यूपी: योगीराज में अब मदरसों में पढ़ाई जाएगी NCERT की किताबें, गणित-विज्ञान पढ़ना हुआ जरूरी
इलाहाबाद। योगी सरकार में मदरसों के कायाकल्प और बदलाव का दौर जारी है। मदरसों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, ध्वजारोहण, राष्ट्रगान के बाद अब सरकार ने मदरसों के पाठ्यक्रम को अपनी वरीयता पर लिया है। नई व्यवस्था के तहत अब सूबे के मदरसों में एनसीईआरटी की किताबें शामिल होंगी। यह किताबें उर्दू शिक्षा के आधार पर होंगी। हिंदी और अंग्रेजी विषय की किताबें हिंदी और अंग्रेजी में ही होंगी। बाकी सभी विषय की किताबें उर्दू में होंगी। यानी मदरसों में कुरान व महजबी शिक्षा के साथ मौजूदा दौर की अतिआवश्यक शिक्षा उनकी प्रमुख भाषा में विद्यार्थियों को मिल सकेगी। यूपी के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने इस नई व्यवस्था को लागू करने संबंधी ट्वीट कर जानकारी साझा की है। जिसके तहत हिंदी, अंग्रेजी, गणित, इतिहास, भूगोल व विज्ञान जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। इनमे गणित और विज्ञान जैसे विषय तो अनिवार्य रूप से पाठ्यक्रम का हिस्सा होंगे।
अभी तक क्या थी व्यवस्था
यूपी के मदरसों में अभी तक शिक्षा प्रणाली का मूलभूत स्तर चार भागो में बंटा है। पहला तैतानिया, इसमें कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षा का पाठ्यक्रम है। दूसरा है फौकानिया, इसमें कक्षा 5 से 8 तक की शिक्षा का पाठ्यक्रम है। इसके बाद आलिया, इसमें कक्षा 9 से 10 तक की शिक्षा का पाठ्यक्रम है, जबकि चौथा है उच्च आलिया, इसमे कक्षा 10 से ऊपर की कक्षा की शिक्षा का पाठ्यक्रम शामिल है। अभी तक मदरसों में फौकानिया स्तर तक ही हिंदी, अंग्रेजी, गणित आदि विषय पढाए जाते हैं, लेकिन आलिया स्तर व उसके बाद यह विषय वैकल्पिक हो जाते हैं। जैसे आप मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल की पढ़ाई कर रहे हैं तो हिंदी, अंग्रेजी, गणित, इतिहास, भूगोल व विज्ञान जैसे विषय आपको वैकल्पिक रूप से लेना है। यानी पसंद हो तो इसे भी चुनकर पढ़ सकते हैं।
अब
यह
होगा
बदलाव
यूपी
की
योगी
सरकार
ने
मदरसा
शिक्षा
में
जो
बदलाव
किया
है।
उसके
तहत
मदरसा
बोर्ड
आलिया
वा
उच्च
आलिया
स्तर
के
पाठ्यक्रम
में
गणित
और
विज्ञान
जैसे
मूलभूत
विषयों
को
अनिवार्य
करेगा।
यानी
कि
गणित,
विज्ञान
जैसे
विषय
अनिवार्य
रूप
से
पढ़ने
पड़ेंगे।
इस
व्यवस्था
के
पीछे
मदरसों
की
शिक्षा
को
मुख्य
धारा
से
जोड़ना
है।
जिससे
यहां
से
पढ़कर
निकलने
वाले
विद्यार्थी
को
भी
रोजगारपरक
अवसर
समान
रूप
से
मिल
सके।
प्राप्त
जानकारी
के
अनुसार
यूपी
सरकार
द्वारा
मंजूर
नए
पाठ्यक्रम
में
हिंदी
व
अंग्रेजी
की
किताब
इन्ही
भाषा
में
होंगी।
जबकि
इन
दोनों
विषयों
के
अलावा
बाकी
सभी
विषयों
की
किताब
उर्दू
भाषा
में
होंगी।
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