यूपी विधानसभा चुनाव 2017: पढ़िए बरेली के सपा प्रत्याशियों की पूरी राजनीतिक कुंडली
सपा ने दो ऐसे उम्मीदवारों को उतारा है जो पहली बार चुनाव लड़ेंगे। इस लिस्ट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें शिवपाल यादव के करीबियों को जगह नहीं दी गई है।
बरेली। समाजवादी पार्टी ने बरेली की 9 विधानसभा सीटों के अपने प्रत्याशी की नई सूची जारी कर दी है। इस लिस्ट में अखिलेश यादव ने चार वर्तमान विधायकों को जगह दी है। वहीं, एक ऐसे उम्मीदवार को उतारा है जो पहली बार चुनाव लड़ेंगे। इस लिस्ट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें शिवपाल यादव के करीबियों को जगह नहीं दी गई है। ये भी पढ़ें: यूपी चुनाव: मुलायम सिंह यादव की लिस्ट पर अखिलेश यादव ने काटा चचेरे भाई का टिकट
शहर विधानसभा सीट- डॉक्टर अनिल शर्मा
अखिलेश यादव के करीबी के रूप में पहचान रखने वाले डॉक्टर अनिल शर्मा को अखिलेश ने उपहार स्वरुप शहर की विधानसभा सीट दी गई है। डॉक्टर अनिल शर्मा इस बार शहर विधानसभा सीट से अपना भाग्य आजमाएंगे। अनिल शर्मा को राजेश अग्रवाल की जगह उतारा गया है।
खूबियां
:
डॉक्टर
अनिल
शर्मा
की
सबसे
बड़ी
खासियत
है
कि
वह
सपा
के
प्रदेश
सचिव
के
पद
पर
है,
उन्हें
मुख्यमंत्री
अखिलेश
यादव
का
आशीर्वाद
है
।
अनिल
शर्मा
को
शहर
के
बड़े
बिल्डरों
में
शुमार
किया
जाता
है।
खामियां
:
डॉक्टर
अनिल
शर्मा
को
सपा
के
संगठन
में
काफी
लोग
पसंद
नहीं
करते
है
।
बिथरी विधानसभा सीट- वीरपाल यादव
पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह इस बार बिथरी से अपना भाग्य आजमाएंगे । वीरपाल, शिवपाल यादव के खेमे और नेता जी के करीबी के रूप में पहचान रखते हैं । वीरपाल, शिवपाल यादव के खेमे के बावजूद अपना टिकट बचाने में सफल हुए हैं । वीरपाल एक बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं।
खूबियां : वीरपाल में संगठन चलाने की खूबियां है यही वजह रही वह लगातार 20 वर्षों से बरेली में सपा के जिला अध्यक्ष बने रहे । उनकी सबसे बड़ी खूबी यह भी है कि वह सुनते सभी की, पर करते है अपने मन की हैं।
खामियां
:
वीरपाल
पर
संपत्तियों
पर
अवैध
कब्जा
करने
के
आरोप
लग
चुके
है
।
पार्टी
का
यूथ
वीरपाल
को
ज्यादा
पसंद
नहीं
करता।
फरीदपुर विधानसभा सीट- सियाराम सागर
सियाराम सागर हर वार की तरह फरीदपुर से साईकिल पर सवार हैं । वह पहले भी कई वार इस सीट से विधायक रह चुके हैं ।
खूबियां : सियाराम सागर की दलित वोटों पर पकड़ होने के साथ उन्हें मुलायम सिंह परिवार से विशेष स्नेह प्राप्त है । वह जनता के लिए हमेशा उपलब्ध रहते हैं ।
खामियां : सिया राम सागर ने एक तरफ राजनीति में ऊँचाई प्राप्त की है वंही परिवार के लोगों को एक साथ लेकर नहीं चल पाए हैं । सियाराम की सागर की पुत्रवधू खुद भी फरीदपुर की सीट के लिए पार्टी से टिकट मांग चुकी है ।
नवाबगंज विधानसभा सीट- भगवत शरण गंगवार
अखिलेश ने भगवत शरण पर भरोसा जताते हुए फिर नवाबगंज से अपना उम्मीदवार बनाया है । शहला पहले से ही आईएमसी का दामन थाम चुकी है । भगवत शरण कई बार विधायक होने के साथ अखिलेश सरकार में मंत्री रह चुके हैं ।
खूबियां : भगवत शरण व्यवहार कुशल व्यक्ति है । जनता से जुड़े रहते हैं । शहर में रहने के बावजूद जनता से बराबर तालमेल बनाकर रखते हैं ।
खामियां : भगवत शरण पर आरोप लगते हैं कि उन्होंने अपने क्षेत्र में विकास के काम उतने नहीं करा पाये जितनी जनता को उम्मीद थी ।
बहेड़ी विधानसभा सीट- अताउर रहमान
बहेड़ी से अंजुम रशीद का टिकट काटकर वर्तमान विधायक अताउर रहमान को फिर टिकट दिया गया गया है । वह अखिलेश के बेहद खास बताये जाते हैं । अताउर रहमान बीएसपी सरकार में मंत्री पद पर रह चुके है । अताउर का यह तीसरा चुनाव होगा ।
खूबियां : अताउर रहमान में कहा जाता है वह उन लोगों को ज्यादा प्राथमिकता देते हैं जो उन्हें सपोर्ट करते हैं । अताउर ने अपने क्षेत्र में कुछ इंटर कॉलेज भी खुलवाए हैं । अताउर अधिकारियों से जनता के काम करवाने में महारत रखते हैं ।
खामियां : अताउर को युवाओं का नेता कहा जाता है उनकी अपने सीनियर नेताओं से नहीं पटती है । अताउर पर विपक्षी पार्टी के लोग यह भी आरोप लगाते हैं कि वह अवैध खनन कराने में अपनी भूमिका निभाते हैं ।
मीरगंज विधानसभा सीट- हाजी गुड्डू
मीरगंज से शराफतयार का टिकट काटकर हाजी गुड्डू को सपा ने उम्मीदवार बनाया है । वह अपना दूसरा चुनाव लड़ेंगे ।
खूबियां : हाजी गुडडू युवा हैं । वह जनता के काम के लिए प्रशासन से लड़ने में गुरेज नहीं करते यही वजह है मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पसंद बने हुए हैं ।
खामियां : हाजी गुड्डू के पास राजनीतिक अनुभव की कमी है । सरकार रहते हुए वह कई मुद्दे पर सरकार का ध्यान नहीं दिला सके । उनके क्षेत्र में कुछ समय से कैंसर से लोगो की लगातार मौतें हो रही हैं । लेकिन इस मुद्दे पर उनकी भूमिका नकारत्मक रही है ।
भोजीपुरा सीट विधानसभा - शहजिल इस्लाम
शहजिल
के
टिकट
को
भोजीपुरा
से
हरी
झंडी
मिल
गई
वह
शिवपाल
यादव
की
जारी
लिस्ट
में
भी
थे
।
वह
बीएसपी
सरकार
में
मंत्री
रहने
के
साथ
सपा
सरकार
में
मंत्री
रह
चुके
हैं
।
उनके
परिवार
में
कई
पीढ़ियों
से
लोग
विधायक
रह
चुके
हैं
।
उनके
पिता
और
दादा
दोनों
विधायक
रह
चुके
हैं
।
खूबियां
:
शहजिल
इस्लाम
जनता
के
बीच
बैठकर
उनकी
समस्या
सुनते
हैं
।
शहजिल
का
काम
उनके
पिता
इस्लाम
साबिर
सँभालते
हैं
।
खामियां : पार्टी बदलने में उन्हें महारत हासिल है वह सपा से पहले बीएसपी , आईएमसी में रह चुके हैं । उनके क्षेत्र में भी ऐसे कोई काम नहीं हुए हैं जिस कारण लोग शहजिल को याद रख सके।
केंट विधानसभा सीट जफ़र बेग
जफ़र बेग अपना पहला चुनाव केंट विधानसभा सीट से लड़ते नज़र आएंगे । जफ़र को हाजी इस्लाम बब्बू के टिकट काटकर मैदान पर उतारा गया है । जफ़र बेग सपा में महानगर अध्यक्ष भी रहे है । लेकिन मुलायम और अखिलेश के ग्रृह युद्ध में अखिलेश का समर्थन करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था । वह शहर में कंप्यूटर व्यवसायी के रूप में एक बड़ा नाम हैं ।
खूबियां : जफ़र एक अच्छे वक्ता हैं, वह उदाहरण के साथ अपना भाषण देते हैं और ईमानदारी के साथ राजनीति करने में विश्वास करते हैं।
खामियां : वह गुट की राजनीति में संप्लित रहते हैं ।
आवंला विधानसभा सीट- सिद्धराज
डॉक्टर सिद्ध राज को आंवला से सपा ने टिकट दिया है । वह पहली वार विधायकी का चुनाव लड़ेंगे । वह पूर्व सांसद सर्वराज सिंह के बेटे हैं ।
खूबियां : वह युवा है । वह राजनीति में सफल होने के सभी गुण रखते हैं । उनके पिता इसी क्षेत्र से सांसद रहे हैं ।
खामियां : डॉक्टर सिद्धराज का अनुभव उनके राजनीतिक करियर में बाधा बन सकता हैं ।