बाल सुधार गृह में यौन उत्पीड़न, 12 घंटे में दूसरी बार हुआ खूनी संघर्ष
हरदोई। उत्तर प्रदेश के हरदोई जिला स्थित राजकीय सम्प्रेक्षण गृह अब अखाड़ा बन गया है। यहां 12 घंटे के भीतर दो बार हुए खूनी संघर्ष में 18 किशोर घायल हुए हैं। बाल सुधार गृह के भीतर दो गुटों में खूनी संघर्ष राजकीय सम्प्रेक्षण गृह प्रशासन की लापरवाही के चलते हुआ। नाबालिग बंदियों का आरोप है कि सीनियर बंदी उनके नाजुक अंगों के साथ छेड़छाड़, अश्लील हरकतें कर यौन उत्पीड़न करते हैं। आरोप ये भी है कि सीनियर बंदी विनय जेल के बाहर से 20 रुपये का गांजा लाकर 100 रुपये में अन्य बंदियों को बेचता है। बता दें की यहां 50 कैदियों की व्यवस्था है जबकि इसमें 89 बाल बन्दी सीतापुर लखीमपुर व हरदोई जिले के मौजूद हैं।
बाल सुधार गृह में यौन उत्पीड़न
नाबालिगों के साथ बाल सुधार गृह में हो रहे उत्पीड़न के विरोध में शनिवार शाम दोनों गुटों में खूनी संघर्ष हो गया। इस घटना में करीब 18 किशोर घायल हो गए थे। बाल सुधार गृह में बवाल की सूचना मिलते ही मौके पर जिलाधिकारी पुलकित खरे, एसपी विपिन कुमार मिश्रा सहित कई थानों की पुलिस और पीएसी बल मौके पर पहुंची थी। पुलिस ने सभी बंदियों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया इनमें से 5 की हालत गम्भीर बताई जा रही है। 13 किशोरों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
दो गुटों में जमकर मारपीट
बताया जा रहा है कि बाल सुधार गृह में रविवार को जैसे ही घायल बंदी जेल के भीतर पहुंचे तो फिर बवाल खड़ा हो गया। दोनों गुटों में जमकर मारपीट हुई। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर एडीएम विमल अग्रवाल,सिटी मजिस्ट्रेट वंदिता श्रीवास्तव एएसपी निधि सोनकर, सीओ सिटी, भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी के साथ मौके पर पहुंचे। घटना का संज्ञान लेते हुए जेल डायरेक्टर भी मौके पर पहुंचे। एडीएम ने किशोरों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं।
भाग खड़े हुए जेल स्टाफ
जानकारी के मुताबिक, शनिवार शाम सुधार गृह में बंद किशोरों के बीच किसी बात को लेकर शुरू हुई कहासुनी झगड़े में बदल गई। झगड़ा रोकने के लिए आगे आया जेल स्टाफ बच्चों के खतरनाक तेवर देख भाग खड़ा हुआ और पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना दी। सूचना पाकर एसपी विपिन कुमार मिश्र और एसडीएम विमल कुमार अग्रवाल दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। जेल का गेट बंद कर और एम्बुलेंस को बुलाया गया। करीब एक घंटे बाद बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। एक घायल कैदी के मुताबिक पूरा विवाद जेल में बिकने वाले नशीले पदार्थ को लेकर हुआ था।
5 किशोरों की हालत नाजुक
यहां जिला अस्पताल पहुंचे किशोर बंदियों ने बताया कि उनके साथ सीनियर बच्चे रात में उनका उत्पीड़न करते हैं। जिसकी शिकायत जेल प्रशासन से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई उल्टे ही जेल अधीक्षक ने उनको ही प्रताड़ित किया। यह करीब 1 महीने से उनके साथ में अत्याचार किया जा रहा था। इसी वजह से शनिवार की देर रात को सीनियर-जूनियर बच्चों में विवाद हो गया। विवाद में थाली,लोहे की रॉड से मारपीट हुई जिसमें 18 किशोर बंदी घायल हो गए जिनमें 5 किशोरों की हालत नाजुक होने से जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
मौके पर पहुंचे आलाधिकारी
जेल प्रशासन ने बवाल के कारणों पर पर्दा डालने के भरसक प्रयास किया साथ ही जेल अधीक्षक की इस पूरे मामले में भूमिका सन्दिग्ध है। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।एडीएम के मुताबिक जेल अधीक्षक की लापरवाही सामने आ रही है पूरे प्रकरण की गंभीर जांच होगी फिलहाल यहां जो बाल बन्दी है उंनको शिफ्ट करने की प्रक्रिया की जा रही है।घटना को लेकर मजिस्ट्रेटी जांच भी शुरू की गई है। यह पहली घटना नहीं है जब यहां बंद बच्चे हिंसक हुए। कुछ साल पहले भी जेल स्टाफ से परेशान बच्चों ने उनके असलहे छीनकर उन्हें भगा दिया था और पूरे जेल पर कब्जा कर लिया था। इस दौरान छिनी गई राइफलों से पुलिस पर कई राउंड फायरिंग भी की गई थी और करीब 4 घंटे तक जेल को कब्जे में ले लिया था। काफी मशक्कत के बाद पुलिस हालात पर काबू कर पाई थी।
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