उपचुनाव में हार के बाद योगी सरकार मंत्रिमंडल में फेरबदल की तैयारी में, दलित चेहरों को मिल सकती है जगह
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में जिस तरह से भाजपा को गोरखपुर और फूलपुर में हार का सामना करना पड़ा है उसके बाद योगी सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है। पहले प्रदेश के 37 आईएएस का ट्रांसफर किया गया, जिसमे 16 जिलों के डीएम भी शामिल हैं और अब योगी सरकार कई मंत्रियों को बदलने की भी तैयारी कर रही है। हार के बाद पार्टी के भीतर लगातार इसकी वजह को लेकर विचार मंथन चल रहा है और इस बात की समीक्षा की जा रही है कि आखिर क्यों पार्टी को इन दोनों अहम सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। माना जा रहा है कि 19 मार्च के बाद प्रदेश में योगी सरकार अपने मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल कर सकते हैं।
मंत्रिमंडल में हो सकता है फेरबदल
जिस तरह से इस बार यूपी उपचुनाव में सपा-बसपा साथ आए और भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा है, उससे पार्टी निपटने की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है सपा-बसपा की नजदीकियों को कम करने के लिए योगी सरकार कुछ दलित चेहरों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर सकती है। जातीय समीकरण को साधने के लिए योगी सरकार इस बार कई ऐसे चेहरों को शामिल कर सकती है जिससे कि आने वाले 2019 के लोकसभा चुनाव में उसे उपचुनाव जैसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़े।
कोताही बर्दाश्त नहीं
जानकारी के अनुसार संगठन और शासन स्तर पर फेरबदल के लिए केंद्रीय स्तर पर चर्चा शुरू हो गई है और योगी सरकार के एक साल पूरे होने के बाद इस फेरबदल को अमली जामा पहनाया जाएगा। योगी सरकार की तमाम योजनओं को बेहतर तरीके से लागू करने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं और उन्हे साफ कर दिया गया है कि योजनाओं को लागू कराने में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। लिहाजा हर अधिकारी के कामकाज पर भी सरकार की नजर रहेगी और उसकी समय-समय पर समीक्षा होगी।
युवा अधिकारियों पर जिम्मेदारी
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले जिलों में युवा अधिकारियों की तैनाती की बात कही थी, जिसके बाद प्रदेश के जो जिले पिछड़े हैं वहां युवा अधिकारियों को तैनात किया जा रहा है, ताकि योगी सरकार की योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू किया जा सके। उपचुनाव में जिस तरह से मुख्यमंत्री और उपरमुख्यमंत्री के गढ़ में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है उसके बाद पार्टी किसी भी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहती है, लिहाजा हर तरह के संभव कदम उठाए जा रहे हैं।