कब बूढ़ी होंगी 62 साल की मायावती, पढ़ें बसपा सुप्रीमो की उम्र का पूरा कैल्कुलेशन
लखनऊ। 2014 लोकसभा चुनाव से शुरू हुई मोदी सुनामी में सियासी शक्ति खोने के बाद मायूस मायावती को गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव के बाद मानो नया राजनीतिक जीवन मिल गया है। पहले 2014 लोकसभा चुनाव में करारी हार और उसके यूपी विधानसभा चुनावों में बसपा के बुरी तरह परास्त होने के बाद मायावती अपनी ही पार्टी में अकेली पड़ती जा रही थीं। लेकिन बबुआ अखिलेश यादव का साथ मिलने के बाद से मायावती ने सरकती सियासी जमीन को वापस पाने के लिए भरसक प्रयास शुरू कर दिए हैं। एक के एक पार्टी में बगावत से जूझ रहीं मायावती ने एकदम स्पष्ट संदेश दिया कि उनके स्थान पर बसपा अध्यक्ष पद की चाहत रखने वालों की खैर नहीं है।
कर्नाटक में जेडी-एस का समर्थन कर बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के बाद मायावती में सियासी ऊर्जा का संचार इतना हो गया है कि वह उम्र को भी पीछे छोड़ देना चाहती हैं। 62 साल की मायावती ने शनिवार को कहा, 'अगले 20-22 साल तक किसी को बसपा अध्यक्ष बनने का सपना भी नहीं देखना चाहिए। मैं पार्टी का नेतृत्व करती रहूंगी।' यहां तक मायावती ने भाई आनंद कुमार को भी पार्टी उपाध्यक्ष पद से हटाकर संकेत दे दिया कि उन्हें चुनौती वाले हश्र बुरा होगा।
घुटनों के दर्द से जूझ रहीं मायावती के बारे में पार्टी में चल रही थीं अटकलें
लखनऊ में पार्टी मीटिंग में मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि कोई भी मेरा उत्तराधिकार बनने का सपना भी ना देखे। दरअसल, मायावती पिछले 6 माह से घुटने के दर्द से जूझ रही हैं। ऐसे में पार्टी में अटकलों का बाजार गर्म था। लेकिन मायावती ने पार्टी के संविधान में संशोधन कराकर सभी अटकलों पर विराम लगा दिया। बसपा के पार्टी में संविधान में अहम संशोधन किए गए हैं। पहला- भविष्य में पार्टी अध्यक्ष के किसी भी करीबी को पार्टी संगठन में किसी भी प्रकार को कोई भी पद नहीं मिलेगा। दूसरा- पार्टी अध्यक्ष ना तो अपने किसी भी नजदीकी सदस्य को चुनाव लड़ा सकता है और ना ही उसे राज्यसभा सांसद, एमएलसी या मंत्री आदि बनाया जाएगा।
62 की मायावती नहीं मानती खुद को उम्रदराज, बताया कब होंगी बूढ़ी
मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से स्पष्ट कहा कि वह आने वाले 20 से 22 साल तक कहीं नहीं जाने वालीं। मतलब 62 साल की हो चुकीं मायावती 80 से 82 साल की उम्र तक अध्यक्ष पद पर बनी रहेंगी। मायावती ने कहा कि जब तक वह बहुत बूढ़ी नहीं हो जातीं, तब अध्यक्ष पद का कामकाज संभालती रही थीं। मतलब 62 साल की मायावती अभी खुद को उम्रराज मानने को तैयार नहीं हैं।
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