आजमगढ़ की हार पर बोलीं मायावती- "समुदाय विशेष को......."
लखनऊ, 26 जून: आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में बसपा के प्रत्याशी शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली तीसरे नंबर पर रहे हैं। लेकिन, पार्टी सुप्रीमो मायावती का दावा है कि बीजेपी को हराने की ताकत सिर्फ बीएसपी के पास ही बच गई है। गौरतलब है कि आजमगढ़ में गुड्डू जमाली की जीत सुनिश्चित करने के लिए पार्टी ने रामपुर लोकसभा उपचुनाव में अपना कोई प्रत्याशी भी नहीं उतारा था। लेकिन, बावजूद इसके भाजपा और समाजवादी पार्टी दोनों की ओर से यादव उम्मीदवारों को उतारने के बाद भी बीएसपी के प्रत्याशी को आजमगढ़ में सिर्फ 29.27% वोट ही मिल पाए हैं। अब बीएसपी चीफ ने सुमदाय विशेष को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।
बीजेपी
को
हराने
की
शक्ति
सिर्फ
बीएसपी
में
-
मायावती
बहुजन
समाज
पार्टी
की
अध्यक्ष
मायावती
ने
रविवार
को
लोकसभा
उपचुनावों
के
परिणाम
आने
के
बाद
कहा
है
कि
सिर्फ
बीएसपी
के
पास
ही
वह
सैद्धान्तिक
और
जमीनी
शक्ति
है,
जिससे
वह
बीजेपी
को
हरा
सकती
है।
गौरतलब
है
कि
यूपी
में
सत्ताधारी
भाजपा
ने
रामपुर
और
आजमगढ़
दोनों
ही
सीटें
जीत
ली
हैं
और
यह
दोनों
ही
सीटें
मुख्य
विपक्षी
पार्टी
सपा
की
गढ़
मानती
जाती
थीं।
आजमगढ़
में
भाजपा
ने
दर्ज
की
जीत
बसपा
सिर्फ
आजमगढ़
में
चुनाव
मैदान
में
थी,
जहां
उसके
प्रत्याशी
और
क्षेत्र
के
बड़े
मुस्लिम
चेहरे
गुड्डू
जमाली
को
2,66,210
वोट
मिले
हैं।
जबकि,
इस
सीट
को
भाजपा
प्रत्याशी
दिनेश
लाल
यादव
उर्फ
निरहुआ
ने
3,12,768
वोट
लाकर
जीता
है।
यह
सीट
सपा
अध्यक्ष
अखिलेश
यादव
के
इस्तीफे
से
खाली
हुई
थी,
लेकिन
उनकी
पार्टी
के
प्रत्याशी
और
परिवार
के
सदस्य
धर्मेंद्र
यादव
को
सिर्फ
3,04,089
वोट
ही
मिल
पाए
हैं।
आजमगढ़
में
बीएसपी
के
प्रदर्शन
से
मायावती
संतुष्ट
यह
चुनाव
परिणाम
आने
के
बाद
बसपा
सुप्रीमो
ने
दो
ट्वीट
करके
अपनी
प्रतिक्रिया
जाहिर
की
है।
पहले
में
उन्होंने
लिखा
है,
'उपचुनावों
को
रूलिंग
पार्टी
ही
अधिकतर
जीतती
है,
फिर
भी
आजमगढ़
लोकसभा
उपचुनाव
में
बीएसपी
ने
सत्ताधारी
भाजपा
और
सपा
के
हथकंडों
के
बावजूद
जो
कांटे
की
टक्कर
दी
है,
वह
सराहनीय
है।
पार्टी
के
छोटे-बड़े
सभी
जिम्मेदार
लोगों
और
कार्यकताओं
को
और
अधिक
मजबूती
के
साथ
आगे
बढ़ना
है।'
समुदाय
विशेष
को
समझाने
की
कोशिश
जारी
रहेगी-
मायावती
लेकिन,
मायावती
का
दूसरा
ट्वीट
भी
है,
जिसमें
उन्होंने
एक
समुदाय
विशेष
को
खास
संदेश
देने
की
कोशिश
की
है।
इसमें
उन्होंने
लिखा
है-
'यूपी
के
इस
उपचुनाव
परिणाम
ने
एकबार
फिर
से
यह
साबित
किया
है
कि
सिर्फ
बीएसपी
में
ही
यहां
बीजेपी
को
हराने
की
सैद्धान्तिक
और
जमीनी
शक्ति
है।
यह
बात
पूरी
तरह
से
खासकर
समुदाय
विशेष
को
समझाने
का
पार्टी
का
प्रयास
लगातार
जारी
रहेगा
ताकि
प्रदेश
में
बहुप्रतीक्षित
राजनीतिक
परिवर्तन
हो
सके।'
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हालांकि, मायावती ने किसी समुदाय विशेष का नाम नहीं लिया है, लेकिन माना जा रहा है कि वह मुसलमानों के बीच अपना जनाधार बढ़ाने की कोशिशों में लग गई हैं। क्योंकि, रामपुर और आजमगढ़ में सपा के साथ यह समुदाय मजबूती के साथ खड़ा रहा है, लेकिन फिर भी भाजपा ने उसे धूल चटा दी है। उधर सपा की ओर से आरोप लगाए जा रहे हैं कि बीएसपी की मौजूदगी के चलते ही उसका खेल खराब हुआ है।
2.यूपी के इस उपचुनाव परिणाम ने एकबार फिर से यह साबित किया है कि केवल बीएसपी में ही यहाँ भाजपा को हराने की सैद्धान्तिक व जमीनी शक्ति है। यह बात पूरी तरह से खासकर समुदाय विशेष को समझाने का पार्टी का प्रयास लगातार जारी रहेगा ताकि प्रदेश में बहुप्रतीक्षित राजनीतिक परिवर्तन हो सके।
— Mayawati (@Mayawati) June 26, 2022