Ujjain में Road accident रोकने की कवायद, वाहन चालकों की होगी Eye testing
सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए धार्मिक नगरी उज्जैन में संभागायुक्त ने सभी जिलों से कहा कि, वे अपने-अपने जिले में यात्री बस चालक-परिचालकों के नेत्र परीक्षण हेतु शिविर लगायें।
धार्मिक नगरी उज्जैन में संभागायुक्त संदीप यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभागीय सड़क सुरक्षा समिति की बैठक ली। बैठक में संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने यहां शेष बचे ब्लेक स्पॉट पर सांकेतिक चिन्ह का बोर्ड लगायें एवं स्पीड ब्रेकर लगायें। इस कार्य को प्राथमिकता से करें, ताकि संभावित सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। संभागायुक्त ने सभी जिलों से कहा कि, वे अपने-अपने जिले में यात्री बस चालक-परिचालकों के नेत्र परीक्षण हेतु शिविर लगायें। शिविर में यदि चालकों के नेत्रों में कोई खराबी पाई जाती है, तो उन्हें चश्मा मुहैया कराया जाये और यदि कोई चालक चश्मा लगाकर भी कार्य करने में असुविधा महसूस कर रहा है तो उसका लायसेंस रद्द किया जाये।
बैठक में हुए महत्वपूर्ण निर्णय
संभागायुक्त ने कहा कि, कुछ चालकों को रात्रि में वाहन चलाने में कठिनाई होती है। ऐसे वाहन चालकों के नेत्रों का भी परीक्षण किया जाये। उन्होंने सीपीआर की ट्रेनिंग बस चालकों को देने के निर्देश दिये। संभागायुक्त ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में बढ़ती हुई सड़क दुर्घटना की रोकथाम हेतु सभी को यातायात नियमों की जानकारी देने के लिये एक अभियान चलाया जाये। उन्होंने बताया कि, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार चार पहिया वाहनों में बैठे यात्रियों को सीट बेल्ट लगाने के लिये जागरूक किया जाये। इस बात का व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया जाये। उन्होंने यात्री बसों में दिव्यांग, महिलाओं एवं वरिष्ठ नागरिकों के लिये सीटों का आरक्षण पूर्ववत रखने के निर्देश दिये।
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5 हजार रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है
संभागायुक्त ने बताया कि, कुछ जिलों में बस, ऑटो, मैजिक वाहन चालक स्कूली बच्चों को लाने-ले जाने की जिम्मेदारी नहीं लेते हैं। ऐसे में पालक अपनी सुविधा से स्वयं ही ऑटो या मैजिक बुक कर लेते हैं। ऐसी स्थिति में स्कूल प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह ऑटो और मैजिक वाहन सुरक्षित तरीके से बच्चों को स्कूल के अन्दर तक छोड़े। उन्होंने निर्देश दिये कि बस, ऑटो, मैजिक चलाते समय चालक मोबाइल फोन का उपयोग न करे। संभागायुक्त ने बताया कि, सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्तियों के लिये 'गुड ऐमिरिटन' योजना संचालित है। इसके तहत अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्तियों को 5 हजार रुपये की पुरस्कार राशि दी जाती है।
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