अभी 2 साल और टेस्ट की कप्तानी कर सकते थे कोहली, रवि शास्त्री ने बताया कौन बने अगला कप्तान
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्रा का मानना है कि साउथ अफ्रीका दौरे पर टेस्ट सीरीज हारने के बाद कप्तानी से इस्तीफा देने वाले विराट कोहली अगले 2 साल तक इस फैसले पर रोक लगा सकते थे। रवि शास्त्री फिलहाल ओमान में खेली जा रही लेजेंडस लीग क्रिकेट में कमिश्नर के तौर पर शामिल हैं और इंडिया टुडे के साथ बात करते हुए पहली बार कोहली के कप्तानी छोड़ने के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। विराट कोहली ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ 3 मैचों की टेस्ट सीरीज को 2-1 से गंवा देने के 24 घंटे बाद ही कप्तानी छोड़ने का ऐलान कर दिया। सीमित ओवर्स प्रारूप में विराट कोहली पहले ही कप्तानी छोड़ चुके थे, ऐसे में जब टेस्ट प्रारूप की कप्तानी को उन्होंने अलविदा कहा तो उनकी कप्तानी का दौर भी खत्म हो गया है।
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रवि शास्त्री ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि अगर विराट कोहली चाहते तो वो टेस्ट कप्तान के रूप में कुछ और साल तक खेलना जारी रख सकते थे, हालांकि बहुत कम लोग थे जो इस बात को पचाने को तैयार थे कि क्रिकेट के सबसे लंबे प्रारूप में यह खिलाड़ी 50-60 जीत हासिल कर सकता है। उल्लेखनीय है कि कोहली ने भारत के लिये 60 टेस्ट मैचों की कप्तानी करते हुए 40 जीत हासिल की और भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बनें, ऐसे में अगर वो दो साल तक खेलना जारी रखते तो यह आंकड़ा आराम से 50-60 के बीच जा सकता था।
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कम से कम 2 साल और कप्तानी कर सकते थे कोहली
टेस्ट प्रारूप की कप्तानी छोड़ने के कोहली के निर्णय ने काफी सवालिया निशान खड़े कर दिये हैं क्योंकि पिछले साल जब सितंबर में उन्होंने टी20 प्रारूप की कप्तानी छोड़ी थी तो उन्होंने साफ किया था कि वो वनडे और टेस्ट में टीम का नेतृत्व करना जारी रखेंगे। हालांकि इसके बाद कोहली को वनडे प्रारूप की कप्तानी से हटा दिया गया और टेस्ट प्रारूप से विराट ने खुद कप्तानी के रोल से इस्तीफा दे दिया।
शास्त्री ने कहा,'क्या विराट टेस्ट प्रारूप में कप्तानी जारी रख सकते थे, बेशक वो कम से कम 2 साल तक टीम की कमान संभाल सकते थे। भारत को अगली कुछ सीरीज घर पर खेलनी हैं, जहां पर 9 से 10 जीत हासिल कर रैंकिंग में सुधार कर सकते थे। हालांकि अगर ऐसा होता तो उनकी कप्तानी में 50-60 जीत हो जाती और बहुत कम लोग हैं जो इस बात को पचा सकते हैं। वो कम से कम 2 साल तक कप्तानी कर सकते थे लेकिन हमें उनके निर्णय का सम्मान करना चाहिये। विदेशी सरजमीं पर उनका रिकॉर्ड अद्भुत है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में जीत हासिल की, इंग्लैंड में 2-1 से बढ़त हासिल की और साउथ अफ्रीका में हार गये, लेकिन इसके बावजूद यह चर्चा हो रही है कि क्या उन्हें कप्तान होना चाहिये या नहीं। विराट कोहली ने 6-7 साल तक टीम की कप्तानी की जिसमें से 5 साल तक टीम पहले नंबर पर रही। किसी भारतीय कप्तान का रिकॉर्ड ऐसा नहीं रहा है और दुनिया भर में कुछ चुनिंदा खिलाड़ी ही ऐसा कर सके हैं। तो जब सबसे सफल कप्तान कमान छोड़ने का फैसला करता है तो वो उसका खुद का निर्णय होता है और हमें उसका सम्मान करना चाहिये।'
खेल सुधारने के लिये कोहली ने लिया यह फैसला
गौरतलब है कि रवि शास्त्री और विराट कोहली की जोड़ी ने भारतीय टीम को नंबर 7 से लेकर नंबर 1 तक पहुंचाने का काम किया और कई ऐतिहासिक सीरीज में जीत हासिल की। रवि शास्त्री का मानना है कि विराट कोहली ने अपनी बल्लेबाजी पर ज्यादा ध्यान देने के लिये यह फैसला लिया है।
उन्होंने कहा,'यह सिर्फ विराट कोहली ही जानते हैं कि उन्हें कप्तानी कितनी पसंद हैं। जब सचिन तेंदुलकर और एम एस धोनी कप्तानी का आनंद नहीं ले पा रहे थे तो उन्होंने कमान को छोड़ दिया। ठीक वैसे ही विराट ने भी 6 साल के करियर में 40 जीत हासिल करने के बाद सोचा कि अब उन्हें अपने क्रिकेट का मजा लेना है। वह अपनी बैटिंग पर ध्यान देना चाहते हैं और दबाव को खत्म करना चाहते हैं। यह बहुत सारे खिलाड़ियों के साथ हुआ है। सुनील गावस्कर, कपिल देव और सचिन तेंदुलकर ने पहले भी यह फैसला लिया है ताकि अपने खेल पर ध्यान लगा सकें, तो विराट ने भी वही दिमाग में रखकर यह फैसला लिया है।'
रोहित बन सकते हैं भारतीय टेस्ट टीम के अगले कप्तान
इस दौरान जब रवि शास्त्री से रोहित शर्मा को टेस्ट प्रारूप में भारतीय टीम का कप्तान बनाने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हिटमैन के सामने ऐसा करने के लिये फिटनेस सबसे बड़ी चुनौती साबित होगी और अगर वो ऐसा करने में कामयाब हो सकते हैं तो उन्हें जरूर कमान देनी चाहिये।
उन्होंने कहा,'अगर रोहित फिट हैं तो ऐसी कोई वजह नजर नहीं आती जिससे उन्हें टेस्ट की कमान न सौंपी जाये। वह साउथ अफ्रीका दौरे पर टेस्ट टीम के उपकप्तान बनाये गये थे लेकिन चोट की वजह से दौरे पर जा ही नहीं सके। जब वो उपकप्तान बनाये जा सकते हैं तो कप्तान क्यों नहीं।'
टेस्ट में बिना उपकप्तान के खेले भारत
इस बीच रवि शास्त्री का मानना है कि भारतीय टीम को अगले कुछ समय तक बिना किसी उपकप्तान के टेस्ट प्रारूप में खेलना चाहिये ताकि हेड कोच राहुल द्रविड़ उस खिलाड़ी को ढूंढ कर तैयार कर सकें जो तीनों प्रारूप में कप्तानी का रोल निभा सकें।
उन्होंने कहा,'रोहित के उपकप्तान की खोज करनी होगी। राहुल द्रविड़ को उस खिलाड़ी की तलाश करनी होगी क्योंकि इसका मतलब है कि उसका प्लेइंग 11 में खेलना जरूरी है। मुझे लगता है कि कुछ समय तक उपकप्तान के बिना ही क्यों न खेला जाये। आप दौरे पर इस बात का निर्णय करें कि जो खिलाड़ी खेलने पहुंचे हैं उसमें सबसे अनुभवी कौन है और अच्छा भी खेल रहा है। आप पहले उपकप्तान का ऐलान कर देते हैं और बाद में एहसास होता है कि उपकप्तान प्लेइंग 11 में भी खेलने के लिये फिट नहीं हैं।'
हमेशा टीम को पहले रखते हैं ऋषभ पंत
रवि शास्त्री ने इस दौरान 24 वर्षीय ऋषभ पंत की भी जमकर तारीफ की और कहा कि वो हमेशा खुद से पहले टीम को रखते हैं और चयनकर्ताओं और टीम मैनेजमेंट को भविष्य का कप्तान चुनने से पहले इस बात को जरूर अपने दिमाग में रखना चाहिये।
उन्होंने कहा,'ऋषभ पंत काफी शानदार युवा खिलाड़ी हैं। एक कोच के रूप में मैं उन्हें काफी पसंद करता हूं, खेल के प्रति उनका व्यवहार और सबसे अच्छी चीज है कि वो हमेशा आपकी बात सुनते हैं। बहुत सारे लोगों का मानना है कि वो हमेशा वही करता है जो उसे अच्छा लगता है लेकिन यह सच नहीं है। वह मैच को अच्छे से पढ़ना जानते हैं और हमेशा टीम को पहले रखते हैं और फिर खुद को। ऐसे में जब भी टीम के लीडरशिप के बारे में फैसला लिया जाये तो मुझे लगता है कि पंत की इस खासियत के बारे में जरूर सोचना चाहिये।'