पार्टी पदाधिकारियों के इस्तीफों से उबर नहीं पा रही कांग्रेस, जानिए प्रियंका के सामने क्या है चुनौतियां
लखनऊ, 20 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले यूपी कांग्रेस में इस्तीफों का दौर जारी है। प्रियंका गांधी एक तरफ जहां कांग्रेस को बूथ लेवल पर मजबूत करने में जुटी हैं और महिलाओं को चालीस फीसदी टिकट देने का दावा कर रही हैं वहीं दूसरी तरफ एक एक कर उनके पुराने साथी साथ छोड़ते जा रहे हैं। कुछ दिन पहले ही उनके सबसे खास और पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष ललितेश पति त्रिपाठी ने पार्टी छोड़ दी थी। पिछली बार भी उनके दौरे के समय ही बुंदेलखंड क्षेत्र से आने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उपाध्यक्ष गयादीन अनुरागी ने कांग्रेस छोड़कर सपा का दामन थाम लिया था। इससे पहले भी कांग्रेस के दो बड़े चेहरे रीता बहुगुणा जोशी और जितिन प्रसाद ने भी कांग्रेस छोड़ दिया था।
अगले साल चुनाव में हरेंद्र पिता-पुत्र बढ़ाएंगे कांग्रेस की मुश्किलें
उत्तर प्रदेश में 2022 के भीतर विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी जहां सत्ता में आने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर उसे झटके भी लग रहे हैं। कई बड़े नेताओं के कांग्रेस छोड़ने के बाद अब पश्चिमी यूपी के जाट नेता हरेंद्र मलिक ने अपने बेटे और पूर्व विधायक पंकज मलिक से इस्तीफा दे दिया है। आपको बता दें, हरेंद्र मलिक प्रियंका गांधी की सलाहकार समिति के सदस्य थे। तो वहीं, हरेंद्र के बेटे और पूर्व विधायक पंकज मलिक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष थे।
सपा
में
शामिल
हुए
अनुरागी
तो
जितिन
बीजेपी
में
बने
मंत्री
अगले
साल
होने
वाले
उत्तर
प्रदेश
विधानसभा
चुनावों
से
पहले,
कांग्रेस
की
उत्तर
प्रदेश
इकाई
के
उपाध्यक्ष
गयादीन
अनुरागी
शुक्रवार
को
समाजवादी
पार्टी
में
शामिल
हो
गए
और
आरोप
लगाया
कि
पुरानी
पार्टी
में
उनकी
आवाज
नहीं
सुनी
जा
रही
है।
वह
यहां
समाजवादी
पार्टी
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
अखिलेश
यादव
की
मौजूदगी
में
शामिल
हुए।
इसके
अलावा
गोंडवाना
गणतंत्र
पार्टी
के
राष्ट्रीय
अध्यक्ष
तुलेश्वर
सिंह
ने
भी
सपा
को
समर्थन
देने
की
घोषणा
की।
इस
मौके
पर
समाजवादी
पार्टी
के
अध्यक्ष
अखिलेश
यादव
ने
कहा
कि
समाज
के
सभी
वर्ग
उनकी
पार्टी
में
शामिल
हो
रहे
हैं
और
इसे
मजबूत
बना
रहे
हैं।
चुनाव रणनीति समिति के सदस्य बनाए गए थे पंकज मलिक
दरअसल, 19 अक्टूबर को एक मजबूत जाट नेता और पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक ने घोषणा की कि वह पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनका इस्तीफा स्वीकार करने का भी अनुरोध किया है। मुजफ्फरनगर के रहने वाले हरेंद्र मलिक चार बार विधायक और इंडियन नेशनल लोकदल के राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं. वह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सलाहकार समिति के सदस्य भी हैं। वहीं शामली सीट से दो बार विधायक रहे पंकज मलिक को कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष के साथ हाल ही में घोषित पार्टी की चुनाव रणनीति समिति का सदस्य बनाया गया है.
दो
दिन
पहले
ही
हरेंद्र
मलिक
ने
की
थी
अखिलेश
से
मुलाकात
सूत्रों
की
माने
तो
हरेंद्र
मलिक
ने
दो
दिन
पहले
लखनऊ
में
सपा
अध्यक्ष
अखिलेश
यादव
से
मुलाकात
की
थी।
तो
अब
चर्चा
है
कि
22
अक्टूबर
को
पिता-पुत्र
दोनों
समाजवादी
पार्टी
में
शामिल
हो
सकते
हैं।
कांग्रेस
छोड़कर
सपा
में
जाने
के
पीछे
स्थानीय
राजनीतिक
समीकरण
बताए
जा
रहे
हैं।
इस
बारे
में
पूछे
जाने
पर
हरेंद्र
मलिक
ने
कहा
कि
राजनीतिक
व्यक्ति
राजनीतिक
कारणों
से
निर्णय
लेते
हैं।
उनके
इस
फैसले
को
भी
इसी
नजरिए
से
देखा
जाना
चाहिए।
इससे
पहले
भी
कई
नेता
कांग्रेस
छोड़कर
सपा
में
शामिल
हो
चुके
हैं,
जिनमें
उन्नाव
के
पूर्व
सांसद
अन्नू
टंडन,
कांग्रेस
के
पूर्व
प्रदेश
उपाध्यक्ष
गयादीन
अनुरागी
और
पूर्व
विधायक
विनोद
चतुर्वेदी
शामिल
हैं।