अंडर 19 टीम की स्टार अर्चना देवी की कहानी ला देगी आंख में आंसू, मां की जिद ने बनाया क्रिकेटर
उत्तर प्रदेश के उन्नाव की रहने वाली अर्चना देवी के क्रिकेटर बनने की कहानी बहुत ही भावुक करने वाली है। मां की जिद का ही नतीजा है कि अर्चना देवी आज इस मुकाम पर हैं।
अंडर 19 महिला टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में भारत ने इंग्लैंड को 7 विकेट से मात दे दी है। 69 रन के लक्ष्य का पीछा करने भारतीय टीम ने यह टारगेट 14 ओवर में 3 विकेट खोकर हासिल कर लिया। इसी के साथ भारत ने पहली बार अंडर 19 टी20 विश्व कप जीत लिया है। भारत की इस ऐतिहासिक जीत में ऑलराउंडर अर्चना देवी का अहम योगदान रहा। दरअसल, उन्होंने ही भारत की शानदार गेंदबाजी की नींव रखते हुए इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को ध्वस्त किया था। अर्चना देवी ने ग्रेस स्क्रिवेंस और नियाह हॉलैंड को आउट किया था। उन्होंने 3 ओवर की गेंदबाजी में 17 रन देकर 2 विकेट हासिल किए।
मां की जिद ने अर्चना को बनाया क्रिकेटर
अर्चना देवी ने इंग्लैंड के खिलाफ खिताबी मुकाबले में न सिर्फ गेंद से कमाल किया बल्कि उन्होंने फील्डिंग के दौरान एक शानदार कैच भी पकड़ा। उत्तर प्रदेश के उन्नाव की रहने वाली अर्चना देवी के क्रिकेटर बनने की कहानी बहुत ही भावुक करने वाली है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, अर्चना देवी के क्रिकेटर बनने के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनकी मां सावित्री देवी का है, जिन्होंने कड़े संघर्ष के जरिए अर्चना को क्रिकेटर बनाया। सावित्री देवी की जिद के कारण ही अर्चना देवी ने देश का नाम रोशन किया है। सावित्री देवी ने इंडियन एक्सप्रेस को एक इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने अपने संघर्ष की कहानी बताई है।
लोगों ने सावित्री को डायन कहना कर दिया था शुरू
रिपोर्ट के मुताबिक, उन्नाव के केरतई पुरवा गांव की रहने वाली सावित्री देवी के पति की कैंसर के कारण मौत हो गई थी। बाद में उनके बेटे को भी सांप ने काट लिया था, जिसके बाद उसकी भी मौत हो गई थी। पति और बेटे की मौत के बाद सावित्री देवी को लोगों ने 'डायन' कहना शुरू कर दिया था, लेकिन सावित्री ने लोगों के इन तानों को नजरअंदाज करते हुए अपनी बेटी को क्रिकेटर बनाने की ठान ली। हालांकि सावित्री के इस फैसले पर भी उनके रिश्तेदारों ने सवाल उठाए थे। रिश्तेदारों ने यह कहा था कि वो अपनी बेटी को गलत रास्ते पर भेज रही है।
आज बेटी को देखने के लिए घर में लगा है जमावड़ा
सावित्री देवी ने बताया है कि जब उन्होंने अपनी बेटी का एडमिशन गांव से 345 किलोमीटर दूर मुरादाबाद में लड़कियों के बोर्डिंग स्कूल 'कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय' में कराया था तो लोगों ने कहा था कि तुम अपनी बेटी को गलत रास्ते पर भेज रही हो। यहां तक कि मुझे अपनी बेटी को बेच देने के ताने भी कसे गए थे, लेकिन मैंने सिर्फ अपनी बेटी के भविष्य पर ध्यान दिया। आज जब मेरी बेटी विश्व कप का फाइनल खेल रही है तो मेरा घर रिश्तेदारों से खचाखच भरा हुआ है। इतना ही नहीं आज मेरे घर में वो लोग भी बैठे हुए हैं जो मेरे घर का पानी तक नहीं पीते थे वो लोग आज मेरी मदद करने की बात कर रहे हैं।
Archana Devi takes a splendid one-handed blinder with a full length dive to dismiss Ryana. The fielding has been top class by Team India.
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— FanCode (@FanCode) January 29, 2023
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