पहले लड़ाई हुई, फिर शंका, चंडीगढ़ में सब बदल गया, सायमंड्स के 'बहुत दूर' जाने पर भज्जी हुए गमगीन
नई दिल्ली, 15 मई: ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर एंड्रयू साइमंड्स का 14 मई, शनिवार की देर रात निधन हो गया। महज 46 साल की उम्र में दो बार के विश्व कप विजेता ने क्रिकेट जगत के साथ दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। वे मध्यक्रम के तेजतर्रार बल्लेबाज थे।
क्वींसलैंड पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, ड्राइविंग करते समय साइमंड्स की कार सड़क से लुढ़क गई थी और पूर्व क्रिकेटर की मौत चोटों से हुई थी। इस दुखद निधन पर दुनिया भर से शोक व्यक्त किया गया।
हरभजन सिंह ने साइमंड्स परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की
हम एंड्रयू सायमंड्स की तस्वीर अपने जेहन में लाते ही हरभजन सिंह की फोटो की भी कल्पना कर लेते हैं क्योंकि दोनों खिलाड़ियों के बीच हुआ मंकी गेट विवाद 2000 के दशक के दौरान भारत और ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट रिश्तों में दरार करने की कगार तक पहुंच गया था। उन्हीं हरभजन सिंह ने साइमंड्स परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है। भज्जी भी भावुक इंसान हैं और सायमंड्स के साथ उनकी लड़ाई पुरानी बात हो चुकी है। उस घटना के बाद से खिलाड़ी और क्रिकेट दोनों बहुत आगे बढ़ चुके हैं।
सायमंड्स इतनी जल्दी चले गए- हरभजन सिंह
आज सायमंड्स दुनिया को अलविदा कह चुके। खेल और दुनिया दोनों काफी बदल चुकी। दूर से हर इंसान वैसा दिखता है जैसे हम उसको देखते हैं, जैसा वो दिखाया जाता है। हमको कई बार उसको समझने का मौका हीं नहीं मिलता। जब भज्जी और सायमंड्स ने एक दूसरे को करीब से समझा तब पता चला कि मामला इतना आगे बढ़ाने की जरूरत ही नहीं थी। ये बातें तो आपस में मिल बैठकर सुलझ सकती थी।
अब एंड्रयू दुनिया से चले गए हैं और अचानक निधन से भज्जी भी त्रस्त हैं। उन्होंने ट्विटर पर शोक संवेदना व्यक्त की और कहा कि इस अचानक हुई मौत से वे हैरान हैं। सायमंड्स ज्यादा ही जल्दी चले गए। उनके परिवार और दोस्तों के लिए संवेदनाएं। उनकी आत्मा के लिए प्रार्थना करता हूं।
दोनों की दुश्मनी से कम नहीं था वो 'मंकीगेट' कांड
भारत के ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान भारतीय ऑफ स्पिनर और सायमंड्स बदसूरत विवाद में शामिल थे। यह बात इसलिए भी अहम है क्योंकि इसने क्रिकेट की दुनिया में नस्लीय भेदभाव को उभार दिया। सायमंड्स ने कहा कि भज्जी ने उनको बंदर कहकर बुलाया है।
हरभजन सिंह को शुरू में ICC द्वारा मैच रेफरी माइक प्रॉक्टर ने तीन मैचों का प्रतिबंध लगा दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि उन्हें इसमें कोई संदेह नहीं है कि हरभजन की नस्लीय टिप्पनी एंड्रयू साइमंड्स पर ही थी। दरअसल सायमंड्स ऑस्ट्रेलिया की बाकी खिलाड़ियों से अलग थे। वे आम ऑस्ट्रेलियाई से अलग दिखने वाली नस्ल से आते थे।
भारत और ऑस्ट्रेलिया को आमने-सामने कर दिया था उस मामले ने
लेकिन भारतीय टीम ने यह निर्णय स्वीकार नहीं किया। फैसले से नाखुश, भारतीय टीम ने दौरे से हटने की धमकी दी, जिससे एडिलेड फेडरल कोर्ट में एक और सुनवाई हुई। सिडनी में दूसरे टेस्ट मैच के दौरान क्या हुआ था, यह बताने के लिए दोनों टीमों के सितारे शामिल थे।
सुनवाई के बाद, हरभजन के तीन मैचों के प्रतिबंध को 50 प्रतिशत मैच के जुर्माने में बदल दिया गया और उन्हें 'नस्लीय दुर्व्यवहार का दोषी नहीं' घोषित किया गया।
MI में जब सायमंड्स की एंट्री हुई तो भज्जी बेचैन हो उठे
इस बात के बाद क्रिकेट धीरे-धीरे सामान्य होने लगा। आईपीएल ने दुनिया के सभी बड़े क्रिकेटरों को करीब ला दिया। हरभजन और सायमंड्स दोनों ने इंडियन प्रीमियर लीग में खेलते हुए मुंबई इंडियंस के साथ अपने समय को बिताया। हरभजन सिंह ने कहा कि यह मीडिया था जिसने ऑस्ट्रेलिया में पूरी घटना को उड़ा दिया।
उन्होंने स्पोर्ट्सकीड़ा को एक इंटरव्यू में बताया, "जब मुंबई ने उन्हें चुना, तो मेरे दिमाग में पहला विचार आया, 'उन्होंने उन्हें क्यों चुना? हम (मैं और साइमंड्स) एक साथ कैसे रहेंगे?"
हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा, "जब उन्होंने (सायमंड्स) एमआई ड्रेसिंग रूम में प्रवेश किया, एंड्रयू पूरी तरह से एक अलग आदमी था। मुझे लगा कि वह एक गुस्सैल व्यक्ति होगा, और मुझे लगता है कि उसने मेरे बारे में भी यही सोचा होगा।"
चंडीगढ़ में दोनों ने एक दूसरे को गले लगाया, सब शिकवे खत्म हुए
भज्जी आगे बताते हैं, "मुझे एक घटना याद आई जब हम चंडीगढ़ में थे। एक मैच जीतने के बाद, हम अपने दोस्त के घर गए। वहां, हमने एक दूसरे को पहली बार गले लगाया और एक-दूसरे से माफी मांगी। हमें लगा कि इस मुद्दे को पहले भी ज्यादा अच्छे तरीके से सुलझाया जा सकता था। हम दोनों को उस पर अफसोस हुआ। मुंबई इंडियंस के मेरे बहुत से दोस्तों ने उस पल की तस्वीरें क्लिक कीं।"
भज्जी ने निष्कर्ष निकाला था, "दरअसल, हम रात में एक साथ खाना खाते और एक साथ बैठते थे। मेरे और साइमंड्स के बीच के विवाद को मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। जब हम मिले तो हमें कभी नहीं लगा कि हमारे बीच ऐसी कोई दुश्मनी है।"