कुशीनगर हादसा: इस परिवार का आंगन हुआ वीरान, बच्चों के बाबा बोले- अब किसे घुमाने ले जाऊंगा?
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कुशीनगर। उत्तर प्रदेश स्थित कुशीनगर में गुरुवार को हुए रेल हादसे में 13 परिवारों के आंगन सूने हो गए. जिले के 5 गांवों मे मातम पसरा हुआ है। सबकी जुबान पर सिर्फ बात कि आखिर यह सब कैसे हो गया, क्या ईश्वर इतना बेरहम है? मौके पर जिस भी शख्स ने 13 शव एक साथ देखे वो खुद के आंसू रोक नहीं पाया। जिले के मिश्रौली गांव के अमरजीतऔर ग्राम प्रधान पत्नी किरण की दुनिया ही उजड़ गई है। उनके तीन मासूम बच्चे अनूप, रवि और रागिनी, गुरुवार को हुए हादसे में मारे गए। अमरजीत के पिता हरिहर, आने जाने वालों पर निगाह गड़ाए हुए थे। कभी वो दूसरों को हिम्मत दे रहे थे, तो कभी खुद ही फफक पड़ते थे। हरिहर ने कहा कि सुबह तीनों बच्चे स्कूल जा रहे थे, वैन में बैठाने पर तीनों ने कहा बाबा हमें शाम को घुमाने ले चलिएगा। इतना ही कहते हुए हरिहर रोने लगे।
तीनों बच्चों की मौत
उनके तीन मासूम बच्चे अनूप, रवि और रागिनी, गुरुवार को हुए हादसे में मारे गए। अमरजीत के पिता हरिहर, आने जाने वालों पर निगाह गड़ाए हुए थे। कभी वो दूसरों को हिम्मत दे रहे थे, तो कभी खुद ही फफक पड़ते थे। हरिहर ने कहा कि सुबह तीनों बच्चे स्कूल जा रहे थे, वैन में बैठाने पर तीनों ने कहा बाबा हमें शाम को घुमाने ले चलिएगा। इतना ही कहते हुए हरिहर रोने लगे।
इन दो परिवारों का भी यही हाल
कुछ ऐसा ही आलम पड़रौन, मड़रही में हैदर अली के घर पर था। उनके दोनों बेटे गोली और कमलूर भी इस हादसे में मारे हए। हैदर अळी खुद सऊदी में हैं और खबर मिलते ही बेसुध हो गए। उन्होंने कई बार अपनी पत्नी को फोन किया और उसे समझाते रहे। वहीं दुदही के मइरहवा में भी मैनुद्दीन के घर कोहराम मचा था। 8 दिन पहले ही पति दुबई नौकरी करने गया। मैनुद्दीन और पत्नी सलमा के बच्चे मेराज और मुस्कान इस हादसे में मारे गए हैं।
घर में नाश्ता कर रहे थे तभी...
चश्मदीद इमामुद्दीन बताते हैं कि वो अपने घर में नाश्ता कर रहे थे तभी एक जोर का धमाका हुआ, वो बाहर आए तो देखा की ट्रेन से वैन की टक्कर हो गई है। हबीब ने बताया कि वो छत पर गेंहू सुखाने जा रहे थे, तभी जोर की आवाज सुनी। नीचे आकर देखा तो गाड़ी पलटी थी और बच्चे खून से लथपथ थे।