U19 T20 World Cup: मिलिए भारत को चैंपियन बनाने वाली 11 बेटियों से, आज देश कर रहा है सलाम
रविवार को टी20 विश्व कप के फाइनल में शेफाली ब्रिगेड ने इंग्लैंड को 7 विकेट से धूल चटा दी। आपको बता दें कि आईसीसी ने इस टूर्नामेंट का आयोजन पहली बार किया था और पहली ही बार में भारत ने इसे जीत लिया।
इंडियन क्रिकेट के लिए साल 2023 का आगाज बहुत ही शानदार हुआ है। भारत की अंडर 19 महिला क्रिकेट टीम ने हिंदुस्तान को साल का पहला कप जीता दिया है। रविवार को टी20 विश्व कप के फाइनल में शेफाली ब्रिगेड ने इंग्लैंड को 7 विकेट से धूल चटा दी। आपको बता दें कि आईसीसी ने इस टूर्नामेंट का आयोजन पहली बार किया था और इसके फर्स्ट एडिशन को ही भारत ने अपने नाम कर लिया। भारत की सीनियर टीम में खेल चुकीं शेफाली वर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया ने यह कमाल कर दिखाया। कल से ही चैंपियन बनने के बाद देश का गौरव बढ़ाने वाली 11 खिलाड़ियों को देश सलाम कर रहा है।
ऐसे में आइए हम आपको उस टीम की सभी 11 खिलाड़ियों के बारे में बताते हैं, जिन्होंने इतिहास रच दिया है।
शेफाली वर्मा (कप्तान)
19 साल की शेफाली वर्मा इस विश्व कप में टीम का नेतृत्व कर रही थीं। भारत की सीनियर टीम के साथ 21 वनडे और 51 टी20 मैच खेल चुकी शेफाली को इस फॉर्मेट का अच्छा-खासा अनुभव था। हरियाणा के रोहतक में जन्मी शेफाली वर्मा बैटिंग ऑलराउंडर हैं और भारत के लिए सबसे कम उम्र में डेब्यू करने वाली प्लेयर भी हैं। शेफाली वर्मा अगले महीने होने वाले टी20 वर्ल्ड कप के लिए भी भारतीय टीम का हिस्सा हैं। इंटरनेशनल टी20 क्रिकेट में शेफाली के नाम 1231 रन हैं। वहीं वनडे में उनके नाम 531 रन हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट में शेफाली 7 विकेट भी ले चुकी हैं। शेफाली ने 2019 में अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था। शेफाली के क्रिकेटर बनने के पीछे उनके पिता का सबसे बड़ा हाथ था।
ऋचा घोष (विकेटकीपर)
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19 साल की विकेटकीपर बल्लेबाज ऋचा घोष भी भारत की सीनियर टीम के साथ खेलती हैं। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में जन्मी ऋचा घोष ने 16 साल की उम्र में ही सीनियर टीम में अपनी जगह बना ली थी। ऋचा ने भारत के लिए 40 टी20 और 70 वनडे मुकाबले खेले हैं। ऋचा के नाम ही भारत की ओर से सबसे तेज वनडे फिफ्टी बनाने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज में भी कुछ धमाकेदार पारियां खेली थीं।
श्वेता सहरावत
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भारतीय टीम की सलामी बल्लेबाज श्वेता सहरावत का जन्म 26 फरवरी 2004 को दिल्ली के महिपालपुर में हुआ था। उनको लेकर यह कहा जाता है कि उन्हें बचपन से ही क्रिकेट खेलना बहुत पसंद था और वो टेनिस बॉल से क्रिकेट खेला करती थीं। पिता ने श्वेता को सपोर्ट किया और उन्हें ट्रेनिंग एकेडमी में डलवाया। 12 साल की उम्र में श्वेता ने दिल्ली की सीनियर महिला ट्रायल में भाग लिया था, जहां से उन्होंने अंडर-16 में जगह बनाई। इस टी20 वर्ल्ड कप के पहले ही मैच में श्वेता ने 57 गेंदों में 92 रन ठोक दिए थे, लेकिन श्वेता कल के मैच में सिर्फ 5 रन बनाकर आउट हो गई थीं।
सौम्या तिवारी
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टीम इंडिया की मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज सौम्या तिवारी का जन्म मार्च 2005 में भोपाल में हुआ था। 17 साल की सौम्या तिवारी दाएं हाथ की बल्लेबाज हैं। सौम्या ने ही कल विनिंग शॉट लगाकर भारत को चैंपियन बनाया था। इंग्लैंड के खिलाफ उन्होंने 37 गेंदों में 24 रन की पारी खेली थी। सौम्या तिवारी को लेकर एक बात कही जाती है कि वो विराट कोहली की बहुत बड़ी फैन हैं और उन्हीं की तरह खेलने की कोशिश करती हैं। सौम्या ने 2016 में क्रिकेट खेलना शुरू किया था। बचपन से ही उन्हें क्रिकेट से लगाव था। फैमिली के सपोर्ट से उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिला। 13 साल की उम्र में उन्होंने मध्य प्रदेश की अंडर-23 टीम में जगह बनाई। आपको बता दें कि सौम्या के पिता भी स्थानीय डिवीजन क्रिकेट खेल चुके हैं और उन्होंने बेटी को इस खेल में करियर बनाने के लिए काफी प्रेरित किया।
गोंगाडी त्रिशा
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तेलंगाना के बद्राचलम में जन्मी गोंगाडी त्रिशा ने फाइनल में अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने 24 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली थी। 8 साल की उम्र में ही उन्होंने अंडर 16 टीम में अपनी जगह बना ली थी। बेटी को क्रिकेटर बनाने की खातिर उनका परिवार अपनी पुश्तैनी जगह को छोड़कर हैदराबाद शिफ्ट हो गया था। गोंगाडी की काबिलियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूर्व भारतीय कप्तान मिताली राज भी उनकी फैन हैं। गोंगाडी को क्रिकेटर बनाने के लिए उनके परिवार ने अपनी जमीन बेच दी थी।
हर्षिता बसु
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पश्चिम बंगाल के हावड़ा में जन्मी हर्षिता बसु विकेटकीपर बल्लेबाज हैं। 18 साल की हर्षिता बसु टी20 वर्ल्ड कप में भारत की दूसरी विकेटकीपर थी। हर्षिता को इस विश्व कप में कमाल दिखाने के ज्यादा मौके तो नहीं मिले, लेकिन इतना है कि वो एक शानदार विकेटकीपर और कमाल की बल्लेबाज हैं।
टिटास साधु
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18 साल की साधु का जन्म भी पश्चिम बंगाल में हुआ था। टीम में उनका योगदान एक गेंदबाज का है। फाइनल में उन्होंने 4 ओवर में सिर्फ 6 रन देकर 2 विकेट लिए थे। उनके इस प्रदर्शन के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। टिटास को इंडियन क्रिकेट की दूसरी झूलन गोस्वामी कहा जाता है। वो गेंद को स्विंग और बाउंस दोनों करा लेती हैं।
मन्नत कश्यप
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पंजाब के पटियाला में जन्मी मन्नत कश्यप भारतीय टीम में गेंदबाज़ी आलराउंडर के तौर पर टीम में खेली है। मन्नत कश्यप को लेकर यह कहा जाता है कि उन्होंने बचपन में सबसे ज्यादा क्रिकेट लड़कों के साथ खेला है। मन्नत की एक बहन नूपुर कश्यप भी स्टेट लेवल पर क्रिकेट खेल रही हैं।
अर्चना देवी
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उत्तर प्रदेश के उन्नाव में जन्मी अर्चना देवी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है। पिता की कैंसर से मौत और भाई की सांप के काटने से हुई मौत के बाद अर्चना की मां को लेकर डायन कहने लगे थे। बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली अर्चना देवी ने कल के मैच में भारत की जीत में अहम रोल निभाया था। अर्चना देवी ने टूर्नामेंट के 7 मैचों में कुल 8 विकेट लिए थे। अर्चना की मां ने खेतों में मजदूरी करके उन्हें क्रिकेटर बनाया है।
पार्शवी चोपड़ा
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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में जन्मी लेग स्पिनर पार्शवी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 3 विकेट लिए थे और सेमीफाइनल में भारत को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। पार्शवी इस टूर्नामेंट में शेफाली और श्वेता के बाद सबसे बड़ी स्टार बनकर उभरी हैं। फाइनल में पार्शवी ने 2 विकेट लिए थे। पार्शवी ने अपने पिता के कहने पर क्रिकेटर बनने का सोचा था।
सोनम यादव
यूपी के फिरोजाबाद में जन्मी 18 साल की सोनम यादव की कहानी भावुक कर देने वाली है। उनके पिता मजदूरी करते हैं। इतना ही नहीं सोनम के भाई को भी क्रिकेटर बनने की इच्छा थी, लेकिन उसका करियर आगे नहीं बढ़ सका, लेकिन बहन ने भाई के सपने को पूरा किया। सोनम यादव का टीम में रोल बाएं हाथ की स्पिनर का है और वो बल्लेबाज को अपनी फ्लाइट गेंदों से छकाती हैं।
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