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लिव इन रिलेशन को लेकर हाईकोर्ट ने दिया अहम फैसला

बरेली की रहने वाली नीतू यहीं के नजरुल हसन के हाथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही है। परिजन रिश्ते के खिलाफ थे, तो दोनों ने घर छोड़ दिया।

By Dharmender Kumar
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इलाहाबाद। लिव इन रिलेशनशिप को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व में दिए अपने आदेश को दोहराते हुए इसे और विस्तार दिया है। साथ ही स्पष्ट शब्दों में कहा है कि अगर बालिग जोड़े एक साथ रह रहे हैं तो उन्हें इसका पूरा हक है। यह उनका संवैधानिक अधिकार है। पुलिस उन्हें अलग करने के लिए किसी कानून का हवाला देकर गिरफ्तार नहीं कर सकती।

'किस कानून के तहत हिरासत में लिया'

'किस कानून के तहत हिरासत में लिया'

दरअसल हाईकोर्ट के इस आदेश के पीछे बरेली का एक मामला है। बरेली पुलिस ने लिव इन रिलेशन में रह रहे एक जोड़े को पकड़ा। लड़की को हिरासत में लिया गया है। दोनों अपनी मर्जी से एक साथ रहना चाहते हैं, लेकिन परिजन व दरोगा जी की मेहरबानी उन्हें साथ नहीं रहने दे रही है। इसी बावत हाईकोर्ट में याचिका दाखिल हुई, जिसपर कोर्ट ने पहले पुलिस की कार्रवाई पर फटकार लगाई और एसएसपी बरेली से इस पूरे घटनाक्रम पर हलफनामा मांगा है। साथ ही कोर्ट ने पुलिस से पूछा है कि लड़की को किस कानून के तहत हिरासत में लिया गया है?

लिव इन रिलेशनशिप में नीतू और नज़रूल

लिव इन रिलेशनशिप में नीतू और नज़रूल

बरेली की रहने वाली नीतू यहीं के नजरुल हसन के हाथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही है। परिजन रिश्ते के खिलाफ थे, तो दोनों ने घर छोड़ दिया। लड़की के परिवार वालों ने मुकदमा दर्ज करवा दिया। पुलिस ने लड़की को हिरासत में लेकर मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। हालांकि लड़की की आयु को लेकर विवाद के कारण उसे बाल कल्याण संस्थान में पेश किया गया।

बालिग होने के सौंपे सबूत

बालिग होने के सौंपे सबूत

वहां जब नीतू की ओर से बालिग होने के तमाम सर्टिफिकेट दिए गए तो फिर उसे एडीजे के सामने पेश किया गया। एडीजे के आदेश पर नीतू को नारी निकेतन ले जाया गया। नारी निकेतन प्रशासन ने नीतू को बिना कारण रखने से इंकार कर दिया। इसके बाद पुलिस ने नीतू को महिला अस्पताल में निरूद्ध कर दिया। पुलिस द्वारा बेवजह कार्रवाई पर नीतू और नज़रूल हसन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की और सबूतों के साथ कहा कि वह दोनों बालिग हैं और उन्हें अपनी इच्छा से जीवन जीने का हक है।

एसएसपी ने किया दारोगा को तलब

एसएसपी ने किया दारोगा को तलब

दोनों की ओर से न्यायालय द्वारा लिव इन रिलेशनशिप पर दिए गए फैसले का भी जिक्र किया गया। मामले की सुनवाई जस्टिस अरुण टंडन और जस्टिस अशोक कुमार बेंच ने शुरू की तो पुलिस की खामियां सीधे तौर पर सामने आईं। कोर्ट ने सख्त लहजे में पुलिस से पूछा कि वह बताएं कि बालिग लड़की को पुलिस किस कानून में बंधक बना कर रख सकती है। पुलिस की इस गलती के लिए क्यों ना विभाग पर भारी जुर्माना लगाया जाए। मामले की अगली सुनवाई 28 जून को है। कोर्ट के रूख को देखते हुए एसएसपी ने कार्रवाई करने वाले दारोगा को तलब किया है और उन पर गाज गिर सकती है।

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English summary
Allahabad high court verdict over live in relationship.
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