'17 रुपए/यूनिट खरीद रहे हैं, प्लीज अनावश्यक इस्तेमाल ना करें', बिजली संकट पर बोले यूपी के ऊर्जा मंत्री
'17 रुपए/यूनिट खरीद रहे हैं, प्लीज अनावश्यक इस्तेमाल ना करें', बिजली संकट पर बोले यूपी के ऊर्जा मंत्री
लखनऊ, 14 अक्टूबर: त्योहरों का सीजन शुरू हो गया हैं, ऐसे में प्रदेश के अंदर बिजली की मांग और अधिक बढ़ गई है। लेकिन कोयले की कमी के चलते प्रदेश में बिजली का भारी संकट खड़ा हो गया है। बिजली संकट और त्यौहरी सीजन को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार को महंगी बिलजी खरीदनी पड़ रही है। इस संबंध में खुद ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने ट्वीट कर जानकारी दी है। साथ ही, लोगों से अपील की है कि वो बिजली का अनावश्यक इस्तेमाल न करें। ताकि गांवों और गरीबों तक भी बिजली पहुंच सके।
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा, 'प्रिय उपभोक्ता, रात्रिकालीन निर्बाध विद्युत आपूर्ति हेतु सरकार 17 रुपए प्रति यूनिट की महंगी बिजली खरीद रही है। अनावश्यक विद्युत उपकरणों का प्रयोग न कर, बिजली बचाएं ताकि गांव व गरीब को भी पर्याप्त बिजली मिले।' दरअसल, प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद पावर कारपोरेशन ने प्रदेश में शहरी, ग्रामीण और औद्योगिक क्षेत्रों को तय शेड्यूल के अनुसार या उससे अधिक विद्युत आपूर्ति करना शुरू किया है। कोयला संकट के बीच विद्युत आपूर्ति सामान्य रखने के लिए पावर कारपोरेशन का कर्ज और बढ़ता जा रहा है।
वहीं, प्रदेश के ऊर्जा एवं अतिरिक्त ऊर्जा स्त्रोत मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बुधवार को गोमती नगर स्थित स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर पहुंच कर विद्युत आपूर्ति की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि शाम छह बजे से सुबह सात बजे तक निर्बाध विद्युत आपूर्ति की जाए। कहा कि सरकार कटौती मुक्त आपूर्ति को लेकर बेहद गंभीर है। इस दौरान उन्होंने बोलते हुए कहा कि पिछली सरकारों की तुलना में करीब 10 हजार मेगावाट अधिक बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
अमर उजाला की खबर के मुताबिक, कोयला की कमी के चलते बिजली का उत्पादन जबरदस्त तरीके से गिरा है। केवल अगस्त माह के 13 दिनों में ही 30 करोड़ यूनिट बिजली का उत्पादन कम हुआ। अगस्त माह से अब तक प्रदेश में 53 करोड़ यूनिट का उत्पादन गिर गया। संकट से निपटने केलिए कोयले की डिमांड की जा रही है लेकिन फिलहाल कोई मजबूत समाधान नजर नहीं आ रहा है। प्रदेश भर के विद्युत संयंत्रों को कोयले की पूरी आपूर्ति न होने से स्थिति अभी नियंत्रण में नहीं आ पा रही है। हालत यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में 10 से 12 घंटे की अघोषित विद्युत कटौती की जा रही है।