FIFA WC 2022: मैच फिक्सिंग के चंगुल में भारतीय फुटबॉल, CBI ने शुरू की जांच
कतर फीफा वर्ल्ड कप शुरू होने के बाद अब भारतीय फुटबॉल संकट में है। भारतीय पुटबॉल पर मैच फिक्सिंग का साया मंडरा रहा है। फुटबॉल में फिक्सिंग का मामला सामने आने के बाद चार्चाओं का माहौल गर्म है।
Match-fixing in Indian football: कतर फीफा वर्ल्ड कप शुरू होने के बाद अब भारतीय फुटबॉल संकट में है। भारतीय पुटबॉल पर मैच फिक्सिंग का साया मंडरा रहा है। फुटबॉल में फिक्सिंग का मामला सामने आने के बाद चार्चाओं का माहौल गर्म है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले पर जांच शुरू कर दी है। सोमवार को सीबीआई ने इस पर एक्शन लेते हुए कुछ जरूरी कदम उठाए हैं।
एआईएफएफ मुख्यालय पहुंची सीबीआई
इस मामले की गंभीरता को समझने के लिए सीबीआई ने दिल्ली स्थित अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ का दौरा किया। खिल भारतीय फुटबॉल महासंघ से सीबीआई ने कई फुटबॉल क्लबों के दस्तावेज मांगे और उसे अपने पास जमा कर लिया है। उन्होंने बताया है कि जांच के दायरे में मैचों के परिणामों में हेराफेरी करने में सिंगापुर स्थित एक कथित 'मैच फिक्सर' की भूमिका रही है।
विल्सन राज पेरुमल नाम आया सामने
शुरुआती जांच में पाया गया है कि इस मामले के पीछे सिंगापुर स्थित मैच फिक्सर विल्सन राज पेरुमल का हाथ है। विल्सन राज पेरुमल इससे पहले साल 1995 में सिंगापुर में मैच फिक्सिंग के लिए जेल की सजा काट चुका है। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि उसने लिविंग 3डी होल्डिंग्स लिमिटेड के जरिए भारतीय क्लबों में निवेश किया था। सीबीआई मामले में और तहकीकात करने में जुटी हुई है।
भारतीय फुटबॉल क्लबों से मदद की उम्मीद
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि एजेंसी ने जांच में शामिल होने के लिए कई भारतीय फुटबॉल क्लबों से भी मदद मांगा है। उन्होंने कानून का हवाला देते हुए कहा कि सीबीआई प्रारंभिक जांच के तहत तलाशी, गिरफ्तारी या समन के जरिए पूछताछ नहीं कर सकती है। वहीं एआईएफएफ के महासचिव शाजी प्रभाकरन ने कहा कि एआईएफएफ मैच फिक्सिंग को किसी भी हालत में बर्दाशत नहीं कर सकता है। लिहाजा उन्होंने सभी फुटबॉल क्लबों को सीबीआई को सहयोग करने का आदेश दिया है।