अमेठी में साफ-सफाई ठप, 13 ब्लॉकों के कर्मचारी बहुत नाराज
उन्होंने आरोप लगाया की सफाई कर्मियों के उत्पीड़न से कर्मचारी भुखमरी की कगार पर हैं।
अमेठी। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में एक साथ 13 ब्लॉक के सफाई कर्मचारी लामबंद होकर सड़क पर उतर आए। प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों ने डीपीआरओ पर मानसिक शोषण का आरोप लगाते हुए उनके ऑफिस का घेराव किया। उत्तर प्रदेश पंचायती राज विभाग ग्रामीण सफाई कर्मचारी संघ के बैनर तले जिला अध्यक्ष अंकुर बरवाल के नेतृत्व में सैकड़ों कर्मचारियों ने अमेठी के डीपीआरओ बनवारी सिंह की कार्यशैली से नाराज होकर ये कदम उठाया। कर्मचारियों ने मांग ना पूरी होने तक प्रदर्शन समाप्त ना करने की बात कही है।
भुखमरी की कगार पर सफाई कर्मी
इस बीच जिलाध्यक्ष अंकुर बरनवाल ने कहा कि कर्मचारियों का शोषण बंद किया जाए। जिन कर्मचारियों को वेतन रहित किया गया है उन्हें तत्काल वेतन दिया जाए, साथ ही जिला पंचायत कार्यालय में संबद्ध सफाई कर्मचारी को राजस्व गांव भेजा जाए। उन्होंने आरोप लगाया की सफाई कर्मियों के उत्पीड़न से कर्मचारी भुखमरी की कगार पर हैं। उन्होंने कहा की 30 दिसंबर तक अगर मांग पूरी नही हुई तो वो अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने को मजबूर होंगे।
पुलिस को संभालना पड़ा मोर्चा
कर्मचारियों के प्रर्दशन ने अचानक उस वक्त उग्र रूप ले लिया जब डीपीआरओ बनवारी सिंह ज्ञापन लेने आए। डीपीआरओ ने कर्मचारियों से बगैर बात किए ज्ञापन लिया और तुरंत अपने कार्यालय के अंदर चले गए। उनकी इस कार्यशैली से कर्मचारी उग्र हो उठे और कर्मचारियों ने सड़क जाम कर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे को बढ़ता देखकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मोर्चा संभाला। पुलिस की मान मनौवल के बाद मामला शांत हुआ।
एक माह में पूरी होंगी मांगें
इस संदर्भ में जिला पंचायत राज अधिकारी (DPRO) बनवारी सिंह ने कहा कि कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था, उनकी आठ मांगें थीं जिसमें कुछ मांगों को पूरा कर दिया गया। बाकी बची मांगों के लिए उन्हें एक माह का समय दिया गया है।
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