IPL: जिसे हारा हुआ माना वो सिकंदर निकला, सेलेक्टर्स ने हल्के में लिया वो अब गेंदबाजों को डरा रहा है
नई दिल्ली, 16 मई: आईपीएल भी अजीब प्रतियोगिता है। यहां कौन सिकंदर बनकर मस्त कलंदर हो जाए यह कोई नहीं जानता। कुलचा ऐसे वापसी करेंगे ये किसी ने नहीं सोचा था। उमरान केवल रफ्तार से ही दिल जीत लेंगे ये भी तय नहीं था। कोहली बल्ले की जगह अपने हाव भाव से ज्यादा चर्चाएं बटोरेंगे ये तो उन्होंने भी नहीं सोचा होगा। एमआई, सीएसके की दुर्गति भी कुछ ऐसी है। आईपीएल से पहले बुरे दौरे से गुजर रहे दिनेश कार्तिक और रिद्धिमान साहा जैसे विकेटकीपर ऐसा गदर काटेंगे, ये तो कभी नहीं सोचा था।
वो खिलाड़ी हारा नहीं था
लीग स्टेज की समा्प्ति तक सीजन के आते-आते आलम यह हो चला है कि साहा और कार्तिक को देखकर फैंस के मुंह में पानी आने लगा है। दोनों ही काफी उम्रदराज है, विकेटकीपर बल्लेबाज हैं और भारतीय टीम से दरकिनार हैं।
साहा ने तो बाकायदा भारतीय टीम से बाहर होने का गम सरेआम जाहिर किया था। बीसीसीआई प्रेसीडेंट सौरव गांगुली को भी उन्होंने नहीं बख्शा था। फिर बोरिया मजूमदार नाम के पत्रकार पर उनका गुस्सा फूटा। पत्रकार की हेकड़ी काम नहीं आई और बीसीसीआई ने सीधा दो साल के लिए उसको बैन कर दिया।
आईपीएल एक बार फिर सही मंच साबित हुआ
आईपीएल जब शुरू हुआ तब साहा के पास खुद को साबित करने के लिए बहुत सारी चीजें थीं। वे दिनेश कार्तिक की तरह बिल्कुल स्पष्ट माइंडसेट के साथ दिखाई दिए। उन्होंने गुजरात टाइटंस के लिए ओपनिंग में आकर टीम की किस्मत और बेहतर कर दी। जीटी इस सीजन जो कर रही है वो वैसे भी उसके पक्ष में ही गिरता साबित हो रहा है। साहा जब ओपनिंग करने आए तो लोग प्रभावित नहीं हुए क्योंकि कोई भी उनको पिच हिटिंग के लिए नहीं जानता। पर साहा ने जो हिटिंग की वह देख एक्सपर्ट भी दांतों तले अंगुली दबाने लगे हैं। साहा कुछ नहीं देख रहे, वे केवल हिटिंग कर रहे हैं। उनको पिच से मतलब नहीं, टीम में जगह मिलने से मतलब नहीं, करियर की संध्या पर वे चल रहे हैं, उन्होंने टीम रोल का लुत्फ उठाया, खुद को व्यक्त किया, आजादी से खेले और नतीजा आज सबके सामने है।
लगातार दो हार के बाद बल्लेबाजी से निराश राहुल, दो हार के बाद अब बचा है केवल 1 मैच
ये रिद्धिमान साहा का जलवा है
इस सीजन की अब तक खेली 8 पारियों में साहा ने 3 अर्धशतक ठोकते हुए 281 रन बना दिए हैं। सीएसके के खिलाफ हुए ताजा मुकाबले में साहा ने बेहद जटिल पिच पर 57 गेंदों पर नाबाद 67 रनो की पारी खेल दी। टारगेट केवल 134 रनों का था और साहा ने उसको आसानी से हासिल करके दिखाया। पारी में 8 चौके व 1 छक्का लगा। पिच और टारगेट को देखते हुए यह बेहद तेज पारी थी क्योंकि पहले बैटिंग करने उतरी सीएसके के ओपनर रुतुराज गायकवाड़ 49 गेंदों पर 53 रनों की पारी खेल पाए थे। फिर जगदीशन 33 गेंदों पर 39 रन बनाकर नाबाद रहे। ऐसे में साहा को केवल खूंटा गाड़ना था, खराब गेंदों की पिटाई करनी, टारगेट ऑटोमैटिक मिलना था। साहा ने यही किया और मैन ऑफ द मैच भी रहे।
गुजरात टाइटंस की बल्ले-बल्ले
हम साहा को लगातार आक्रामण करने और गेंदबाजों पर हावी होने की कोशिश करते देख रहे हैं। गुजरात को अचानक उनका ओपनर मिल गया है। ऐसा चलता रहा तो जीटी आराम से खिताब ले उड़ेगी क्योंकि साहा की बैटिंग बोनस सरीखी है।
भारत को ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप खेलना है जहां पर साहा को ओपनर में देखने की चाहत होने लगी है। यह चाहत भावुकता भरी ही है क्योंकि सेलेक्टर अधिक प्रोफेशन होंगे और रोहित को राहुल के साथ मौका देंगे। रोहित पूरे सीजन नहीं चले। शायद साहा विश्व कप के लिए चुने भी ना जाएं लेकिन उन्होंने फैंस के दिल में एक जगह बना ली है। उम्र के इस पड़ाव पर ऐसा जज्बा प्रेरणा से कम कुछ नहीं होता।
जीटी के हेड कोच कर्स्टन का क्या है कहना
मैच के बाद जीटी के हेड कोच कर्स्टन ने कहा, "हम स्पष्ट रूप से (साहा के साथ) बहुत प्रभावित हुए हैं। उनका टीम में होना बहुत अच्छा है। वह एक वास्तविक पेशेवर हैं। और उन्हें आईपीएल और क्रिकेट के सभी प्रारूपों में अच्छा अनुभव मिला है।"
दक्षिण अफ्रीकी ने कहा, "वह अपने खेल को समझता है और पावर-प्ले में वास्तव में अच्छा खेलता है। हमारे लिए, वह हमेशा महत्वपूर्ण थे। जब हमें उसकी जरूरत थी और उसने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया है।"
उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि हमें उनसे (साहा) कुछ खास (बात) कहने की जरूरत है क्योंकि वह जानता है कि पावर-प्ले कैसे खेलना है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि लोग (खिलाड़ी) अपनी ताकत से खेलते हैं। वह शॉर्ट बॉल के महान खिलाड़ी हैं।"