Video : सावन के तीसरे सोमवार पर बाबा महाकाल की भस्मारती, कीजिए दर्शन
उज्जैन, 1 अगस्त: सावन माह के तीसरे सोमवार पर भगवान भोलेनाथ के भक्तों में हर्षोल्लास है, जहां भक्त भगवान भोलेनाथ की मंदिर पहुंचकर पूजन-अर्चन कर रहे हैं, तो वहीं रिमझिम फुहारों के बीच सावन माह के तीसरे सोमवार पर धार्मिक नगरी उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ देखने मिल रही है।
भगवान महाकालेश्वर का श्रृंगार हुआ
राजाधिराज भगवान महाकालेश्वर का आकर्षक श्रृंगार सावन माह के तीसरे सोमवार पर किया गया है। सबसे पहले सुबह 4 बजे बाबा महाकाल की भस्म आरती की गई, जिसके बाद भगवान महाकालेश्वर का श्रृंगार हुआ। सावन माह के तीसरे सोमवार पर भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए। इस दौरान बड़ी संख्या में भक्त बाबा महाकाल के दर्शन पाने मंदिर पहुंचे।
भक्त कर रहे बाबा महाकाल के दर्शन
सावन माह में बाबा महाकालेश्वर के दर्शन करने देश ही नहीं बल्कि विदेश से भी भक्त धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचते हैं, इसी को देखते हुए प्रशासन ने अलग तरह की व्यवस्था ही की हुई है। दर्शनार्थियों को किसी तरह की कोई भी दिक्कत का सामना ना करना पड़े, इसको लेकर भी मंदिर प्रबंधन अलर्ट नजर आ रहा है। कुल मिलाकर देखा जाए तो कोरोना काल के बाद भक्तों में सावन माह को लेकर अलग उत्साह नजर आ रहा है।
मंदिर में विशेष साज-सज्जा
सावन माह को देखते हुए मंदिर प्रबंधन समिति ने बाबा महाकालेश्वर मंदिर में विशेष साज-सज्जा की हुई है, साथ ही मंदिर में वह सभी व्यवस्थाएं की गई है, जिसके चलते दर्शनार्थियों को बाबा महाकाल के सुगम दर्शन प्राप्त हो सके। सावन माह से पहले ही मंदिर परिसर में साफ-सफाई और रंग रोगन का कार्य भी संपन्न कर लिया गया था। साथ ही सोमवार को निकलने वाली बाबा महाकाल की तीसरी सवारी को लेकर भी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
पालकी में सवार होकर निकलेंगे महाकाल
सावन और भादौ मास के प्रत्येक सोमवार को बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं, जहां वे अपनी प्रजा का हाल जानते हैं। चांदी की पालकी में सवार होकर जैसे ही बाबा महाकाल मंदिर परिसर से बाहर निकलते हैं, वैसे ही श्रद्धालुओं में अलग उत्साह देखने मिलता है। यही कारण है कि, बाबा महाकाल की सवारी के दर्शन करने श्रद्धालु दूर-दूर से धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचते हैं।
नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुलेंगे
महाकाल मंदिर के ठीक ऊपर भगवान नागचंद्रेश्वर विराजमान हैं, जहां साल में सिर्फ एक बार इस मंदिर के पट खुलते हैं। नाग पंचमी पर खुलने वाले मंदिर के पट विधि विधान के साथ खोले जाते हैं। मंदिर में विराजमान भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन करने श्रद्धालु दूर-दूर से धार्मिक नगरी उज्जैन पहुंचते हैं।
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