यूपी: आरक्षित सीटों के लिए नेता खोज रहे अपने लिए एससी दुल्हन
अलीगढ़। उत्तर प्रदेश में आरक्षित विधानसभा सीटों से विधायकी का सपना देख रहे नेताओं में एससी दुल्हन की डिमांड बढ़ गई है। ऐसे नेता जो किसी वजह से खुद चुनाव नहीं लड़ सकते, वे विधायक होने की महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए दलित दुल्हन से शादी रचाने में लगे हैं।
अलीगढ़ के इगलास में एक नेता ने सोशल मीडिया पर बकायदा दलित लड़की से शादी का प्रस्ताव पोस्ट किया है जबकि तीन महीने पहले एक और नेता जी पहली पत्नी के रहते हुए दलित लड़की से दूसरी शादी रचा चुके हैं। ये दोनों नेता जिला पंचायत सदस्य हैं और अब विधायक बनने का ख्वाब पाले हुए हैं।
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ये नेता दलितों के लिए आरक्षित इगलास विधानसभा सीट से अपनी पत्नी को खड़ा करना चाहते हैं ताकि वो उनके जरिए अपनी राजनीति चमका सकें। दलित पत्नी के लिए बड़ी पार्टियों के टिकट के जुगाड़ में भी ये नेता लगे हुए हैं।
इगलास के नेता खोज रहे एससी दुल्हन
मामला यूपी के इगलास विधानसभा सीट का है जो एससी कैंडिडेट के लिए आरक्षित है। यूपी के 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव के दौरान यहां भी चुनाव होने हैं। एससी कैंडिडेट्स के लिए आरक्षित होने की वजह से यहां से चुनाव लड़ने की महत्वाकांक्षा पालने वाले नेता शादी के लिए दलित लड़की तलाशने में लगे हैं। ऐसा वह इसलिए करना चाहते हैं ताकि पत्नी को आरक्षित सीट से खड़ा कर वे विधायकी का सपना पूरा कर सकें।
दलित लड़की से शादी के लिए सोशल मीडिया पर डाला पोस्ट
इगलास के ऐसा नेताओं में से एक रविंदर सिंह ने सोशल मीडिया पर दलित लड़की से शादी का प्रस्ताव मंगाया है। रविंदर सिंह कहते हैं, 'मैं चुनाव लड़ना चाहता था लेकिन इगलास विधानसभा सीट एससी कैंडिडेट्स के लिए आरक्षित है और मैं ओबीसी से आता हूं। मैं शिक्षित दलित लड़की से बिना दहेज शादी करना चाहता हूं ताकि उसे इगलास सीट से चुनाव में खड़ा कर सकूं।' रविंदर सिंह को अब तक विवाह के दस प्रस्ताव मिल चुके हैं।
(इगलास के रविंद्र सिंह की फोटो)
दलित पत्नी को चुनाव लड़वाने में लगे नेता
तीन महीने पहले भाजपा नेता मेघराज सिंह ने भी एक दलित लड़की से शादी की थी। उनका कहना था कि वह अपनी पत्नी के जरिए राजनीतिक सपनों को पूरा करना चाहते हैं। इगलास में ही राष्ट्रीय लोकदल के नेता हरचरण सिंह ने 12 साल पहले सुलेखा चौधरी से शादी कर ली थी। वह एससी थीं। हरचरण सिंह अब पत्नी को इगलास सीट से खड़ा करना चाहते हैं।
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इगलास विधानसभा सीट 25 साल के लिए एससी कैंडिडेट के लिए आरक्षित है जिनमें से 10 साल गुजर चुके हैं। हरचरण सिंह कहते हैं कि 2017 के चुनाव में पत्नी मेरी राजनीति का चेहरा होंगी। हालांकि हरचरण सिंह इस बात से इंकार करते हैं कि उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए शादी की थी। वह कहते हैं कि उस समय उन्होंने राजनीतिक फायदा नहीं सोचा था लेकिन अब मैं पत्नी के जरिए राजनीति करना चाहता हूं।
हरचरण सिंह कहते हैं कि इगलास सीट पहले जनरल सीट था और यहां चौधरी राजेंदर सिंह नेता हुआ करते थे। मैंने लोकदल पार्टी के लिए बहुत काम किया है। यहां के लोग मुझे जानते हैं लेकिन ओबीसी होने की वजह से मैं यहां चुनाव नहीं लड़ सकता।
पहली पत्नी के रहते दलित लड़की से रचाई शादी
भाजपा नेता और जिला पंचायत सदस्य मेघराज सिंह ने अपनी पहली पत्नी के रहते हुए एससी लड़की खुशबू चौधरी से तीन महीने पहले दूसरी शादी कर ली। अब वे भी कहते हैं कि अपने राजनीतिक सपनों को पत्नी के जरिए पूरा करुंगा।
वे कहते हैं, 'मैंने राम मंदिर आंदोलन में सक्रियता से भाग लिया था लेकिन इगलास के आरक्षित होने की वजह से लाचार हो गया। मैं विधायक बनना चाहता था लेकिन नहीं बन सकता। अब मुझे अपनी पत्नी के जरिए राजनीति को जिंदा रखना पड़ेगा।'
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पहले से हो रहा है आरक्षित पदों पर महिला का ऐसा इस्तेमाल
आरक्षित सीटों पर अपनी पत्नी को खड़ा करने की घटना उत्तर प्रदेश के लिए नई नहीं है। पंचायत स्तर पर बहुत पहले से ऐसा हो रहा है। महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों पर जीतने वाली कैंडिडेट्स के पति या बेटे राजनीतिक फायदा उठाते रहे हैं। जीतने वाली महिला के पद के पावर का इस्तेमाल उनके घर के पुरुष सदस्य करते रहे हैं।