कानपुर के इत्र कारोबारी को हाईकोर्ट से बड़ी राहत, 200 करोड़ कैश मामले में मिली जमानत
नई दिल्ली, 01 सितंबर। कानपुर के कारोबारी पीयूष जैन को हाईकोर्ट ने सोना तस्करी मामले में जमानत दे दी है। उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत का आदेश गुरुवार को पारित किया। कारोबारी पीयूष जैन को इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) के छापे के बाद गिरफ्तार किया गया था, जिसमें लगभग 257 करोड़ रुपये की नकदी, 25 किलोग्राम सोना और 250 किलोग्राम चांदी की बरामदगी हुई थी। पिछले साल दिसंबर में डीजीजीआई की रेड कारोबारी के कानपुर और कन्नौज में आवास और फैक्ट्री में की गई थी।
पीयूष जैन के घर और फैट्री में छापेमारी
डीजीजीआई
के
छापेमारी
पिछले
साल
दिसंबार
में
पीयूष
जैन
के
घर
उनकी
फैक्ट्री
में
हुई
थी।
ये
छापेमारी
डीजीजीआई
को
टैक्स
चोरी
और
काला
धन
एकत्र
होने
के
इनपुट
के
आधार
पर
की
गई
थी।
जो
काफी
हद
तक
सफल
रही।
पीयूष
जैन
के
घर
मिली
करोड़ों
की
चल
संपत्तियों
के
बारे
में
वो
DGGI
के
अधिकारियों
को
स्पष्ट
जवाब
नहीं
दे
पाए,
जिसके
चलते
उन्हें
सोना
तस्करी
और
टैक्स
चोरी
जैसे
आरोपों
के
तहत
मामल
दर्ज
कर
गिरफ्तार
कर
लिया
गया।
कारोबारी के पास मिली थी करोडों की संपत्ति
इंटेलिजेंस महानिदेशालय के छापे में पीयूष जैन की फैक्ट्री और घर से कुल मिलाकर लगभग 257 करोड़ रुपये की नकदी, 25 किलोग्राम सोना और 250 किलोग्राम चांदी की बरामदगी हुई थी। पिछले साल दिसंबर में डीजीजीआई की रेड कारोबारी के कानपुर और कन्नौज में आवास और फैक्ट्री में की गई थी। छापेमारी में 200 करोड़ कैश के साथ फैक्ट्री से विदेशी चिह्नों वाली 24 कैरेट सोने से बनी 23 किलो वजन की 32 सोने की छड़ें बरामद की गईं थीं। सोने की छड़ों की कीमत उस वक्त 196.57 करोड़ रुपये आंकी गई थी।
व्यवसायी पर टैक्स चोरी और गोल्ड तस्करी के आरोप
कानपुर के व्यवसायी पीयूष जैन को पर डीजीजीआई ने पीयूष जैन पर 31.5 करोड़ रुपये की टैक्स चोरी का आरोप लगाया था। विदेशी निशान वाले सोने की बरामदगी के बाद उसने जैन के खिलाफ भी केस दर्ज कराया।
10 लाख की जमानत राशि
मामले में सुनवाई कर ही इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने जैन को सोने की तस्करी के आरोप में सशर्त जमानत दे दी। पीयूष जैन 10 लाख रुपये की जमानत राशि जमा करके रिहा हो रहे हैं।
'प्रवर्तन एजेंसी की सबसे बड़ी कार्रवाई'- वित्त मंत्रालय
पूछताछ में पीयूष जैन कथित तौर पर अपने पास से बरामद सोने की कोई रसीद पेश नहीं कर सके। जांच के बाद विशेष सीजेएम कानपुर शहर की अदालत में शिकायत दर्ज कराई गई। मामले में वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा था कि यह किसी प्रवर्तन एजेंसी द्वारा 'नकदी की अब तक की सबसे बड़ी जब्ती'है।
हाईवे पर बनी 'टोमैटो सॉस'! लाल हुई पूरी सड़क, फिसलन के बीच कारों का ढेर