Madhya pradesh: बिजली की जगह जब ट्रांसफार्मर उगलने लगे गांजा, तो खुल गया तस्करी का ये राज
मप्र में लुका-छिपे तरीके से अवैध मादक पदार्थों की तस्करी जारी है। गांजा हो, चरस या अफीम इसकी खेप एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाने तस्कर नए तरीकों और साधनों का इस्तेमाल करने लगे है। इसका खुलासा उज्जैन में पकड़े गए
उज्जैन, 26 जुलाई: मादक पदार्थों की स्मगलिंग के लिए स्मगलर्स ने अब ऐसे तरीके इजाद कर लिए है कि लोग उसके बारे में सपने में भी नहीं सोच सकते। कुछ दिनों पहले यूपी के बबीना में गैस के टेंकर में करोड़ों का गांजा मिला था। अब एमपी के उज्जैन में बिजली के ट्रान्सफार्मर से गांजे की तस्करी पकड़ी गई है। लुटेरों की तरह गाड़ी लेकर भाग रहे इन तस्करों को नारकोटिक्स डिपार्टमेंट ने फ़िल्मी अंदाज में पकड़ा है। ख़ास बात यह है कि जिस गाड़ी में गांजा भरे ट्रांसफार्मर ढोए जा रहे थे, वह मप्र उर्जा विभाग की गाड़ी बताई जा रही है।
MP में बेख़ौफ़ गांजा स्मगलर्स
मप्र में लुके-छिपे तरीके से अवैध मादक पदार्थों की तस्करी जारी है। गांजा हो, चरस या अफीम इसकी खेप एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाने तस्कर नए तरीकों और साधनों का इस्तेमाल करने लगे है। इसका खुलासा उज्जैन में पकड़े गए बिजली विभाग के ट्रासफार्मर से हुआ है। बिजली के लिए इस्तेमाल होने वाले इन ट्रांसफार्मर में गांजा भरा हुआ था। जिसे एक गाड़ी में लादकर बैतूल से उज्जैन की ओर ले जाया जा रहा था। इसकी खबर लगते ही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने जब गाड़ी का पीछा किया तो तस्कर लुटेरों की तरह भागने लगे। बीच रास्ते से नारकोटिक्स विभाग को चकमा देने की कोशिश भी की, लेकिन वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सकें। कार्रवाई करने जुटी टीम ने पुलिस के साथ इन तस्करों को तराना के पास पकड़ा।
जब ट्रांसफार्मर उगलने लगा गांजा..
गांजा तस्करी के शक में पकड़ी गई इस गाड़ी की नारकोटिक्स विभाग ने जब तलाशी ली तो उसे गांजे की खुशबू तो आ रही थी लेकिन गांजे की खेप पूरी गाड़ी में कही नजर नहीं आई। तभी एक अधिकारी ने लोडिंग गाड़ी में रखे ट्रांसफार्मर खो खुलवाना शुरू किया तो उसमें से गांजा भरे बड़े-बड़े पैकेट निकलते गए। बैतूल की नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की टीम ने इस गाड़ी से लगभग ढाई सौ किलो गांजा बरामद किया है। इसकी तस्करी करने वाले दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में एक आरोपी रमेश राजस्थान कोटा का रहने वाला है, जबकि दूसरा आरोपी तराना का रहने वाला है।
यूपी के बबीना में गैस टेंकर में भरा था गांजा
इस मामले की तरह ही कुछ दिनों पहले उत्तरप्रदेश के झाँसी के नजदीक बबीना में एक गैस टेंकर पकड़ा गया था। जिसमें गैस की जगह करोड़ों रुपए का गांजा भरा था। बताया जा रहा है कि गाड़ी में लोडेड ट्रांसफार्मर ऊर्जा विभाग के है। RTI एक्टिविस्ट अजय दुबे का कहना है कि जिस गाड़ी यह तस्करी हो रही थी, यह मप्र के उर्जा विभाग की गाड़ी है।
नक्सली क्षेत्रों में सबसे ज्यादा होती है गांजे की खेती
साल भर पहले भी इसी इलाके से लगभग 14 सौ किलो गांजे की खेप के साथ दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, जो मुर्गी दाना के नाम पर गांजे की तस्करी कर रहे थे। कार्रवाई करने वाले नारकोटिक्स विभाग का कहना है कि छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के कई इलाकों में गांजे की खेती ज्यादा होती है। इन्ही राज्यों से बड़ी खेप अन्य राज्यों में भेजी जाती है। विशेषतौर पर खेती वाले अड्डे नक्सल प्रभावित होते है, तो वहां से तस्कर आसानी से अपनी करतूत को अंजाम देते है।
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