वाराणसी: BJP की महिला नेताओं का पार्टी पर आरोप, किया जाता है महिला प्रत्याशी को नजरअंदाज
वाराणसी में किसी भी सीट से किसी भी महिला को टिकट न देना अब बीजेपी की नई मुश्किल बन सकती है। दरअसल ये मुद्दा उठाया है वाराणसी में बीजेपी नेता मीना चौबे ने जो पार्टी में पिछले दो दशकों से सक्रिय हैं।
वाराणसी। एक बार फिर से बीजेपी नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में अपनों से ही घिरते हुए नजर आ रही है। इस बार वो मुद्दा है जिसके बारे में वाराणसी में टिकट देते हुए बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने सोचा भी नहीं होगा। ये मुद्दा है आधी आबादी को नजर अंदाज करने का। यानी वाराणसी में किसी भी सीट से किसी भी महिला को टिकट न देना अब बीजेपी की नई मुश्किल बन सकती है।
दरअसल ये मुद्दा उठाया है वाराणसी में बीजेपी नेता मीना चौबे ने जो बीजेपी की राजनीति में पिछले दो दशकों से सक्रिय पदाधिकारियों में से एक रहीं हैं। वर्तमान में मीना चौबे बीजेपी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्यों में से एक हैं। मीना चौबे ने मीडिया के सामने आकर इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर की है और खुले तौर पर अपना विरोध दर्ज किया है।
पार्टी पर क्या आरोप लगा रही हैं मीना चौबे?
मीना चौबे ने OneIndia से बात करते हुए बताया कि वाराणसी के कुल वोटरों में से महिला वोटर दस लाख से भी ज्यादा हैं। उसके बावजूद यहां से किसी भी सीट पर महिलाओं को पार्टी ने प्रत्याशी नहीं बनाया है। बीजेपी यहां से हमेशा से ही महिलाओं के दावेदारी को नजरअंदाज करती आई है। जो महिलाओं के सम्मान को घात पहुंचा रही है।
मीना चौबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है
मीना चौबे ने कहा कि मैंने शीर्ष नेतृत्व से उनके इस फैसले के लिए पत्र लिखा है। जिसमे उन्होंने यहां की सभी स्थिति से उन्हें अवगत कराया हैं। उन्हें उम्मीद है की पीएम मोदी इस विषय पर विचार करेंगे।
मीना चौबे की आगे की रणनीति क्या होगी?
अब मीना शीर्ष नेतृत्व के जवाब का इंतजार कर रही हैं अगर जल्द ही शीर्ष नेतृत्व कोई संतोषजनक जवाब नहीं देता है तो मीना चौबे और उनकी महिला टीम वाराणसी के किसी भी सीट से कोई एक महिला प्रत्याशी को निर्दलीय खड़ा कर सकती हैं।
अब दर्जनों महिला संगठनों ने भी मोदी से गुहार लगाई है
पीएम के संसदीय क्षेत्र में महिलाओं को नजरअंदाज करने के विरोध में आवाज उठाने के बाद अब उनके समर्थन में कई महिला संगठन आ गया है। सभी ने पीएम मोदी को खत लिखकर महिला उम्मीदवार की पेशकश की है।
इनरव्हील संगठन की अध्यक्ष सुनीति शुक्ला और झुंना फाउंडेशन की अध्यक्ष डॉ. भारती मिश्रा कहती हैं कि एक तरफ जहां मोदी सरकार बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ का नारा देती हैं तो वहीं राजनीति में उभरती हुई महिलाओं को पीछे कर रही हैं। इसलिए महिलाओं के सम्मान के लिए हमने मीना चौबे के बातों का समर्थन किया है।
मुख्य रूप से किस संगठन ने किया है समर्थन
वाराणसी में कुल राष्ट्रीय और क्षेत्रीय महिला संगठन मिलाकर 100 से ज्यादा हैं। इनमे से मुख्य रूप से इनरव्हील, महिला व्यापर प्रतिनिधि मंडल, वनिता विश्राम महिला संगठन, झुंना फाउंडेशन शामिल है।
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