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ELECTION SPECIAL: अखिलेश की कुर्सी आज के मतदान पर क्यों निर्भर?

उत्तर प्रदेश में विधानसभा के पांचवें चरण के लिए सोमवार को 11 ज़िलों की जिन 51 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से 37 सीटें इस समय सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के पास हैं. हालांकि इस बार उसने 14 सीटें गठबंधन के तहत कांग्रेस को दे रखी हैं.

By समीरात्मज मिश्र - बीबीसी हिंदी डॉटकॉम के लिए
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उत्तर प्रदेश में विधानसभा के पांचवें चरण के लिए सोमवार को 11 ज़िलों की जिन 51 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से 37 सीटें इस समय सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के पास हैं. हालांकि इस बार उसने 14 सीटें गठबंधन के तहत कांग्रेस को दे रखी हैं.

वोटिंग के बाद स्याही का निशान दिखातीं एक मतदाता
Reuters
वोटिंग के बाद स्याही का निशान दिखातीं एक मतदाता

सोमवार को जिन 51 सीटों पर मतदान हो रहे हैं उनमें अमेठी जैसी महत्वपूर्ण सीट भी शामिल है. अमेठी कांग्रेस पार्टी का गढ़ तो है ही, गठबंधन के बावजूद समाजवादी पार्टी का उम्मीदवार भी यहां से मैदान में है. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय सिंह की पत्नी कांग्रेस से उम्मीदवार हैं तो उनका मुक़ाबला संजय सिंह की ही पहली पत्नी से है जो कि बीजेपी से उम्मीदवार हैं.

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राहुल गांधी और प्रियंका गांधी
AP
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी

कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी यहां से सांसद हैं और उनकी बहन प्रियंका गांधी पिछले कई चुनावों से अमेठी और रायबरेली में प्रचार करती रही हैं.

प्रियंका फैक्टर

लेकिन यह पहला मौक़ा है जबकि वो पूरे चुनाव के दौरान यहां नहीं आईं. अमेठी के लोगों को इस बात का मलाल भी है.

अमेठी के वरिष्ठ पत्रकार योगेंद्र श्रीवास्तव कहते हैं, "प्रियंका के न आने का लोगों को अफ़सोस है और उसका असर भी पड़ेगा. लेकिन एक बात यहां और भी महत्वपूर्ण है कि पिछले चुनाव में प्रियंका ने अमेठी और सुल्तानपुर में काफी प्रचार किया था, रोड शो किया था लेकिन कांग्रेस सिर्फ़ दो सीटे मिली थीं."

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अखिलेश यादव
Getty Images
अखिलेश यादव

पांचवें चरण की ज़्यादातर सीटें नेपाल से लगे तराई और पूर्वी उत्तर प्रदेश के इलाक़ों में आती हैं.

खास सीटें

समाजवादी पार्टी के लिए जहां अपनी 37 सीटें बचाने की चुनौती है तो बीजेपी और बीएसपी सरकार बनाने के लिए यहां से ज़्यादा से ज़्यादा सीटों पर जीत हासिल करने की कोशिश में लगी हैं.

साल 2012 के चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को यहां से पांच-पांच, बीएसपी को तीन और पीस पार्टी को दो सीटें मिलीं थीं.

अमेठी के अलावा इस चरण में बलरामपुर, गोंडा, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीरनगर और सुल्तानपुर ज़िले की विधानसभा सीटें शामिल हैं.

नरेंद्र मोदी
Reuters
नरेंद्र मोदी

यूं तो इस चरण में भी कई महत्वपूर्ण नेताओं और मंत्रियों के भाग्य का फ़ैसला होना है लेकिन इस चरण की कई सीटों का प्रतीकात्मक महत्व भी है.

मसलन अयोध्या और अमेठी. यही नहीं, यह भी पिछले काफी समय से ये देखा जा रहा है कि इस दौर में जो भी पार्टी जीत हासिल करती है, राज्य में उसी की पार्टी सरकार बनाती है.

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मायावती
AFP/GETTY IMAGES
मायावती

चाहे बात 1991 में बीजेपी को मिली 40 सीटें हों या फिर 2012 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली 37 सीटों हों. साल 2007 में बीएसपी ने भी यहां से 26 उम्मीदवार देखे थे.

दोस्ताना मुकाबला

समाजवादी पार्टी ने इस चरण की 14 सीटें गठबंधन की साथी कांग्रेस को दे रखी हैं. हालांकि कांग्रेस पार्टी अमेठी और सुल्तानपुर की ज़्यादातर सीटें चाहती थी, लेकिन समाजवादी पार्टी ने तो अमेठी सीट पर भी उम्मीदवार उतार दिया है.

योगेंद्र श्रीवास्तव बताते हैं कि प्रियंका के यहां न आने के पीछे एक कारण ये भी है क्योंकि उन्हें पता है कि मीडिया और स्थानीय लोग उनसे इसी बारे में सवाल करेंगे.

गायत्री प्रजापति
PTI
गायत्री प्रजापति

अमेठी से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार और राज्य के चर्चित मंत्री गायत्री प्रजापति हैं. पिछले दिनों उनके ख़िलाफ़ रेप का एक मुक़दमा भी दर्ज हुआ है.

इसी चरण में गोंडा के तरबगंज से विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह, अयोध्या से तेज नारायण पाण्डेय उर्फ पवन पाण्डेय तथा अकबरपुर से बीएसपी के प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर मैदान में हैं.

BBC Hindi
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English summary
ELECTION SPECIAL why fifth phase elections are important to cm akhilesh yadav.
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