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बेटियों को दर्द देकर खुश होता था बाप, पार कर दी थीं क्रूरता की सारी हदें

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Allahabad: पिता ने बरसाया बेटियों पर कहर, पार कर दी सारी हदें । वनइंडिया हिंदी

इलाहाबाद। यूपी के कौशांबी जिले में जंजीर से जकड़ी शबाना को उसके पिता की कैद से आजाद करा लिया गया है। मामले की रिपोर्ट डीजीपी ने तलब की है, संभावना है कि सूचना के बाद भी लापरवाही करने वाले पुलिसवालों पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस प्रशासन के साथ चाइल्ड वेलफेयर से जुड़ी संस्थाएं मदद के लिए पहुंची तो पड़ोसियों ने भी क्रूर पिता की दास्तान सुनाई। सिर्फ शबाना ही नहीं उसकी छोटी बहन पर भी जालिम पिता कहर बरपाता था। सबकुछ सहकर बेटियां खामोश रहती थीं, क्योंकि बिना मां के बेटियां आखिर पिता के आशियाने को छोड़कर जाती भी कहां?

फिलहाल बाल कल्याण समिति के पहुंचने के बाद 181 आशा हेल्पलाइन सेंटर के सदस्य भी मौके पर पहुंचे। दोनों बेटियों से पूछताछ व उनकी सुरक्षा के तहत बाल कल्याण समिति कार्यालय ले जाया गया। यहां से दोनों बहनों को पुनर्वास केंद्र भेजा जायेगा, जहां इनके लिखने पढ़ने व एक बेहतर व नया जीवन शुरू करने का विकल्प प्रदान किया जायेगा।

पत्नी से बदला लेने के लिये ढा रहा था जुल्म

पत्नी से बदला लेने के लिये ढा रहा था जुल्म

पूछताछ में पता चला कि सोहराब को जब शबाना की मां छोडकर चली गई तो सोहराब ने उसे सबक सिखाने की ठान ली। वह मामले को कोर्ट लेकर पहुंचा और कोर्ट से बेटियों पर कानून संरक्षण का जिम्मा ले लिया और अपने पास रखकर जुल्म ढ़ाने लगा। वह भूल गया कि वह दोनों उसका ही खून हैं। उन दोनों को दर्द देकर वह खुश होता और उसे तसल्ली मिलती। बेटियों की प्रताड़ना की खबर मां तक पहुंचती थी लेकिन वह चाहकर भी कुछ नहीं कर सकी। सोहराब की प्रताड़ना एक सनकी की तरह थी जिसका असर शबाना पर हुआ और वह सदमे में चली गई । फिलहाल सोहराब फरार है और बेटियां उसके चंगुल से आजाद करा ली गई हैं।

सरकारी महकमे की भूमिका

सरकारी महकमे की भूमिका

जंजीर में कैद शबाना रात भर एक अंधेरे कमरे में बंद कर दी जाती और दिन में काम करने के लिये दुकान पर लाया जाता। गलती होने पर लात घूसों से लेकर डंडे से जमकर पिटाई होती। जब शबाना की दर्द भरी चीख गूंजती तो मोहल्ले के लोग कुछ सुगबुगाहट करते लेकिन सोहराब के दबंग स्वाभाव के चलते खामोश हो जाते। सही बात तो यह है कि पड़ोसियों की नामर्दी से ही बेटियों पर इतना अत्याचार हो रहा था। जब मामला मीडिया में आया तो प्रशासनिक हरकत में आया। एसपी प्रदीप गुप्ता ने कौशाम्बी थाना प्रभारी राकेश त्रिगुनायत से रिपोर्ट मांगी तो दरोगा अखिलेश कुमार को जांच मिली। अखिलेश ने रिपोर्ट दी की लड़की सामान्य है, ऐसी कोई घटना नहीं है। मीडिया जबरन मामले को तूल दे रही है।

 डीजीपी ने तलब की रिपोर्ट

डीजीपी ने तलब की रिपोर्ट

घटना के दूसरे दिन मामला लोकल स्तर से उठकर राष्ट्रीय मीडिया में छाया तो हड़कंप मच गया। डीजीपी ने रिपोर्ट तलब की, आईजी रेंज इलाहाबाद ने एसपी से वार्ता की तो तो एसपी को जबाव देते न बना। आनन-फानन में पुलिस व प्रशासनिक टीम चाइल्ड केयर टीम के साथ मौके पर पहुंची और जंजीर में जकडी बेटी को आजाद कराया गया। थानाध्यक्ष कौशांबी को फटकार के साथ दारोगा अखिलेश की भूमिका की जांच एसपी ने बैठा दी है।

क्या कह रहे हैं अधिकारी

क्या कह रहे हैं अधिकारी

मामले में डीएम मनीष वर्मा ने बताया कि दोनों किशोरियों को पिता की कैद से छुड़ा लिया गया है और पुनर्वास केंद्र भेजा जा रहा है। वहां उन्हे नई शुरुआत करने की सारी सुविधा मिलेगी। जबकि एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि आरोपी पिता के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। किशोरियों अब पूरी तरह सुरक्षित हैं।

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English summary
allahabad Father torture his two daughters got freedom
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