शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी पर CM योगी की बड़ी कार्रवाई, सचिव परीक्षा नियामक सुत्ता सिंह सस्पेंड
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश में 68500 साहयक शिक्षकों की भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी सामने आने के बाद कार्रवाई का दौरा शुरू हो गया है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मामले को संज्ञान में लेते हुए सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी श्रीमती सुत्ता सिंह को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर उनके विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सीएम ने मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। समिति अपनी रिपोर्ट सात दिन के अंदर सौंपेगी।
बता दें कि 68500 शिक्षक भर्ती विज्ञापन के दौर से ही विवादित रही है। रिजल्ट जारी होने के बाद इसमें विवाद और बढ़ गया। इलाहाबाद स्थित मुख्यालय से लेकर लखनऊ तक अभ्यर्थियों सड़क पर आ गए और हंगामा करने लगे। बता दें कि बिना परीक्षा दिया पास होने के मामले सामने आए, तो कभी फेल होने के बावजूद पास हुए अभ्यर्थियों का नाम सामने आया। शिक्षक भर्ती में भारी अनियमितताओं के उजागर होने पर अब राज्य सरकार की ओर से एक्शन लिया गया है और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है।
जांच
समिति
गठित
राज्य
सरकार
के
प्रवक्ता
जानकारी
देते
हुए
बताया
कि
प्रमुख
सचिव
चीनी
उद्योग
एवं
गन्ना
विकास
संजय
आर.
भूसरेड्डी
की
अध्यक्षता
में
जांच
समिति
का
गठन
किया
गया
है।
निदेशक
सर्व
शिक्षा
अभियान
वेदपति
मिश्रा
तथा
निदेशक
बेसिक
शिक्षा
सर्वेंद्र
विक्रम
सिंह
को
इस
समिति
का
सदस्य
नामित
किया
गया
है।
इन्हें
मिला
चार्ज
प्रवक्ता
ने
बताया
कि
अपर
शिक्षा
निदेशक
बेसिक
शिक्षा
निदेशालय
लखनऊ
रूबी
सिंह
को
सचिव,
बेसिक
शिक्षा
परिषद
इलाहाबाद
के
पद
पर
तैनात
किया
गया
है।
इसी
प्रकार
बेसिक
शिक्षा
विभाग
के
निवर्तन
पर
ललिता
प्रदीप
को
अपर
शिक्षा
निदेशक
बेसिक
शिक्षा
निदेशालय
लखनऊ
तथा
संयुक्त
शिक्षा
निदेशक
मेरठ
अनिल
भूषण
चतुर्वेदी
को
निदेशक
राज्य
विज्ञान
संस्थान
इलाहाबाद
एवं
सचिव,
परीक्षा
नियामक
प्राधिकारी
इलाहाबाद
के
पद
पर
तैनात
किया
गया
है।