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अखिलेश ने इटावा में बनवाया था लॉयन सफारी, अब योगी लखनऊवासियों को देंगे इससे भी बड़ा तोहफा

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लखनऊ, 17 अगस्त: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सदियों पुराने नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान को अब कुकरैल वन क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। यह चिड़ियाघर वर्तमान में लखनऊ के नरही इलाके में स्थित है। अब सरकार इसे यहां से लगभग 12 किमी दूर कुकरैल में स्थानांतरित करेगी। दरअसल सरकार की प्लानिंग कुकरैल में देश के सबसे बड़े नाइट सफारी पार्क विकसित करने की है। यह चिड़ियाघर भी अब वहीं ले जाया जाएगा ताकि लोग इसका आनंद उठा सकेंगे। हालांकि नाइट सफारी को उसी तर्ज पर बनाने की प्लानिंग चल रही है जिस तरह से अखिलेश यादव की सरकार में इटावा में लायन सफारी पार्क विकसित किया गया था।

350 एकड़ में बनाई जाएगी नाइट सफारी

350 एकड़ में बनाई जाएगी नाइट सफारी

दरअसल इस कदम का उद्देश्य प्राणि उद्यान की उपस्थिति के कारण भीड़भाड़ वाले नरही क्षेत्र को कम करना है। हालांकि राज्य सरकार ने अभी तक नरही क्षेत्र में भूमि के उपयोग पर कोई फैसला नहीं लिया है, जहां से चिड़ियाघर को स्थानांतरित किया जाएगा। कैबिनेट के निर्णय के अनुसार, 350 एकड़ के क्षेत्र में एक नाइट सफारी बनाई जाएगी, जबकि लगभग 150 एकड़ के क्षेत्र में जूलॉजिकल पार्क की स्थापना की जाएगी, जिसमें 2027.4 हेक्टेयर के घने वन क्षेत्र में पूर्वी और पश्चिमी ब्लॉक शामिल हैं।

कुकरैल में स्थानांतरित होगा लखनऊ का चिड़ियाघर

कुकरैल में स्थानांतरित होगा लखनऊ का चिड़ियाघर

यूपी के पर्यटन और संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि लखनऊ चिड़ियाघर को नरही से स्थानांतरित कर कुकरैल क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा। नाइट सफारी भी शुरू होगी, जिससे ईको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। मंत्री ने कहा कि कुकरैल में नाइट सफारी और लखनऊ चिड़ियाघर की स्थापना के लिए, केवल ऐसे खुले क्षेत्र, जो वर्तमान में उपयोग में नहीं हैं, मौजूदा वनस्पतियों और जीवों को प्रभावित किए बिना जितना संभव हो उतना उपयोग किया जाएगा।

कुकरैल नाइट सफारी से मिलेगा इको टूरिज्म को बढ़ावा

कुकरैल नाइट सफारी से मिलेगा इको टूरिज्म को बढ़ावा

सरकार की माने तो जूलॉजिकल पार्क और नाइट सफारी की स्थापना के लिए सभी आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने के लिए कार्रवाई शुरू की जाएगी। कुकरैल नाइट सफारी की स्थापना से इको-टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटन व्यापार, खानपान, सजावट आदि में लगे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा होंगे। वहां चार लेन की सड़कों का निर्माण किया जाएगा ताकि आगंतुकों को कुकरैल नाइट सफारी तक पहुंचने में कोई असुविधा न हो।

कुकरैल नदी पर रिवर फ्रंट की भी संभावनाएं

कुकरैल नदी पर रिवर फ्रंट की भी संभावनाएं

कुकरैल नदी को चैनलाइज करने और इसे आकर्षक रिवर फ्रंट के रूप में विकसित करने की संभावनाओं पर भी विचार किया जाएगा। इस मेगा प्रोजेक्ट की लागत का आकलन यूपी सरकार द्वारा कंसल्टेंट द्वारा बनाई गई रिपोर्ट देखने के बाद किया जाएगा। लखनऊ के प्राणी उद्यान की स्थापना 29 नवंबर, 1921 को तत्कालीन राज्यपाल, उत्तर प्रदेश, सर स्पेंसर हरकोर्ट बटलर द्वारा की गई थी। इसका नाम प्रिंस ऑफ वेल्स जूलॉजिकल गार्डन रखा गया।

क्या अखिलेश सरकार का अनुसरण कर रही सरकार

क्या अखिलेश सरकार का अनुसरण कर रही सरकार

हालांकि 4 जून 2001 को चिड़ियाघर का नाम बदलकर लखनऊ प्राणि उद्यान कर दिया गया। 2015 में, समाजवादी पार्टी के शासन के दौरान, लखनऊ प्राणि उद्यान का नाम बदलकर नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान कर दिया गया। शाह अवध के अंतिम नवाब थे जो जानवरों के शौकीन थे और उन्होंने कोलकाता में एक छोटा चिड़ियाघर बनाने के लिए विभिन्न जानवरों को पाला था। दरअसल यूपी के पूर्व सीएम अखिलश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल में इटावा में लायन सफारी बनाई थी। जिसमें गुजरात से शरों को लाया गया था। इसी तर्ज पर अब लखनऊ में नाइट सफारी पार्क का खाका खींच जा रहा है।

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English summary
Akhilesh had built a lion safari in Etawah, Yogi big Gift to the People of Lucknow
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