UP: योगी एक्शन के बाद 2523 लेखपाल काम पर लौटे, 8000 को बर्खास्तगी की नोटिस, 633 सस्पेंड
इलाहाबाद। प्रदेश सराकर ने राजस्व लेखपालों की चल रही हड़ताल को खत्म करने के लिए कार्रवाई तेज कर दी है। प्रदेश में अब तक 8000 लेखपालों के खिलाफ निलंबन का नोटिस जारी कर दिया है। वहीं, 663 संघ के नेताओं को सस्पेंड कर दिया गया है। सस्पेंड होने वाले सभी लेखपाल तहसील व जिला संघ के पदाधिकारी हैं। इतना ही सरकार ने सभी बड़ी कार्रवाई मथुरा में की है। यहां दो लेखपालों को गिरफ्तार करने के साथ 12 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।
इलाहाबाद स्थित उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद मुख्यालय ने जानकारी देते हुए बताया कि सरकार ने हड़ताल को अवैध घोषित कर दिया है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में कार्यरत 25,577 लेखपाल हड़ताल पर चल गए थे, जिन्हें से बमुश्किल 2523 लेखपाल ही सेवा पर लौटे हैं। बता दें कि 1860 लेखपाल आंशिक रूप से हड़ताल से वापस लौट आए हैं और 553 ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। बड़ी संख्या में कर्मचारियों को एस्मा के अंतर्गत कार्रवाई की चेतावनी जारी की गई है। कई जिलों में नो वर्क-नो पे के तहत कार्रवाई हुई है। वहीं, दूसरी तरफ सराकर ने कार्रवाई करते हुए 7381 लेखपालों को सेवा समाप्ति का नोटिस जारी कर दिया है।
क्या
है
मामला
उत्तर
प्रदेश
लेखपाल
संघ
के
बैनर
तले
आठ
सूत्रीय
मांगों
को
लेकर
हड़ताल
कर
रहे
लेखपालों
ने
पिछले
कई
दिनों
से
सरकार
विरोधी
मोर्चा
खोल
रखा
है।
लेखपाल
वेतन
उच्चीकरण,
एसीपी
विसंगति,
विशेष
वेतन
भत्ता,
मोटर
साइकिल
और
स्टेशनरी
भत्ता,
भत्तों
के
देय
व
पदनाम
उप
राजस्व
निरीक्षक
समेत
आठ
मांगें
सरकार
से
पूरी
करने
को
कह
रहे
हैं।
लेकिन
अब
सरकार
की
कार्रवाई
शुरू
होने
के
बाद
सबका
साथ
टिके
रहना
संभव
नहीं
होगा।
अब
तक
क्या
हुआ
अपनी
विभिन्न
मांगों
को
लेकर
लेखपालों
ने
हड़ताल
शुरू
की
जिसे
सरकार
ने
अवैध
बताते
हुए
कार्रवाई
की
चेतावनी
दी।
चेतावनी
का
असर
नहीं
हुआ
तो
सरकार
ने
बस्ता
जमा
कराने
का
प्रयास
किया
था,
लेकिन
यह
ट्रिक
भी
विफल
रही
और
लेखपाल
हड़ताल
से
पीछे
नहीं
हटे।
इस
बीच
कई
कर्मचारी
संगठन
ने
लेखपालों
का
सपोर्ट
कर
दिया,
जिससे
हड़ताल
व्यापक
स्तर
पर
बढने
लगी।
मुख्यमंत्री
योगी
आदित्यनाथ
ने
सूबे
के
जिलाधिकारियों
से
वीडियो
कांफ्रेंसिंग
की
और
बड़ा
फैसला
लेते
हुए
हड़ताल
कर
रहे
लेखपालों
के
खिलाफ
कार्रवाई
शुरू
कर
दी
है।
शुरुआत
में
कर्मचारी
नेताओ
को
सस्पेंड
करना
शुरू
हुआ
और
फिर
8
हजार
से
ज्यादा
लेखपालों
को
बर्खास्तगी
की
नोटिस
जारी
कर
दिया
गया,
जिसके
बाद
अब
लेखपालों
का
काम
पर
लौटने
का
क्रम
शुरू
हो
गया
है।