बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाने के लिए मायावती के विधायक ने सुझाई जर्मन दवा
बढ़ती जनसंख्या पर लगाम लगाने के लिए BSP MLA ने सुझाई जर्मन दवा
लखनऊ। राष्ट्रीय राजनीति में गाहे-बगाहे रोजगार, गरीबी, स्वास्थ्य सेवाओं के मुद्दों पर चर्चा होती रहती है, लेकिन बढ़ती जनसंख्या पर नरेंद्र मोदी से लेकर सोनिया गांधी तक कभी किसी शीर्ष नेता ऐसी बात नहीं कही, जो कि जिससे कि देश में इस मुद्दे पर चर्चा हो सके। देश की संसद बढ़ती जनसंख्या भले ही बड़ा मुद्दा न हो, लेकिन लखनऊ विधानसभा में इस मामले पर मंगलवार को जोरदार बहस हुई। यूं तो सदन में कमोबेश सभी दलों ने बढ़ती जनसंख्या पर चिंता जताई, लेकिन सबसे तीखे तेवर बसपा के रहे।
चर्चा के दौरान अनिल सिंह कहा कि ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों राशन पानी ही बंद करा देना चाहिए। इस दौरान एक रोचक बात यह हुई कि जैसे ही अनिल सिंह राशन पानी बंद करने की बात कही, वैसे ही सत्ता पक्ष के विधायकों ने मेज थपथपाने लगे। अनिल सिंह ने आगे कहा कि अगर आबादी को नहीं रोका गया तो संसाधन कम पड़ जाएंगे।
अनिल सिंह नेता ने आगे कहा कि आज अगर जनगणना कराई जाए तो उत्तर प्रदेश की आबादी 30 करोड़ से अधिक मिलेगी। इसके बाद बसपा नेता असलम राइनी ने भी जनसंख्या कम करने के उपायों की समीक्षा करने की बात कही। राइनी ने तो सदन में जनसंख्या कम करने के लिए एक जर्मन दवा तक का सुझाव दे डाला। इसके बाद तो क्या सत्ता पक्ष और क्या विपक्ष सभी ठहाके लगाकर हंसने लगे।
दूसरी ओर बसपा नेता रितेश पांडेय के सवाल पर परिवार कल्याण मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि जनसंख्या में वृद्धि को रोकने के लिए पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देना जरूरी है। जोशी ने सदन में कहा कि पुरुष नसबंदी की भागीदारी महज एक प्रतिशत है। इसे बढ़ावा देने के लिए सरकार ने योजना बनाई है, जिसे प्राइवेट नर्सिंग होम्स के साथ मिलकर आगे बढ़ाया जाएगा। जोशी ने कहा कि परिवार नियोजन का पूरा भार महिलाओं के कंधे पर डालने से काम नहीं चलने वाला।