ऋषभ पंत चैक बाउंस मामले मे दिल्ली कोर्ट ने दिया मुंबई जेल को आरोपी को पेश करने का नोटिस
नई दिल्ली, 24 मई: दिल्ली की एक अदालत ने हाल ही में क्रिकेटर ऋषभ पंत द्वारा दायर चेक बाउंस मामले में आरोपी हरियाणा के क्रिकेटर मृणांक सिंह को पेश करने के लिए आर्थर रोड जेल अधिकारियों को नोटिस जारी किया।

दिल्ली कैपिटल के क्रिकेटर और कप्तान ऋषभ पंत ने आरोप लगाया है कि मृनांक सिंह ने भारी छूट पर महंगी घड़ियों और अन्य सामानों की व्यवस्था करने के बहाने उनसे 1.63 करोड़ रुपये ठगे। मृनांक नाम का यह बंदा एक व्यापारी की शिकायत पर जुहू, मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज कराए गए धोखाधड़ी के एक अन्य मामले में आर्थर रोड जेल में बंद है।
साकेत जिला न्यायालय के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अभितेश कुमार ने 13 मई को आर्थर रोड जेल अधिकारियों को 19 जुलाई 2022 को सुनवाई की अगली तारीख पर मृणांक को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश करने का नोटिस जारी किया।
कोर्ट ने संबंधित एसएचओ को नोटिस तामील करने का निर्देश दिया है।

अदालत को बताया गया कि मृनांक सिंह जुहू पुलिस स्टेशन, मुंबई में दर्ज एक मामले के सिलसिले में 3 मई 2022 से आर्थर रोड जेल में बंद है।
पंत ने अपने मैनेजर पुनीत सोलंकी के साथ मृनांक सिंह के खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि चेक बाउंस के जरिए उनसे 1.63 करोड़ रुपये ठगे गए। शिकायतकर्ता ने अंतरिम मुआवजे की भी मांग की।
संन्यास लेने की उम्र में दिनेश कार्तिक का कारनामा, बोले- ये है मेरा मोस्ट स्पेशल कमबैक
शिकायत में कहा गया है कि पंत को मृनांक ने बताया कि उसने लग्जरी घड़ियों, मोबाइल और आभूषणों का व्यवसाय शुरू किया है और वह इन वस्तुओं को छूट पर खरीद सकता है। उसने ऋषभ से यह भी कहा कि वह अपने महंगे सामान जैसे घड़ियां, आभूषण और अन्य सामान अच्छी कीमत पर बेच सकता है।
पंत 36.25 लाख रुपये और 62.60 लाख रुपये की दो इंपोर्टिड घड़ियां बेचना चाहते थे और दोनों वस्तुओं को मृनांक को सौंप दिया। इसके अलावा, पंत ने उन्हें विभिन्न लक्जरी सामान खरीदने के लिए 2 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया। ऐसा शिकायत में कहा गया है।
शिकायत में आरोप लगाया गया कि सिंह सामान प्राप्त करने में विफल रहे और सौदा रद्द कर दिया गया। इसके बाद दोनों पक्ष 1.63 करोड़ रुपये के आपसी मौखिक समझौते पर पहुंचे और सिंह ने उन्हें उक्त राशि के लिए एक चेक दिया, लेकिन अपर्याप्त धनराशि के कारण बाउंस हो गया। ऐसा याचिका में कहा गया है।