MLC चुनाव को लेकर अखिलेश की बढ़ेगी टेंशन, मुलायम परिवार की बहु अपर्णा को BJP दे सकती है ईनाम
लखनऊ, 06 जून: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटों पर निर्विरोध नामांकन के बाद अब विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) की 13 सीटों के लिए घमासान शुरू हो गया है। सदन में संख्या बल के हिसाब से बीजेपी को एक बार फिर सबसे ज्यादा सीटें मिलेंगी जबकि सपा को चार सीटें मिलेंगी। कांग्रेस और बसपा की झोली पूरी तरह से इस बार भी खाली रहेगी। सपा की ओर से स्वामी प्रसाद मौर्य, रामगोविंद चौधरी और ओम प्रकाश राजभर के बेटे का नाम प्रमुखता से चल रहा है। वहीं बीजेपी की 9 सीटों में से सात मंत्रियों के लिए आरक्षित रहेंगी जबकि बची हुई दो सीटों में सपा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुईं अपर्णा यादव का नाम सबसे उपर चल रहा है।
6 जुलाई को सेवानिवृत्त हो रहे हैं 13 सदस्य
पार्टी के सूत्रों ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा 20 जून को होने वाले द्विवार्षिक चुनावों में योगी आदित्यनाथ सरकार के कम से कम सात मंत्रियों को यूपी विधान परिषद में नामित करेगी ताकि वे मंत्री बने रह सकें। पिछले हफ्ते, चुनाव आयोग ने 6 जुलाई को सेवानिवृत्त होने वाले सदस्यों की सीटों को भरने के लिए विधान परिषदों के द्विवार्षिक चुनावों को अधिसूचित किया था। सेवानिवृत्त होने वाले 13 सदस्यों में छह समाजवादी पार्टी (सपा), तीन-तीन भाजपा और बसपा और एक कांग्रेस का है।
BJP को 9 और सपा को मिलेंगी 4 सीटें
उच्च सदन के लिए निर्वाचित होने के लिए परिषद के प्रत्येक उम्मीदवार को कम से कम 29 विधायकों के वोट प्राप्त करने की आवश्यकता होती है, भाजपा अपने नौ उम्मीदवारों को निर्वाचित कर सकती है, जबकि सपा चार सीटें ही जीत पाएगी। कांग्रेस और बसपा, जिनके पास केवल दो और एक विधायक हैं। इस वजह से उनके अपने उम्मीदवार उतारने की संभावना नहीं है। इसके साथ ही दो सीटों के लिए मानवेंद्र सिंह, अपर्णा यादव का नाम चल रहा है। दअरसल इसमें सबसे मजबूत दावेदारी अपर्णा यादव की दिख रही है। बीजेपी उनको मुलायम परिवार छोड़ने का इनाम दे सकती है और एमएलसी बना सकती है। वह विधानसभा में टिकट की दावेदार थीं लेकिन उनको टिकट नहीं मिल पाया था।
BJP के सात मंत्री हैं जिनको भेजें जाएंगे विधान परिषद
भाजपा के एक नेता ने बताया कि, "भाजपा ने सात मंत्रियों को निर्वाचित करने का फैसला किया है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी सूची में होंगे क्योंकि उनकी विधान परिषद की सदस्यता 6 जुलाई को समाप्त हो रही है। पांच अन्य मंत्री हैं - जेपीएस राठौर, दयाशंकर मिश्रा "दयालू", नरेंद्र कश्यप, जशवंत सैनी और दानिश आजाद अंसारी - जो किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। उन्हें मंत्री के रूप में बने रहने के लिए एमएलसी सीटें भी दी जाएंगी।"
9 सीटें मिलने से परिषद में बढ़ेगी BJP की ताकत
नेता ने कहा, "शेष दो सीटों के लिए पार्टी कुछ समर्पित कार्यकर्ताओं के नामों पर विचार कर रही है जिन्हें मौका दिया जा सकता है। भाजपा ने पहले ही विधान परिषद में अपने 66 सदस्यों और अपने दो सहयोगियों - अपना दल (सोनेलाल) और निषाद पार्टी के साथ बहुमत हासिल कर लिया है। इस चुनाव से सदन में बीजेपी की ताकत और बढ़ेगी। चुनाव के बाद कांग्रेस का विधान परिषद में कोई सदस्य नहीं होगा। इसके एकमात्र एमएलसी दीपक सिंह का कार्यकाल जुलाई में समाप्त हो रहा है। दरअसल, मतदान कार्यक्रम के अनुसार नौ जून को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है और 20 जून को मतदान और मतगणना होगी।