मेरठ: मांगे उधार दिए हुए रुपए तो दलित महिला को पुलिस ने दी थी थर्ड डिग्री, अब दर्ज होगा केस
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित खरखौदा थाने में चार महीने पहले एक दलित महिला को हवालात में बंद करके थर्ड डिग्री दी गई थी। महिला का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने एक शख्स को दिए 20 हजार रुपये वापस पाने के लिए थाने में तहरीर दी थी। थर्ड डिग्री देने के बाद पुलिस ने महिला के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करके उसे जेल भी भेजा था। एससी/एसटी स्पेशल कोर्ट ने थानेदार समेत पूरे थाने के पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश किया है। मिली जानकारी के मुताबिक, मेरठ के शास्त्रीनगर की निवासी सरोज ने जून-2017 में सोनू नाम के एक युवक के खिलाफ खरखौंदा थाने में केस दर्ज कराने के लिए शिकायत दी थी। मामला यह था कि सरोज ने सोनू को शादी के लिए 20 हजार रुपये उधार दिए थे। लेकिन जब वक्त बीतने के बाद भी रुपये वापस नहीं किए तो सरोज ने कानून की मदद ली। पुलिसवालों ने महिला की मदद के बजाय उसी को आरोपी बना डाला।
पीड़िता सरोज ने बताया कि थानेदार संदीप कुमार सिंह ने गांव के ग्राम प्रधान बाबूराम के इशारे पर उसे थाने बुलाया और फिर हवालात में डालकर थर्ड डिग्री दी। सरोज ने बताया कि उसे लाठी-डंडों से केवल पीटा गया, उसे मानसिक और शारीरिक यातनाएं भी दीं। थानेदार ने उसके खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज करके जेल भेज दिया।
महिला के वकील नरेश कुमार ने बताया कि पुलिस की थर्ड डिग्री की शिकार सरोज की जेल में हालत बिगड़ी तो उसे पहले जेल के अस्पताल में भर्ती कराया गया। 4 दिन जेल में काटने के बाद सरोज कई अस्पतालों में महीनों तक अपना इलाज कराती रही। इसी दौरान सरोज न्याय की गुहार लगाने एसएससी एसटी कोर्ट में पहुंची। जहां चार महीने बाद कोर्ट ने महिला को न्याय दिया और ऐतिहासिक फैसला सुना दिया।
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