फौजी बेटा था गरीब मां-बाप का इकलौता सहारा, बर्फीले तूफान में शहीद
शिमला। भारत चीन सीमा पर बर्फीले तूफान की चपेट में आकर शहीद हुये हिमाचली जांबाज मुनीष कुमार को उनके पैतृक गांव में सैंकड़ों लागों ने अंतिम विदाई दी। इस मौके पर सैकड़ों लोग मौजूद रहे और उन्होंने आंसू भरी आंखों से शहीद को अंतिम सलामी दी।
शहीद को अंतिम सलामी
16 पंजाब रेजिमेंट के जवान मुनीष कुमार जिला हमीरपुर के नादौन उपमंडल में किट्पल के अंसरा चेली के रहने वाले थे। इन दिनों उनकी पोस्टिंग हिमाचल प्रदेश के जिला किन्नौर में चीन बॉर्डर पर थी। यहां बर्फीले तूफान की चपेट में आने की वजह से मुनीष शहीद हो गये। मंगलवार को शहीद जवान का पार्थिव देह उसके पैतृक गांव किट्पल में पहुंचा। जहां सैंकड़ों लोगों की मौजूदगी में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया।
15000 फीट की ऊंचाई पर शहीद
मिली जानकारी के मुताबिक, मुनीष कुमार हादसे के समय 15000 फीट की ऊंचाई पर पेट्रोलिंग पर था कि अचानक आए बर्फीले तूफान की चपेट में पेट्रोलिंग पार्टी फंस गई। बर्फीले तूफान की चपेट में आने के बाद मुनीष को हेलीकॉप्टर के जरिए चंडीगढ़ के कमांड अस्पताल लाया गया जहां रविवार रात करीब ढाई बजे उनका निधन हो गया। नादौन के एसडीएम अमित मेहरा ने मुनीष के शहीद होने की पुष्टि करते हुए बताया कि मंगलवार को उनकी पार्थिव देह किटपल पहुंचा। जहां राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ प्रशासनिक एवं सैन्य अधिकारी मौजूद रहे।
परिवार का इकलौता सहारा
शहीद मुनीष के पिता हरनाम सिंह दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। जबकि मां स्वर्णकांता आंगनबाड़ी केंद्र में बतौर सहायिका काम करती है। मां स्वर्णकांता ने कहा कि डेढ़ साल पहले परिवार की जिम्मेदारी संभालने वाला मुनीष अब हमें छोड़कर चला गया। वह परिवार का इकलौता सहारा था। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
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