इलाहाबाद में इसलिए हटाई गई पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा, कांग्रेसियों ने किया हंगामा
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की मूर्ति को क्रेन के जरिये जबरन हटाए जाने पर कांग्रेसियों ने जमकर हंगामा काटा। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का आरोप है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू की मूर्ति को कुंभ के निर्माण कार्य का बहाना लेकर हटा दिया गया, जबकि पास में स्थित बीजेपी सांसद के बंगले और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। बता दें कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की मूर्ति उनके पैतृक आवास आनंद भवन के बाहर लगी हुई है।
मूर्ति शिफ्ट करने से नाराज हुए कांग्रेसी
इलाहाबाद में कुंभ के लिए इन दिनों शहर में सड़क चौड़ीकरण सुंदरीकरण का कार्य चल रहा है। इलाहाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा इसी क्रम में बालसन चौराहे का भी सुंदरीकरण कराया जा रहा है। जिसके तहत गुरुवार को पंडित जवाहरलाल नेहरु की मूर्ति को क्रेन से हटाकर दूसरी जगह शिफ्ट किया जाने लगा। नेहरू की मूर्ति को दूसरी जगह शिफ्ट करने पर कांग्रेस नाराज हो गए। कांग्रेसियों मूर्ति शिफ्ट करने का विरोध किया और जमकर हंगामे काटा। इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने क्रेन को रोककर योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उस पर बदले की भावना और भेदभाव के साथ काम करने का आरोप लगाया।
मूर्ति शिफ्ट करने पर बोले अथॉरिटी के अधिकारी
इलाहाबाद डेवलपमेंट अथॉरिटी की ओर से बताया गया कि बालसन चौराहे पर सुंदरीकरण का कार्य कराया जा रहा है और इसके लिए पूरा नक्शा व डीपीआर तैयार किया गया है। उसी के तहत काम हो रहा है। इस चौराहे पर तीन छोटे पार्कों में महात्मा गांधी, पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरु और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा लगी हुई है। इन तीनों मूर्तियों को ही दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना है। जिसके क्रम में आज पंडित जवाहरलाल नेहरु की मूर्ति को शिफ्ट किया जा रहा था। इसके बाद अन्य मूर्तियों को भी शिफ्ट किया जाना है। किसी के अपमान व अन्य तरह का आरोप पूरी तरह से बुनियाद है।
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव बोले
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव मुकुंद तिवारी ने बताया कि नेहरु जी की प्रतिमा को बोरे में लपेटकर व गले में रस्सी बांधकर उखाड़ा गया। क्रेन से उनकी मूर्ति को टांगकर शिफ्ट किया जा रहा था। जूता चप्पल पहनकर मजदूर यह सब कर रहे थे। यह अपमानजनक था और यह सरकार के इशारे पर किया जा रहा है जो बिल्कुल भी ठीक नहीं है।
1995 में लगी थी मूर्ति
हटाई गई पंडित नेहरू की मूर्ति साल 1995 में लगाई गई थी, जिसका उदघाटन तत्कालीन गवर्नर मोतीलाल बोरा ने किया था। जबकि पंडित दीन दयाल उपाध्याय की मूर्ति साल 1991 में लगाई गई थी, जिसके उद्घाटन समारोह में यूपी के तत्कालीन सीएम कल्याण सिंह, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. मुरली मनोहर जोशी और नेता बीजेपी संसदीय दल लाल कृष्ण आडवाणी शामिल हुये थे। पंडित नेहरू की हटाई गई मूर्ति को शाम को पड़ोस में ही एक जगह पर शिफ्ट कर दिया गया।
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