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच चर्चा और रणनीति का दौर शुरू हुआ। आखिरकार राज्य व केन्द्र सरकार के बीच ओपी सिंह को लेकर सहमति बनी और ओ पी सिंह को आज केंद्रीय नियुक्ति से रिलीव करने का आदेश जारी किया गया।