स्कूल की जांच करने पहुंचे डीएम को देख प्रिंसिपल हुईं बेहोश, उनके जाने के बाद आया होश
मिर्जापुर। आश्रम पद्धति विद्यालय की जांच के लिए पहुंचे डीएम बिमल कुमार दुबे को देखकर प्रधानाचार्य अर्चना पाण्डेय बेहोश होकर गिर पड़ीं। आनन-फानन में डीएम ने उनको विद्यालय में भिजवाकर उपचार कराया। डीएम विद्यालय का निरीक्षण करके मड़िहान सीएचसी पर भर्ती छात्राओं से मिलने चले गए तब तक प्रधानाचार्य को होश नहीं आया था। उनके मड़िहान से चले जाने के बाद उनको होश आया। इसलिए डीएम से उनकी बात नहीं हो पाई।
बीमार छात्राओं का को देखने पहुंचे थे DM
बीमारी का कारण जानने के लिए डीएम स्वयं पहुंचे मड़िहान आश्रम पद्धति विद्यालय में फूड प्वाइजनिंग की घटना से बीमार हुई छात्राओं का हाल जानने के लिए डीएम बिमल कुमार दुबे स्वयं शुक्रवार की सुबह साढे नौ बजे मड़िहान पहुंच गए। उन्होंने विद्यालय और अस्पताल में भर्ती छात्राओं से दो घंटे तक बातचीत किए। इस दौरान उन्होंने एक-एक छात्रा से हालचाल पूछा और उनके अभिभावकों से बात की। डीएम ने अस्पताल के कर्मचारियों को छात्राओं के बेहतर उपचार का निर्देश दिया।
विद्यालय में तीन आरो लगाने का डीएम ने दिया निर्देश
आश्रम पद्धति विद्यालय का निरीक्षण करने के दौरान जब डीएम को यह पता चला कि यहां छात्राएं बोरिंग से टंकी में भरा हुआ पानी पीती हैं तो वह बहुत नाराज हुए। उन्होंने कहाकि इतने बड़े विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं के स्वास्थ्य के साथ मजाक किया जा रहा है। उनको पीने के लिए शुद्ध पानी की व्यवस्था नहीं की गई है। इसपर डीएम ने कहाकि तीन आरो विद्यालय में तत्काल लगवाएं जाएं। दो आरो सिस्टम बाद में लग जाएगा। इस तरह से कम से पांच आरो छात्राओं को शुद्ध पानी पीने के लिए लगना चाहिए। छात्राओं के आवास में कूलर की भी व्यवस्था पर जोर दिए।
आश्रम पद्धति विद्यालय की 23 छात्राओं की हालत स्थिर
जिले के मड़िहान तहसील के पास स्थित आश्रम पद्धति बालिका विद्यालय में फूड प्वाइजनिंग से बीमार हुई नब्बे से अधिक छात्राओं में से 23 की हालत दूसरे दिन शुक्रवार को भी स्थिर रही। सभी छात्राओं को सीएचसी में भर्ती करके उपचार किया गया। छात्राओं के बीमार होने के कारणों का पता लगाने के लिए उनके खून संबंधी सभी प्रकार की जांच भी की जा रही है। जिससे पता लग जाए कि छात्राओं को फूड प्वाइजनिंग के अलावा और किसी प्रकार की बीमारी तो नहीं है। विद्यालय में चल रहे 80 से अधिक छात्राओं की उपचार के बाद हालत ठीक बताई गई। चिकित्सकों ने छात्राओं की हालत खतरे से बाहर बताई है।
छात्राओं से विद्यालय के फार्मासिस्ट पर लगाया मनमानी का आरोप
आश्रम पद्धति विद्यालय के छात्राओं के बीमार होने की कहानी नई नहीं है। छात्राएं पिछले कई दिनों से बीमार चल रही हैं। लेकिन विद्यालय में छात्राओं के उपचार और स्वास्थ्य की देखरेख के लिए तैनात फार्मासिस्ट ने गंभीरता से नहीं लिया। बीमार होने पर उपचार के लिए जाने वाली छात्राओं को फार्मासिस्ट की ओर से भगा दिया जाता था। इसलिए वह सामान्य बीमार होने पर कभी फार्मासिस्ट से कहने ही नहीं जाती थीं। बीमारी के बढने के बाद अस्पताल में भर्ती छात्राओं ने खुलकर फार्मासिस्ट का विरोध किया। कहा कि फार्मासिस्ट की ओर से छात्राओं का उपचार नहीं किया जाता है। उनके पास जाने पर वह भगा देती हैं। इसलिए बीमारी एक दिन में नहीं बल्कि कई दिनों में बढ़ी है।
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