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बैंक में चेक भरते समय पास खड़े आदमी से रहिए सावधान, पढ़िए क्यों?

इनके पास से एटीएम से निकाली गई नकदी, मोबाइल फोन और डुप्लीकेट एटीएम बरामद हुए हैं। क्राइम ब्रांच की टीम ने इन ठगों के पासे से 18,200 रूपये नकद, 4 मोबाइल फोन, एटीएम वीसा कार्ड बरामद किया है।

By Rajeevkumar Singh
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मेरठ। उत्तर प्रदेश में मेरठ क्राइम ब्रांच की टीम ने ऐसे शातिर एटीएम ठग गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। इस ठग गिरोह में बैंक का एक कर्मचारी, एक डाकिया सहित पूरी फ्रॉड कम्पनी शामिल थी। इनके पास से एटीएम से निकाली गई नकदी, मोबाइल फोन और डुप्लीकेट एटीएम बरामद हुए हैं। क्राइम ब्रांच की टीम ने इन ठगों के पासे से 18,200 रूपये नकद, 4 मोबाइल फोन, एटीएम वीसा कार्ड बरामद किया है। ठगने के लिए इस गिरोह के काम करने का तरीका कितना शातिराना था, ये जानकर आप दंग रह जाएंगे।

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ऐसे करते थे ठगी?

ऐसे करते थे ठगी?

इस मामले में गिरफ्तार किया गया पहला आरोपी राजीव गुप्ता है, जो कई नाम बदल लेता था। ये अपने आपको कभी पिन्टू कुमार कभी दीपक कुमार तो कभी और नाम रख लेता था। इस आरोपी ने बताया कि वह अपने साथी राहुल के साथ एसबीआई बैक की शाखाओं मे जाता रहता था और शाखा में जाने के बाद रुपये जमा करने वाला फॉर्म लेकर लोगों के पास जाकर फॉर्म भरने का नाटक करता था। राहुल इसी दौरान जो व्यक्ति उसके पास में आकर अपना वाउचर चेक आदि भरता था तो उसके हस्ताक्षर का चुपके से फोटो खींच लेता था। उसका अकाउंट नम्बर नोट करके अपने साथी अनुज कौशिक जो एसबीआई कंकरखेडा मेरठ मे काम करता है, उसे बता देता था। अनुज उस खाते का बैलेंस व रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बर के बारे मे जानकारी कर लेता था और उस व्यक्ति के हस्ताक्षर बनाने की खूब प्रैक्टिस करता था।

जब हस्ताक्षर खाताधारक के हस्ताक्षर से हूबहू मेल करने लगता था तो उसके खाते मे सबसे पहले फर्जी आईडी पर लिया गया मोबाइल नम्बर रजिस्टर्ड करवाता था और उसके बाद उस खाते मे अपना मोबाइल एसएमएस अलर्ट के लिये दर्ज करवाता था। बाद में बैक खाते पर दूसरा एटीएम लेने के लिये खाता धारक का साइन करके सोमवार के दिन एप्लीकेशन बैक में लगा देता था क्योंकि सोमवार के दिन बैंक में ज्यादा भीड़ होने के कारण बैककर्मी साइन व खाता धारक के फोटो के मिलान पर ज्यादा गौर नही करते हैं।

उसके बाद बैंक खाते में रजिस्टर्ड कराये गये मोबाइल नम्बर से बैंक के टोल फ्री नम्बर पर कॉल करके एटीएम इश्यू होने की जानकारी करने के बाद डिस्पैच नम्बर की जानकारी करता था और क्षैत्रीय पोस्टमैन को रुपये देकर उससे खाताधारक का एटीएम ले लेते थे। इस तरह उन्होंने रिटायर कर्नल सवाई सिह के एटीएम का नम्बर, सीवीवी कोड, एटीएम की वैधता तिथि, नोट करने के लिये 10 हजार रुपये पोस्टमैन राधेश्याम को दिये। इसके अलावा हवलदार प्रवीन कुमार के एटीएम देने के लिये 10 हजार रुपये पोस्टमैन राधेश्याम ने लिये।

फर्जी नाम-पते पर खुलवाए खाते

फर्जी नाम-पते पर खुलवाए खाते

गिरफ्तार आरोपी राजीव गुप्ता ने बताया कि उसने अपना राजीव गुप्ता पुत्र राजेश गुप्ता निवासी कविनगर हापुड़ के नाम से फर्जी वोटर, आईडी व आधार कार्ड बनवा रखा है, जिस पर सिम व बैंक खाता खुलवाता है। उसने नवलकिशोर पुत्र प्रहलाद शाह के फर्जी नाम पता से एसबीआई कैंट मेरठ में फर्जी खाता भी खुलवाया था। फर्जी आईडी पर खाता खुलवाने में बैंककर्मियों द्वारा सहयोग किया। राजीव गुप्ता उर्फ पिन्टू ने यह भी बताया कि इससे पहले वह थाना कंकरखेडा व इन्चौली से बिहार के लोगों के साथ मिलकर बैंक कर्मी बनकर फर्जी खातों मे रुपये डलवाने के मामले मे अपने साथियों संग जेल जा चुका है और उसने अपने फर्जी नाम पता से भी विभिन्न बैंकों मे खाते खुलवा रखे हैं।

राजीव गुप्ता उर्फ पिन्टू उर्फ दीपक कुमार ने यह भी बताया कि अपने साथियों के साथ मिलकर जो खाताधारकों के खाते से एटीएम के माध्यम से रुपये निकालते हैव, उनमें से खर्चा काटकर आपस में बाट लेते हैं। काम करने के बाद देहरादून, मसूरी ,हरिद्वार घूमने चले जाते हैं और वहीं पर एटीएम से रुपये निकाल लेते हैं। एटीएम से रुपये राहुल कुमार उर्फ जितेन्द्र मुंह पर कपड़ा लगाकर निकालता है।

गिरफ्तार अभियुक्त राहुल कुमार उर्फ जितेन्द्र सिह ने बताया कि उसने अपने फर्जी नाम जितेन्द्र के नाम से फर्जी नाम पता पर खाते विभिन्न बैंकों मे खुलवा रखे है। फर्जी खाते उसके भाई सचिन, पिता कुंवरपाल सिंह ने भी विभिन्न बैंकों मे खुलवा रखे हैं। इसके लिये उसके पिता ने फर्जी राशनकार्ड बनवा रखा है। इससे पूर्व वह और उसका भाई अम्बाला से धोखाधड़ी के मामले मे जेल जा चुके हैं। मेरठ मे थाना मेडिकल से चेक बनाने के मामले मे जेल जा चुके हैं।

क्या थी घटना?

क्या थी घटना?

मेरठ के गांव जटौली के रहने वाले टीटू कुमार का खाता एसबीआई कंकरखेड़ा में है। बीते सात सितम्बर को पैसे निकालने के लिये जब टीटू ने अपना एटीएम कार्ड प्रयोग किया तो एटीएम ने काम नहीं किया। उन्होंने सोचा कि एटीएम खराब हो सकता है। उसके बाद नौ सितम्बर को फिर एटीएम से पैसे निकालने व बैलेंस चैक करने का प्रयास किया तो एटीएम ने काम नहीं किया। इसके बाद कस्टूमर केयर पर बात हुई तो टीटू को मालूम चला कि उनके खाते से एटीएम के माध्यम से दिनांक सात आठ और नौ सितम्बर को एटीएम के माध्यम से 40-40हजार रूपये जेलचुंगी मेरठ, मसूरी व देहरादून से कुल एक लाख बीस हज़ार रुपये निकाल लिये गये हैं जबकि एटीएम उन्हीं के पास था। टीटू ने इसकी शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मेरठ से की तो एसएसपी मेरठ ने शिकायत को गम्भीरता से लेते हुये इसकी जॉच साइबर सेल मेरठ को दी। ये एक मामला था, इस तरह से कई लोगों को इस शातिर ठग गिरोह ने लाखों की चपत लगाई।

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English summary
A gang of thugs busted in Meerut, Uttar Pradesh.
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